जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने नेट परीक्षा का परिणाम देरी से आने के चलते सहायक प्रोफेसर भर्ती-2023 की चयन प्रक्रिया से बाहर करने के मामले में अभ्यर्थियों को राहत दी है. अदालत ने आरपीएससी को कहा है कि वह अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल करे. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश सुनील कुमार व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने गत वर्ष सहायक प्रोफेसर भर्ती निकाली थी, जिसमें नेट और सेट परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों को भी पात्र माना गया. याचिका में कहा गया कि एनटीए ने अप्रैल 2024 में नेट परीक्षा के लिए आवेदन मांगे और 18 जून को परीक्षा नियत की गई, जिसमें याचिकाकर्ताओं ने आवेदन किया. वहीं, बाद में परीक्षा को रद्द कर अगस्त में पुन: परीक्षा निर्धारित की गई. याचिका में कहा गया कि एनटीए ने अक्टूबर तक नेट का परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया.
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दूसरी ओर याचिकाकर्ता आठ अगस्त को भर्ती परीक्षा में शामिल होकर उसमें पास हो गए. इस पर उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया गया, लेकिन जब याचिकाकर्ता वहां पहुंचे तो उन्हें नेट पास नहीं का हवाला देकर साक्षात्कार में शामिल नहीं किया. याचिका में कहा गया कि नेट परीक्षा परिणाम में देरी के कारण उन्हें साक्षात्कार से वंचित नहीं किया जा सकता. वर्तमान में साक्षात्कार चल रहे हैं और 17 अक्टूबर को जारी नेट के परिणाम में वह पास हो गए हैं. ऐसे में उन्हें साक्षात्कार में शामिल किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को साक्षात्कार में शामिल करने को कहा है.