लखनऊ : जिले में शुक्रवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में उन्होंने कहा कि जीरो पावर्टी-उत्तर प्रदेश अभियान के त्वरित कार्यान्वयन के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर अधिकतम 25 निर्धनतम परिवारों का चयन किया जाना है.
उन्होंने कहा कि निर्धनतम परिवारों की पहचान कर उन्हें तमाम योजनाओं का लाभ दिया जाएगा. इसके लिए उन्होंने प्रथम चरण में खंड विकास अधिकारियों द्वारा एन्यूमरेटर (ग्राम पंचायत स्तरीय कर्मचारी व कैडर) का सत्यापित प्रोफाइल जीरो पावर्टी पोर्टल http://zero-poverty.in पर सात दिन के भीतर पंजीकृत कराने के निर्देश दिए हैं.
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि इसमें पंचायत सहायक, रोजगार सेवक, समूह सखी, अन्य सामुदायिक कैडर व बीसी सखी सखी शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि निर्धनतम परिवारों की पहचान और उन्हें समयबद्ध चरण में गरीबी से निकालने का मुख्यमंत्री द्वारा संकल्प लिया गया है. चयनित परिवारों को खाद्य सुरक्षा, वस्त्र, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं व आवास से संतृप्त किया जाएगा. इन परिवारों की नियमित आय के लिए रोजगार व स्वरोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे. जो व्यक्ति कार्य करने में अक्षम है, उन्हें संचालित पेंशन योजनाओं का लाभ दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि सूचना की गुणवत्ता तथा संपूर्णता के लिए पांच सदस्यीय ग्राम स्तरीय समिति द्वारा इसे सत्यापित किया जाएगा. इस समिति में ग्राम प्रधान, भूतपूर्व ग्राम प्रधान, विद्यालय के वरिष्ठ प्रधानाध्यापक, दो सबसे पुराने स्वयं सहायता समूह के अध्यक्ष शामिल होंगे. प्रत्येक सदस्य निर्धनतम परिवार के लिए अलग-अलग अभिमत देंगे, जिसे अन्य सदस्य नहीं देख सकेंगे. सदस्य को स्थलीय सत्यापन के स्थान व समय पर ही सत्यापन के पश्चात अपना अभिमत मोबाइल पर देना होगा. मुख्य सचिव कैंप में विशेषज्ञ-टीम द्वारा सूचनाओं की सत्यता का परीक्षण भी किया जाएगा. सूचना पर संदेह होने पर थर्ड पार्टी द्वारा स्थलीय परीक्षण किया जायेगा. अंतिम चयनित निर्धनतम परिवारों की सूची को ग्राम पंचायत सचिवालय के कई स्थानों पर 15 दिनों के लिए चस्पा किया जाएगा.
मुख्य सचिव ने कहा कि निर्धनता का आंकलन द्विस्तरीय होगा. पहला भूमिहीन, आजीविका का कोई विकल्प नहीं, अनिश्चित आय, दिहाड़ी/ कृषि मजदूरी पर आश्रित, आर्थिक संसाधनों की कमी, परिवार में हमेशा खाने-पहनने की तंगी रहती है. द्वितीय स्तर एकल महिला (परित्यक्ता/ विधवा) सरकारी मदद से वंचित, परिवार का मुखिया/कमाऊ सदस्य विकलांग, मुखिया/कमाऊ सदस्य की उम्र 65 वर्ष या ज्यादा है, मुखिया/ कमाऊ सदस्य प्रवासी मजदूर है, परिवार का कोई सदस्य गंभीर बीमारी से ग्रसित है, परिवार आपदा प्रभावित स्थान पर निवास करता है, परिवार का आजीविका का साधन हस्तशिल्प/शिल्पकारी है, कोई भी सदस्य किसी आजीविका कौशल में सक्षम नहीं है और स्वयं सहायता समूह के सदस्य भी नहीं है.
उन्होंने कहा कि सभी यूनिट क्रियाशील हों और टाइम से डिलीवरी और सभी वेंडर्स का भुगतान समय से हो. इसके लिए मुख्य विकास अधिकारी की जवाबदेही तय की जाए. मुख्य विकास अधिकारियों द्वारा समय-समय पर इन यूनिटों का निरीक्षण व मॉनिटर किया जाए और कार्यरत महिलाओं को मोटिवेट किया जाए. बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी आदि उपस्थित थे.