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लखनऊ के अटल स्वास्थ्य मेले में पहुंचे मरीजों का होगा अच्छे संस्थान में इलाज - LUCKNOW ATAL MELA

लखनऊ में दो दिन का अटल स्वास्थ्य मेला हुआ. मेले में मरीजों को जांच और इलाज की सुविधाएं मुहैया कराई गईं.

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लखनऊ में अटल स्वास्थ्य मेला (photo credit; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 11 hours ago

लखनऊ: जिले में दो दिन का अटल स्वास्थ्य मेला हुआ. यहां प्रदेश भर से ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी मेले में निजी और सरकारी अस्पतालों के जरिए मरीजों को जांच और इलाज की सुविधाएं मुहैया कराई गई. दिव्यांगजनों को ई-ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर समेत अन्य कृत्रिम उपकरण लाए गए हैं. सीएमओ डॉ. एनबी सिंह के मुताबिक मेले में पहली दफा बच्चों का ऑपरेशन भी स्वास्थ्य विभाग कराएगा. इसमें निजी संस्था की मदद ली जाएगी. जिन बच्चों के दिल में छेद है या दूसरी दिल की बीमारी से वह ग्रस्त हैं. ऐसे बच्चों को मेले में रजिस्टर करके उन्हें ऑपरेशन के लिए हैदराबाद के बड़े संस्थान में भेजा जाएगा.

अटल स्वास्थ्य मेले में इलाज करने के लिए पहुंची राजीव गांधी नगर की ममता ने कहा कि हमने यहां पर बहुत सारी जांच कराई है. मेरी आंखों में बहुत दिक्कत थी. मैंने अपनी आंखों का चेकअप कराया. मेरी कमर में बहुत तकलीफ है. चलने फिरने में थोड़ी सी दिक्कत हो रही थी. जब यहां शिविर में आए, तो हमने यहां पर अपनी जांच कराई. दांत का भी ट्रीटमेंट लिया है. यहां पर सारी सुविधा निशुल्क हैं. हर जगह से हमें दवाई भी निशुल्क मिल गई है. आगे का जो इलाज होना है, वह निजी अस्पताल में होगा. यह हमारे लिए बहुत अच्छी बात रही. क्योंकि जब हम किसी निजी अस्पताल में जाते हैं, तो हमें अतिरिक्त पैसा जमा करना पड़ता है. जो हम जमा नहीं कर पाते हैं.

गांधीनगर के चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि हमें यहां पर एक ही जगह पर सभी अस्पताल और सभी विशेषज्ञ मिल रहे हैं. यह किसी भी आम व्यक्ति के लिए बहुत मददगार साबित हुआ है. मैंने अपनी सारी जांच कराई है. ईएनटी को दिखाया है. यहां से हमें दवा भी मिल गई है.

अटल स्वास्थ्य मेले में आए मरीजों और डॉक्टर ने दी जानकारी (video credit; Etv Bharat)

अटल स्वास्थ्य केंद्र से मिली व्हीलचेयर: नगाराम निवासी पद्मिनी ने बताया कि छोटे में उन्हें पोलियो की शिकायत हो गई थी. जिसके कारण चलने फिरने में असमर्थता थी. बिना व्हीलचेयर के कहीं जाने आने में बड़ी समस्या होती थी. बाजार भी जाने के लिए घर वालों का सहारा लेना पड़ता था. घर पर पति हैं. दो बच्चे हैं. लेकिन, अकेले में कहीं भी जाने आने में असमर्थ थी. अब मुझे यहां पर सरकार के द्वारा अटल स्वास्थ्य केंद्र में व्हीलचेयर मिली है. इसके द्वारा मैं कहीं भी आराम से जाने आने में समर्थ रहूंगी.

लखनऊ के निगोहां निवासी कुलदीप ने कहा कि पिता गोमती सोनकर मजदूर और मां शांति सोनकर गृहणी हैं. मैं पैरों से लाचार हूं. आर्थिक तंगी के कारण ट्राइ साइकिल नहीं ले पा रहा था. घिसट कर चलते थे. दवा लानी हो या बाजार जाना हो दूसरे के सहारे जाना पड़ता था. अब ई-ट्राइ साइकिल की मदद से खुद के कार्य आसानी से कर सकूंगा.

