जोधपुर: जिला ग्रामीण पुलिस में तैनात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) भोपालसिंह लखावत के गनमैन किशनाराम बिश्नोई और रीडर कांस्टेबल अनिल को निलंबित कर दिया गया है. इन दोनों पर आरोप है कि उन्होंने एनडीपीएस एक्ट के एक मामले की जांच के दौरान संदिग्ध व्यक्ति से डरा धमकाकर 1.20 लाख रुपए वसूल किए. मामले में एएसपी की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है. पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने बताया कि एनडीपीएस एक्ट मामले की जांच के दौरान लेन-देन की शिकायत पर दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है. मामले में एएसपी की भूमिका की जांच होगी. यह जांच अब एएसपी रघुनाथराम को सौंपी गई है. वहीं एएसपी भोपाल सिंह लखावत का कहना है कि एसपी को शिकायत मिली थी व जांच के बाद गनमैन सहित दो कांस्टेबल को निलंबित किया गया है. अभी जांच की जा रही है.
पूछताछ की, सीसीटीवी देखे : बताया जा रहा है कि पीड़ित से बिलाड़ा और जोधपुर में दो टुकड़ों में रुपए लिए गए. जिसकी शिकायत उसने SP से की. इस पर उन्होंने उसे जोधपुर बुलाया. एएसपी भोपालसिंह लखावत के गनमैन किशनाराम व रीडर कांस्टेबल अनिल ने ही पैसे लिए इसकी पुष्टि के लिए पहचान करवाई. जोधपुर जहां से रुपए लिए थे उस क्षेत्र के सीसीटीवी भी देख पुष्टि की. इसके बाद एसपी राममूर्ति जोशी ने पुष्टि कर दोनों को सस्पेंड कर दिया. इसमें लखावत की भूमिका भी संदेह के घेरे में है.
यह है मामला : कापरड़ा थाने में मादक पदार्थ की तस्करी का एक मामला दर्ज है. इसकी जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पास है. मामले में पकड़े गए आरोपी के मोबाइल की कॉल डिटेल की जांच के दौरान एक अन्य व्यक्ति से बातचीत करने का पता चला. तब एएसपी के गनमैन किशनाराम और रीडर अनिल ने संदिग्ध व्यक्ति से सम्पर्क करके मामले में फंसाने की धमकी दी. मामले से बाहर निकालने के लिए रुपए मांगे गए. आरोप है कि संदिग्ध व्यक्ति ने बिलाड़ा में 70 हजार रुपए दिए थे फिर 50 हजार रुपए जोधपुर में किसी से दिलवाए थे.
चार्ज मिलते ही हुआ खेल : दरअसल एनडीपीएस एक्ट मामले की जांच ग्रामीण पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (महिला अपराध रोकथाम व अनुसंधान सेल) रघुनाथराम ही कर रहे थे. वे 15 दिन से अधिक की लम्बी छुट्टी पर चले गए थे. इसलिए एएसपी ग्रामीण लखावत को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था और इसी दौरान मामले में गड़बड़ियां सामने आई हैं. अब एएसपी (ग्रामीण) की भूमिका भी जांच के दायरे में है.