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असिस्टेंट इंजीनियर की नौकरी के लिए 25 अंक का कोटा बना कन्फ्यूजन का विषय, परेशान अभ्यर्थियों का प्रदर्शन - Assistant Engineer Candidates

Protest in Patna: पटना में सहायक अभियंता अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया है. इनका कहना है कि गवर्मेंट की पॉलिसी के कारण फ्रेशर अभ्यर्थियों को नई बहाली में मौका नहीं मिल पा रहा है. जिस वजह से उन लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.

Bihar Assistant Engineer Job
बिहार असिस्टेंट इंजीनियर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 29, 2024, 2:21 PM IST

पटना: बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों से इंजीनियरिंग पास कर चुके युवाओं के लिए प्रदेश में असिस्टेंट इंजीनियर की नौकरी में 25 अंक का कोटा कन्फ्यूजन का विषय बन गया है. संविदा पर कार्यरत सहायक अभियंताओं को सरकार की तरफ से अधिकतम 25 अंक का वेटेज देने का प्रावधान है. अधिकतम 5 वर्ष के अनुभव का लाभ और प्रत्येक वर्ष के लिए पांच अंक लेकिन 25 अंक की बजाय संविदा पर कार्यरत सहायक अभियंताओं को सरकार की परमानेंट सहायक अभियंता की बहाली में 25% के वेटेज का लाभ मिल रहा है. जिससे फ्रेशर अभ्यर्थियों को नई बहाली में मौका नहीं मिल पा रहा है.

25 अंक के बजाय 25% कर जोड़े गए 133 अंक: सहरसा के रहने वाले शिवचंद्र कुमार ने बताया कि संविदा कार्यरत असिस्टेंट इंजीनियर के लिए बीपीएससी सहायक अभियंता की बहाली में अधिकतम 25 अंक देने का प्रावधान है लेकिन सरकार के अधिकारियों ने अंक को प्रतिशत में कर दिया है. उन्होंने बताया कि 400 अंक की परीक्षा में 25% के तौर पर 133 अंक जोड़े गए हैं. उन्होंने बताया कि सारा कैलकुलेशन फेल कर जा रहा है कि 400 की परीक्षा में 25% अंक भी होगा तो 133 अंक कैसे हो जाएगा.

पटना में असिस्टेंट इंजीनियर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन (ETV Bharat)

"परीक्षा में जितने अभ्यर्थियों के नंबर आए हैं, उनमें संविदा कर्मियों के अनुभव को प्रतिशत में करके जोड़ दिया है. इसका परिणाम यह हुआ है कि 195 अंक परीक्षा में लाने वाला टॉप कर गया है और 307 अंक लाने वाला सातवें और नंबर पर गया है."- शिवचंद्र कुमार, असिस्टेंट इंजीनियर अभ्यर्थी

वर्षों से नहीं आई संयुक्त बहाली: शिवचंद्र कुमार ने बताया कि प्रदेश में असिस्टेंट इंजीनियर की कंबाइंड वैकेंसी 2017 के बाद से अब तक नहीं आई है. बीच में अलग-अलग विभागों में कुछ वैकेंसी आई तो उसमें भी संविदा कर्मियों को 25 अंक की प्राथमिकता के बजाय 25% अंक की प्राथमिकता देकर फ्रेशर कैंडिडेट को बहाली प्रक्रिया से दूर कर दिया गया.

असिस्टेंट इंजीनियर अभ्यर्थी की डिमांड है कि सरकार स्पष्ट करें कि इसकी अधिसूचना 25 अंक की सही है या सरकार के अधिकारी जो 25% अंक जोड़ रहे हैं, वह सही है. इसके अलावा सरकार अविलंब प्रदेश में असिस्टेंट इंजीनियर की वैकेंसी लाया ताकि लाखों बेरोजगार इंजीनियरिंग अभ्यार्थियों को नौकरी में शामिल होने का अवसर मिल सके.

इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स कैलकुलेशन का मजाक: समस्तीपुर की रहने वाली इंजीनियरिंग ग्रेजुएट अन्वी ने कहा कि सरकार इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के साथ कैलकुलेशन का मजाक कर रही है. 25 अंक के बजाय 25% अंक करके रिजल्ट में जोड़ा जा रहा है. इसका परिणाम है कि 400 अंक की परीक्षा में 300 से अधिक अंक लाने वाले अभ्यर्थी फेल कर जा रहे हैं और 175 अंक लाने वाले अभ्यर्थी पास कर जा रहे हैं.

