नई दिल्ली : अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने बीजेपी नेता और गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि शाह ने अपने एक इंटरव्यू बयान दिया कि अगर केजरीवाल पहले नोटिस पर जाते तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता. इससे साफ पता चलता है कि बीजेपी और उसकी ईडी शुरू से ही उनको गिरफ्तार करना चाहती थी. आतिशी ने यह भी दावा किया कि बीजेपी दो साल से ईडी और सीबीआई की मदद से आप पार्टी को खत्म करने की साजिश रच रही है.
ईडी का इरादा - पहले दिन से ही केजरीवाल को गिरफ्तार करने का
आतिशी का कहना है कि केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए बार-बार समन जारी किया जा रहा था. हम शुरू से कह रहे हैं कि ये बीजेपी के समन थे, लेकिन बीजेपी कहती थी ईडी एक स्वतंत्र जांच एजेंसी है. लेकिन गृह मंत्री अमित शाह खुद कह चुके हैं कि बीजेपी शासित केंद्र सरकार और ईडी की मंशा पहले दिन से ही अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने की थी. इस बयान से साफ जाहिर होता है कि यह पूरा शराब नीति मामले में एक सोची समझी साजिश और षड्यंत्र है.
उन्होंने कहा कि आज मैं पूरे देश को बताना चाहती हूं कि पीएम मोदी और अमित शाह को अरविंद केजरीवाल से डर लगता है. जब अरविंद केजरीवाल बीजेपी के 10 साल के कार्यकाल की पोल खोलते हैं, तो बीजेपी डर जाती है. इसलिए भाजपा की ईडी व सीबीआई ने फर्जी केस बनाकर आप पार्टी के एक-एक नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है. पहले सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया और अब अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया.
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आतिशी ने कहा कि पीएम मोदी को जवाब देना चाहिए कि बीजेपी से जुड़े संगठन और लोग आरक्षण का विरोध क्यों करते हैं. मोहन भागवत का आरक्षण ख़त्म करने का बयान भी सालों से चला आ रहा है. पीएम मोदी के पूर्व सलाहकार भी बार-बार आरक्षण खत्म करने की बात कह चुके हैं. पीएम मोदी को बताना चाहिए कि वे 272 सीटों से संतुष्ट क्यों नहीं हैं और उन्हें 400 सीटें क्यों चाहिए, ताकि वे संविधान बदल सकें और आरक्षण खत्म कर सकें. उधर, चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली हुई. दिल्ली में भी मेयर का चुनाव नहीं होने दिया गया. सूरत और इंदौर में चुनाव नहीं होने दिया गया. पहले बीजेपी ऑपरेशन लोटस चलाकर पार्टियों को तोड़ती थी और सरकारें गिराती थी, लेकिन अब बीजेपी चुनाव नहीं होने दे रही है.
भाजपा को बताया महिला विरोधी पार्टी
आतिशी ने कहा कि भाजपा वाले यौन शोषण के आरोपी प्रज्ज्वल रेवन्ना के बारे में सबकुछ पहले से जानते थे, फिर भी उन्हें चुनाव के लिए टिकट दिया गया है. ऐसे ही अब महिला आयोग जैसी संस्था को बंद करने की कोशिश की जा रही है, जो परेशान व पीड़ित महिलाओं के लिए काम करती है. इससे साफ पता चलता है कि भाजपा एक महिला विरोधी पार्टी है.
जिन महिला आयोग की कर्मचारियों को हटाया गया है, उसमें कई सारी खुद एसिड अटैक पीड़िता हैं. एसिड अटैक से पीड़ित महिलाएं घर से नहीं निकल पाती हैं. उन्हें काम नहीं मिलता है. इसलिए स्वाति मालीवाल की पहल थी की ऐसी पीड़िताओं को काम दिया जाए, जिससे वह अन्य महिलाओं के लिए काम कर सकें.
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