केके हॉस्पिटल के मैनेजर डॉक्टर एसपी सिंह ने कहा, कि हमारे यहां मरीजों की काफी संख्या रही. बहुत सारे मरीजों को कैंप में देखा गया है. आज करीब 250 मरीज इलाज करने के लिए पहुंचे. यही आंकड़ा कल भी था. जिन मरीजों का इलाज नहीं हुआ था. उनकी प्राथमिक जांच कराई गई है. इस तरह के कार्यक्रम और कैंप हर साल आयोजित होते हैं. यहां पर निशुल्क इलाज मरीज को उपलब्ध हो जाता है.

पैरामेडिकल कॉलेज के डॉक्टर नवीन सिंह ने बताया, कि पिछले चार बार से अटल स्वास्थ्य मेला आयोजित हो रहा है. हर बार हम यहां पर आकर मरीज के लिए कैंप लगाते हैं. यहां पर मरीजों को सारी सुविधाएं मिल जाती हैं. जो प्राथमिक उपचार में शामिल होता है. जांच दवा सब कुछ उपलब्ध होता है. इसके अलावा अगर जांच के दौरान मरीज को कोई गंभीर बीमारी सामने आती है, तो उसका पूरा ट्रीटमेंट संस्थान करता है.

टीएस मिश्रा हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर दिव्यांश ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया, कि बीते दिन 350 हमारे यहां पर देखे गए थे. क्योंकि, इस मेले में बहुत सारे गरीब वर्ग के मरीज इलाज करने के लिए पहुंचे. उनका पंजीकरण भी हमने किया है. बहुत सारे मरीजों को दवा दी गई है. उनकी जांच कराई गई.

ट्रीटमेंट होगा निशुल्क: अवध अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्राची अग्रवाल ने बताया कि हमारे पास सभी विशेषज्ञ है. लेकिन, बहुत सारी महिलाएं हमारे पास आई. उनकी हमने प्राथमिक रूटीन जांच कराई. जांच के आधार पर हमने देखा, कि ज्यादातर जो महिलाएं आयी हैं, वह एनीमिया की शिकार है. यानी कि उनमें हीमोग्लोबिन की कमी है. बहुत सी महिलाएं ऐसी रही, जिनकी मांसपेशियों और कमर में अत्यधिक दर्द है. इन सभी महिलाओं को हमने दवाई दी है. जो ऐसी महिलाएं हैं, जिनका हीमोग्लोबिन बहुत ज्यादा कम था, उनका हमने पंजीकरण किया है. वह हमारी अस्पताल आएंगी और उनका हम बाकी ट्रीटमेंट अस्पताल में करेंगे. यह पूरा ट्रीटमेंट निशुल्क होगा.

केके हॉस्पिटल किस सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर नितिन दुबे ने बताया कि हमारे यहां पर बहुत सारे मरीज आए हैं. करीब 250 से अधिक मरीजों को बीते दिन बुधवार को देखा गया. आज भी सुबह से अभी तक 120 मरीज आ चुके हैं. इनमें से बहुत से मरीजों का पंजीकरण किया गया है. मरीज को निशुल्क दवा भी उपलब्ध कराई गई है.

इन्हें मिली सीपी चेयर: गोसाईंगंज के दंपत्ति विपिन और शशि गुप्ता का 7 वर्षीय बेटे व्योम गुप्ता के दोनों पैरों में दिक्कत है. उसे सीपी चेयर मिली है. इससे पैर ठीक हो सकेंगे. विपिन ने बताया बाजार में इस चेयर की कीमत 10 हजार से भी अधिक है.

अटल स्वास्थ्य मेले के पहले दिन 8775 पंजीकरण व टेस्ट हुए और 113 अल्ट्रासाउंड किए गए. 361 आयुष्मान कार्ड बनाए गए और 128 दिव्यांगों को कृत्रिम अंग और ट्राई साइकिल वितरित की गई. 10 लोगों ने रक्दान किया. 70 वर्ष, उससे अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड भी बनाए जा रहे हैं. कार्यक्रम संयोजक भाजपा नेता नीरज सिंह ने बताया, कि 5 वर्षों से आयोजित स्वास्थ्य मेला अटल को समर्पित है. 2019 में पहले स्वास्थ्य मेले में 7,500 हजार ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जबकि 23 में 20 हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन कराए गए.

