जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जस्टिस जीएस अहलुवालिया तथा जस्टिस प्रमोद अग्रवाल की ग्रीष्मकालीन युगलपीठ ने एमपीपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. युगलपीठ ने सहायक प्रोफेसर के एग्जाम में शामिल किये जाने की मांग को अस्वीकार कर दिया.
अतिथि प्राध्यापकों ने याचिका में ये दलीलें दी
याचिकाकर्ता विशाल सूर्यवंशी व संदीप पटेल की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया "वे अतिथि प्राध्यापक के तौर पर कार्यरत हैं. सहायक प्रोफेसर पद के लिए वे लोग राज्य पात्रता परीक्षा में शामिल हुए थे. एमपीपीएससी ने राज्य पात्रता परीक्षा में 87:13 फॉर्मूला अपनाते हुए 13 प्रतिशत रिजल्ट को होल्ड कर लिया है." याचिका में कहा गया कि पात्रता परीक्षा में रिजल्ट को होल्ड नहीं किया जा सकता. याचिका में अंतरिम राहत चाही गयी थी कि गणित व कॉमर्स विषय के लिए 9 जून को होने वाली सहायक प्रोफेसर परीक्षा में उन्हें शामिल होने की अनुमति दी जाए.
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याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत से इंकार
याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि 87:13 फार्मूले की चुनौती देते हुए इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी, जो लंबित है. याचिकाकर्ता की तरफ से दलील दी गयी कि याचिका नियुक्ति के संबंध में है, पात्रता परीक्षा के संबंध में नहीं. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उच्च शिक्षा विभाग तथा एमपीपीएससी को नोटिस जारी किये हैं. युगलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता प्रणय चौबे ने पैरवी की.