"70 गाय और 30 भैंस को जोड़कर 100 गाय नहीं लिखा जा सकता है. परीक्षा में जितने अंक आए हैं, उसको परसेंटेज में निकाल कर उसे अंक के तौर पर गिनते हुए उसमें 25 जोड़ कर रिजल्ट दिया गया है. संविदा पर कार्यरत असिस्टेंट इंजीनियर को 25 अंक का वेटेज मिले, इसमें उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन यदि 25 प्रतिशत अंक का वेटेज दे दिया जाएगा तो फ्रेश अभ्यर्थियों को मौका ही नहीं मिलेगा."- अन्वी, इंजीनियरिंग ग्रेजुएट

बंद हो संविदा की बहाली: छात्र नेता दिलीप ने कहा कि इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को सरकार के अधिकारी टहला रहे हैं. संविदा पर कार्यरत असिस्टेंट इंजीनियरों को परमानेंट सरकारी कर्मी के तौर पर अस्सिटेंट इंजीनियर बनाने के लिए सरकार के अधिकारियों की साजिश चल रही है. जब नियम है कि 25 अंक का वेटेज दिया जाएगा तो 25% अंक कैसे दिया जा रहा है, यह कोई क्लियर नहीं कर रहा.

"हम सरकार से मांग करते हैं कि सरकारी आदेश की अवहेलना करके अधिकारियों ने जो गड़बड़ी की है, उसकी जांच हो. आखिर 25 अंक के बजाय 25% तक क्यों जोड़ा गया उसे स्पष्ट किया जाए. क्या कहीं पैसे का लेनदेन हुआ है, इसकी जांच हो और संविदा की बहाली अविलंब बंद हो."- दिलीप, छात्र नेता

छात्र नेता ने की संयुक्त वैकेंसी की मांग: छात्र नेता दिलीप ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद एक इंजीनियर है लेकिन उन्हें के बनाए गए प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज के पास आउट इंजीनियरिंग स्टूडेंट आज बेरोजगार हैं और नौकरी के लिए भटक रहे हैं. वर्षों से सरकार की असिस्टेंट इंजीनियर के पद के लिए वैकेंसी नहीं आई है. कैलेंडर के अनुरूप सहायक इंजीनियर की परमानेंट वैकेंसी लाई जाए ताकि लाखों के तादाद में जो इंजीनियरिंग पास अभ्यर्थी हैं, उन्हें उनके क्षेत्र में काम करने का मौका मिल सके और एक सरकारी नौकरी हासिल कर सकें.

ये भी पढ़ें: 'रिजल्ट दो नहीं तो किडनी ले लो', पटना में BPSC के बाहर सहायक अभियंता अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

पटना: बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों से इंजीनियरिंग पास कर चुके युवाओं के लिए प्रदेश में असिस्टेंट इंजीनियर की नौकरी में 25 अंक का कोटा कन्फ्यूजन का विषय बन गया है. संविदा पर कार्यरत सहायक अभियंताओं को सरकार की तरफ से अधिकतम 25 अंक का वेटेज देने का प्रावधान है. अधिकतम 5 वर्ष के अनुभव का लाभ और प्रत्येक वर्ष के लिए पांच अंक लेकिन 25 अंक की बजाय संविदा पर कार्यरत सहायक अभियंताओं को सरकार की परमानेंट सहायक अभियंता की बहाली में 25% के वेटेज का लाभ मिल रहा है. जिससे फ्रेशर अभ्यर्थियों को नई बहाली में मौका नहीं मिल पा रहा है.

25 अंक के बजाय 25% कर जोड़े गए 133 अंक: सहरसा के रहने वाले शिवचंद्र कुमार ने बताया कि संविदा कार्यरत असिस्टेंट इंजीनियर के लिए बीपीएससी सहायक अभियंता की बहाली में अधिकतम 25 अंक देने का प्रावधान है लेकिन सरकार के अधिकारियों ने अंक को प्रतिशत में कर दिया है. उन्होंने बताया कि 400 अंक की परीक्षा में 25% के तौर पर 133 अंक जोड़े गए हैं. उन्होंने बताया कि सारा कैलकुलेशन फेल कर जा रहा है कि 400 की परीक्षा में 25% अंक भी होगा तो 133 अंक कैसे हो जाएगा.