यह भी पढ़ें - लखनऊ-अयोध्या ने तोड़ा रिकार्ड, यूपी बना पर्यटकों के लिए दुनिया की 5वीं सबसे पसंदीदा जगह - TOURISM IN UP

लखनऊ: जिले में दो दिन का अटल स्वास्थ्य मेला हुआ. यहां प्रदेश भर से ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी मेले में निजी और सरकारी अस्पतालों के जरिए मरीजों को जांच और इलाज की सुविधाएं मुहैया कराई गई. दिव्यांगजनों को ई-ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर समेत अन्य कृत्रिम उपकरण लाए गए हैं. सीएमओ डॉ. एनबी सिंह के मुताबिक मेले में पहली दफा बच्चों का ऑपरेशन भी स्वास्थ्य विभाग कराएगा. इसमें निजी संस्था की मदद ली जाएगी. जिन बच्चों के दिल में छेद है या दूसरी दिल की बीमारी से वह ग्रस्त हैं. ऐसे बच्चों को मेले में रजिस्टर करके उन्हें ऑपरेशन के लिए हैदराबाद के बड़े संस्थान में भेजा जाएगा.

अटल स्वास्थ्य मेले में इलाज करने के लिए पहुंची राजीव गांधी नगर की ममता ने कहा कि हमने यहां पर बहुत सारी जांच कराई है. मेरी आंखों में बहुत दिक्कत थी. मैंने अपनी आंखों का चेकअप कराया. मेरी कमर में बहुत तकलीफ है. चलने फिरने में थोड़ी सी दिक्कत हो रही थी. जब यहां शिविर में आए, तो हमने यहां पर अपनी जांच कराई. दांत का भी ट्रीटमेंट लिया है. यहां पर सारी सुविधा निशुल्क हैं. हर जगह से हमें दवाई भी निशुल्क मिल गई है. आगे का जो इलाज होना है, वह निजी अस्पताल में होगा. यह हमारे लिए बहुत अच्छी बात रही. क्योंकि जब हम किसी निजी अस्पताल में जाते हैं, तो हमें अतिरिक्त पैसा जमा करना पड़ता है. जो हम जमा नहीं कर पाते हैं.

गांधीनगर के चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि हमें यहां पर एक ही जगह पर सभी अस्पताल और सभी विशेषज्ञ मिल रहे हैं. यह किसी भी आम व्यक्ति के लिए बहुत मददगार साबित हुआ है. मैंने अपनी सारी जांच कराई है. ईएनटी को दिखाया है. यहां से हमें दवा भी मिल गई है.

अटल स्वास्थ्य मेले में आए मरीजों और डॉक्टर ने दी जानकारी (video credit; Etv Bharat)

अटल स्वास्थ्य केंद्र से मिली व्हीलचेयर: नगाराम निवासी पद्मिनी ने बताया कि छोटे में उन्हें पोलियो की शिकायत हो गई थी. जिसके कारण चलने फिरने में असमर्थता थी. बिना व्हीलचेयर के कहीं जाने आने में बड़ी समस्या होती थी. बाजार भी जाने के लिए घर वालों का सहारा लेना पड़ता था. घर पर पति हैं. दो बच्चे हैं. लेकिन, अकेले में कहीं भी जाने आने में असमर्थ थी. अब मुझे यहां पर सरकार के द्वारा अटल स्वास्थ्य केंद्र में व्हीलचेयर मिली है. इसके द्वारा मैं कहीं भी आराम से जाने आने में समर्थ रहूंगी.

लखनऊ के निगोहां निवासी कुलदीप ने कहा कि पिता गोमती सोनकर मजदूर और मां शांति सोनकर गृहणी हैं. मैं पैरों से लाचार हूं. आर्थिक तंगी के कारण ट्राइ साइकिल नहीं ले पा रहा था. घिसट कर चलते थे. दवा लानी हो या बाजार जाना हो दूसरे के सहारे जाना पड़ता था. अब ई-ट्राइ साइकिल की मदद से खुद के कार्य आसानी से कर सकूंगा.

