कांकेर : जल, जंगल और जमीन ये वो चीजें हैं जिनके लिए जीवन भर आदिवासी समाज संघर्ष करता है. लेकिन विकास की वेदी के लिए सबसे पहले इन्हीं तीनों चीजों को अपनी कुर्बानी देनी पड़ती है. वैसे तो इन तीन चीजों के बिना सृष्टि की रचना नहीं हो सकती.फिर आज का मानव अपनी तरक्की के लिए इन्हीं सबसे जरुरी चीजों की बलि दे देता है. ये जानते हुए कि जमीन और जंगल सीमित है फिर भी इनका दोहन होता है.लेकिन कुछ लोग हैं जो इन चीजों का मूल्य समझते हैं.साथ ही साथ दुनिया को भी प्रकृति का मोल समझाने के लिए अभियान में जुट गए हैं.
प्रकृति को बचाने का संदेश : जंगल को बचाने और पर्यवारण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 20 साल का नौजवान अभियान पर निकला है.इस युवक का नाम है अस्तु नाग.जो जगदलपुर के पुसपाल ब्लॉक में रहता है.ये युवक अगले डेढ़ साल तक देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर लोगों से जंगलों को बचाने की अपील करेगा.अपनी यात्रा की शुरुआत अस्तु नाग ने दंतेश्वरी माता का आशीर्वाद लेने के बाद की.
जंगल कटने से है दुखी : इस दौरान ईटीवी भारत ने अस्तु नाग से बात की.अस्तु ने बताया कि मेरा उनका उद्देश्य है कि छत्तीसगढ़ में जिस तेजी से पेड़ कट रहे हैं,उनका रोका जाए.क्योंकि जंगल हमारे लिए काफी जरुरी हैं.अस्तु भारत भ्रमण करके लोगों को पेड़ बचाओ पेड़ लगाओ का संदेश देना चाहते हैं. अस्तु आगे कहते है सब अपने में मगन हैं कोई ध्यान नहीं देता है. मैं उतना पढ़ा लिखा नहीं हूं कि पेड़ों को बचाने के लिए ज्यादा कुछ कर सकूं.इसलिए सोचा कि जब सब पढ़े लिखे भाई अपने में मगन हैं तो मैं यही काम कर लेता हूं.
''हसदेव अरण्य में बड़े पैमाने पर पेड़ काटे गए हैं. जिसकी जानकारी समाचार पत्र और टीवी चैनल के माध्यम से मिली. तब से मैं बहुत दुखी हूं. हमारी जिंदगी का सहारा ये पेड़ ही हैं. लेकिन कुछ लोग इन पेड़ों को काट रहे हैं यह ठीक नहीं है. आने वाले समय में जंगल खत्म नहीं हो इसी उद्देश्य को लेकर यात्रा कर रहा हूं,जो डेढ़ साल तक चलेगी.'' - अस्तु नाग, प्रकृति प्रेमी
प्रकृति के प्रति जनजागरुकता फैलाना लक्ष्य : अस्तु नाग की उम्र भले ही कम हो लेकिन उनकी सोच दूसरों को जागरुक करने की है. अस्तु का मानना है कि उनके इस अभियान से जनजागरुकता फैलेगी और लोग पेड़ों के महत्व को समझेंगे.इसी लक्ष्य को लेकर अस्तु नाग पहले भी पूरे छत्तीसगढ़ का भ्रमण कर चुके हैं. लेकिन अब अन्य राज्यों में जाकर अस्तु लोगों को जागरुक करेंगे. इस यात्रा की शुरुआत जगदलपुर से करने के बाद अस्तु ओडिशा,आंध्रप्रदेश और तेलंगाना राज्य में जाएंगे.यात्रा का अंतिम पड़ाव मध्यप्रदेश होगा.