पटना में असिस्टेंट इंजीनियर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन (ETV Bharat)

"परीक्षा में जितने अभ्यर्थियों के नंबर आए हैं, उनमें संविदा कर्मियों के अनुभव को प्रतिशत में करके जोड़ दिया है. इसका परिणाम यह हुआ है कि 195 अंक परीक्षा में लाने वाला टॉप कर गया है और 307 अंक लाने वाला सातवें और नंबर पर गया है."- शिवचंद्र कुमार, असिस्टेंट इंजीनियर अभ्यर्थी

वर्षों से नहीं आई संयुक्त बहाली: शिवचंद्र कुमार ने बताया कि प्रदेश में असिस्टेंट इंजीनियर की कंबाइंड वैकेंसी 2017 के बाद से अब तक नहीं आई है. बीच में अलग-अलग विभागों में कुछ वैकेंसी आई तो उसमें भी संविदा कर्मियों को 25 अंक की प्राथमिकता के बजाय 25% अंक की प्राथमिकता देकर फ्रेशर कैंडिडेट को बहाली प्रक्रिया से दूर कर दिया गया.

असिस्टेंट इंजीनियर अभ्यर्थी की डिमांड है कि सरकार स्पष्ट करें कि इसकी अधिसूचना 25 अंक की सही है या सरकार के अधिकारी जो 25% अंक जोड़ रहे हैं, वह सही है. इसके अलावा सरकार अविलंब प्रदेश में असिस्टेंट इंजीनियर की वैकेंसी लाया ताकि लाखों बेरोजगार इंजीनियरिंग अभ्यार्थियों को नौकरी में शामिल होने का अवसर मिल सके.

इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स कैलकुलेशन का मजाक: समस्तीपुर की रहने वाली इंजीनियरिंग ग्रेजुएट अन्वी ने कहा कि सरकार इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के साथ कैलकुलेशन का मजाक कर रही है. 25 अंक के बजाय 25% अंक करके रिजल्ट में जोड़ा जा रहा है. इसका परिणाम है कि 400 अंक की परीक्षा में 300 से अधिक अंक लाने वाले अभ्यर्थी फेल कर जा रहे हैं और 175 अंक लाने वाले अभ्यर्थी पास कर जा रहे हैं.

"70 गाय और 30 भैंस को जोड़कर 100 गाय नहीं लिखा जा सकता है. परीक्षा में जितने अंक आए हैं, उसको परसेंटेज में निकाल कर उसे अंक के तौर पर गिनते हुए उसमें 25 जोड़ कर रिजल्ट दिया गया है. संविदा पर कार्यरत असिस्टेंट इंजीनियर को 25 अंक का वेटेज मिले, इसमें उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन यदि 25 प्रतिशत अंक का वेटेज दे दिया जाएगा तो फ्रेश अभ्यर्थियों को मौका ही नहीं मिलेगा."- अन्वी, इंजीनियरिंग ग्रेजुएट

बंद हो संविदा की बहाली: छात्र नेता दिलीप ने कहा कि इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को सरकार के अधिकारी टहला रहे हैं. संविदा पर कार्यरत असिस्टेंट इंजीनियरों को परमानेंट सरकारी कर्मी के तौर पर अस्सिटेंट इंजीनियर बनाने के लिए सरकार के अधिकारियों की साजिश चल रही है. जब नियम है कि 25 अंक का वेटेज दिया जाएगा तो 25% अंक कैसे दिया जा रहा है, यह कोई क्लियर नहीं कर रहा.

"हम सरकार से मांग करते हैं कि सरकारी आदेश की अवहेलना करके अधिकारियों ने जो गड़बड़ी की है, उसकी जांच हो. आखिर 25 अंक के बजाय 25% तक क्यों जोड़ा गया उसे स्पष्ट किया जाए. क्या कहीं पैसे का लेनदेन हुआ है, इसकी जांच हो और संविदा की बहाली अविलंब बंद हो."- दिलीप, छात्र नेता

छात्र नेता ने की संयुक्त वैकेंसी की मांग: छात्र नेता दिलीप ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद एक इंजीनियर है लेकिन उन्हें के बनाए गए प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज के पास आउट इंजीनियरिंग स्टूडेंट आज बेरोजगार हैं और नौकरी के लिए भटक रहे हैं. वर्षों से सरकार की असिस्टेंट इंजीनियर के पद के लिए वैकेंसी नहीं आई है. कैलेंडर के अनुरूप सहायक इंजीनियर की परमानेंट वैकेंसी लाई जाए ताकि लाखों के तादाद में जो इंजीनियरिंग पास अभ्यर्थी हैं, उन्हें उनके क्षेत्र में काम करने का मौका मिल सके और एक सरकारी नौकरी हासिल कर सकें.

ये भी पढ़ें: 'रिजल्ट दो नहीं तो किडनी ले लो', पटना में BPSC के बाहर सहायक अभियंता अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

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