केके हॉस्पिटल के मैनेजर डॉक्टर एसपी सिंह ने कहा, कि हमारे यहां मरीजों की काफी संख्या रही. बहुत सारे मरीजों को कैंप में देखा गया है. आज करीब 250 मरीज इलाज करने के लिए पहुंचे. यही आंकड़ा कल भी था. जिन मरीजों का इलाज नहीं हुआ था. उनकी प्राथमिक जांच कराई गई है. इस तरह के कार्यक्रम और कैंप हर साल आयोजित होते हैं. यहां पर निशुल्क इलाज मरीज को उपलब्ध हो जाता है.

पैरामेडिकल कॉलेज के डॉक्टर नवीन सिंह ने बताया, कि पिछले चार बार से अटल स्वास्थ्य मेला आयोजित हो रहा है. हर बार हम यहां पर आकर मरीज के लिए कैंप लगाते हैं. यहां पर मरीजों को सारी सुविधाएं मिल जाती हैं. जो प्राथमिक उपचार में शामिल होता है. जांच दवा सब कुछ उपलब्ध होता है. इसके अलावा अगर जांच के दौरान मरीज को कोई गंभीर बीमारी सामने आती है, तो उसका पूरा ट्रीटमेंट संस्थान करता है.

टीएस मिश्रा हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर दिव्यांश ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया, कि बीते दिन 350 हमारे यहां पर देखे गए थे. क्योंकि, इस मेले में बहुत सारे गरीब वर्ग के मरीज इलाज करने के लिए पहुंचे. उनका पंजीकरण भी हमने किया है. बहुत सारे मरीजों को दवा दी गई है. उनकी जांच कराई गई.

ट्रीटमेंट होगा निशुल्क: अवध अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्राची अग्रवाल ने बताया कि हमारे पास सभी विशेषज्ञ है. लेकिन, बहुत सारी महिलाएं हमारे पास आई. उनकी हमने प्राथमिक रूटीन जांच कराई. जांच के आधार पर हमने देखा, कि ज्यादातर जो महिलाएं आयी हैं, वह एनीमिया की शिकार है. यानी कि उनमें हीमोग्लोबिन की कमी है. बहुत सी महिलाएं ऐसी रही, जिनकी मांसपेशियों और कमर में अत्यधिक दर्द है. इन सभी महिलाओं को हमने दवाई दी है. जो ऐसी महिलाएं हैं, जिनका हीमोग्लोबिन बहुत ज्यादा कम था, उनका हमने पंजीकरण किया है. वह हमारी अस्पताल आएंगी और उनका हम बाकी ट्रीटमेंट अस्पताल में करेंगे. यह पूरा ट्रीटमेंट निशुल्क होगा.

केके हॉस्पिटल किस सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर नितिन दुबे ने बताया कि हमारे यहां पर बहुत सारे मरीज आए हैं. करीब 250 से अधिक मरीजों को बीते दिन बुधवार को देखा गया. आज भी सुबह से अभी तक 120 मरीज आ चुके हैं. इनमें से बहुत से मरीजों का पंजीकरण किया गया है. मरीज को निशुल्क दवा भी उपलब्ध कराई गई है.

इन्हें मिली सीपी चेयर: गोसाईंगंज के दंपत्ति विपिन और शशि गुप्ता का 7 वर्षीय बेटे व्योम गुप्ता के दोनों पैरों में दिक्कत है. उसे सीपी चेयर मिली है. इससे पैर ठीक हो सकेंगे. विपिन ने बताया बाजार में इस चेयर की कीमत 10 हजार से भी अधिक है.

अटल स्वास्थ्य मेले के पहले दिन 8775 पंजीकरण व टेस्ट हुए और 113 अल्ट्रासाउंड किए गए. 361 आयुष्मान कार्ड बनाए गए और 128 दिव्यांगों को कृत्रिम अंग और ट्राई साइकिल वितरित की गई. 10 लोगों ने रक्दान किया. 70 वर्ष, उससे अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड भी बनाए जा रहे हैं. कार्यक्रम संयोजक भाजपा नेता नीरज सिंह ने बताया, कि 5 वर्षों से आयोजित स्वास्थ्य मेला अटल को समर्पित है. 2019 में पहले स्वास्थ्य मेले में 7,500 हजार ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जबकि 23 में 20 हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन कराए गए.

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