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धरती की उत्पत्ति से डायनासोर के विलुप्त होने तक की दास्तान, सब मिलेगी इस म्यूजियम में - GWALIOR GEO SCIENCE MUSEUM

ग्वालियर में एशिया का पहला भूविज्ञान संग्रहालय बनकर तैयार हो गया है. रविवार 15 दिसंबर को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ इसका उद्घाटन करेंगे.

GWALIOR GEO SCIENCE MUSEUM
ग्वालियर के भूविज्ञान संग्रहालय का 15 दिसंबर को उद्घाटन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

ग्वालियर: धरती की उत्पत्ति से लेकर ह्यूमन रिवॉल्यूशन तक, भूकंप से ज्वालामुखी के फटने तक ये सारी घटनाएं कैसे होती हैं, कैसे इस धरती पर डायनासोर आए और कैसे गायब हो गए, पानी कैसे बना, सौरमंडल में ग्रहों का संतुलन कैसे है. इन सारे सवालों का जवाब अगर आप जानना चाहते हैं तो, जल्द ही आपको सारे जवाब मिलने वाले हैं. इसके लिए आपको बस ग्वालियर आना होगा. क्योंकि यहां एशिया का एक मात्र जियो साइंस म्यूजियम बनकर तैयार हो गया है. 15 दिसंबर को उद्घाटन के बाद इसको आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे उद्घाटन

संगीत नगरी ग्वालियर के नाम अब एक नई उपलब्धि दर्ज होने जा रही है. ग्वालियर को विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है. यहां पर देश ही नहीं बल्कि एशिया महाद्वीप का एकमात्र जियो साइंस म्यूजियम (भूविज्ञान संग्रहालय) बनकर तैयार हो गया है. अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करके बनाए गए इस म्यूजियम का रविवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ उद्घाटन करेंगे. साथ में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहेंगे.

ग्वालियर में एशिया का पहला जियो साइंस म्यूजियम बनकर तैयार (ETV Bharat)

विक्टोरिया मार्केट को मिली नई पहचान

ग्वालियर महाराज बाड़े पर बना यह भूविज्ञान संग्रहालय लगभग 35 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है. इसका निर्माण केंद्र सरकार द्वारा कराया गया है. इसे तैयार करने में कई भूवैज्ञानिकों की मेहनत लगी है, जो देखते ही बनती है. महाराज बाड़े पर स्थित विक्टोरिया मार्केट 2010 में जब आग से पूरी तरह खाक हुआ था तो शायद किसी ने नहीं सोचा नहीं होगा कि जब यह इमारत दोबारा खड़ी होगी तो विश्व पटल पर अपनी पहचान बनाएगी. अब इसका जीर्णोद्धार कर भूविज्ञान संग्रहालय बना दिया गया है.

म्यूजियम में दिखेगा धरती और जीवन का विकास

इस म्यूजियम में दो गैलरी बनाई गई है. इनमें से एक गैलरी इवोल्यूशन ऑफ अर्थ और दूसरी गैलरी इवोल्यूशन ऑफ लाइफ पर केंद्रित हैं. जिसमें पृथ्वी का जन्म, डायनासोर का दौर, पृथ्वी का सेंट्रल कोर, दुनिया भर के बेशकीमती जेम्स स्टोन से जुड़ी जानकारियां मिल सकेंगी. इसमें ज्वालामुखी से लेकर भूगर्भ की तमाम जिज्ञासाओं का समाधान हो सकेगा. ये जानकारी जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के डायरेक्टर जनरल असित साहा ने दी.

ग्वालियर: धरती की उत्पत्ति से लेकर ह्यूमन रिवॉल्यूशन तक, भूकंप से ज्वालामुखी के फटने तक ये सारी घटनाएं कैसे होती हैं, कैसे इस धरती पर डायनासोर आए और कैसे गायब हो गए, पानी कैसे बना, सौरमंडल में ग्रहों का संतुलन कैसे है. इन सारे सवालों का जवाब अगर आप जानना चाहते हैं तो, जल्द ही आपको सारे जवाब मिलने वाले हैं. इसके लिए आपको बस ग्वालियर आना होगा. क्योंकि यहां एशिया का एक मात्र जियो साइंस म्यूजियम बनकर तैयार हो गया है. 15 दिसंबर को उद्घाटन के बाद इसको आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे उद्घाटन

संगीत नगरी ग्वालियर के नाम अब एक नई उपलब्धि दर्ज होने जा रही है. ग्वालियर को विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है. यहां पर देश ही नहीं बल्कि एशिया महाद्वीप का एकमात्र जियो साइंस म्यूजियम (भूविज्ञान संग्रहालय) बनकर तैयार हो गया है. अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करके बनाए गए इस म्यूजियम का रविवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ उद्घाटन करेंगे. साथ में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहेंगे.

ग्वालियर में एशिया का पहला जियो साइंस म्यूजियम बनकर तैयार (ETV Bharat)

विक्टोरिया मार्केट को मिली नई पहचान

ग्वालियर महाराज बाड़े पर बना यह भूविज्ञान संग्रहालय लगभग 35 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है. इसका निर्माण केंद्र सरकार द्वारा कराया गया है. इसे तैयार करने में कई भूवैज्ञानिकों की मेहनत लगी है, जो देखते ही बनती है. महाराज बाड़े पर स्थित विक्टोरिया मार्केट 2010 में जब आग से पूरी तरह खाक हुआ था तो शायद किसी ने नहीं सोचा नहीं होगा कि जब यह इमारत दोबारा खड़ी होगी तो विश्व पटल पर अपनी पहचान बनाएगी. अब इसका जीर्णोद्धार कर भूविज्ञान संग्रहालय बना दिया गया है.

म्यूजियम में दिखेगा धरती और जीवन का विकास

इस म्यूजियम में दो गैलरी बनाई गई है. इनमें से एक गैलरी इवोल्यूशन ऑफ अर्थ और दूसरी गैलरी इवोल्यूशन ऑफ लाइफ पर केंद्रित हैं. जिसमें पृथ्वी का जन्म, डायनासोर का दौर, पृथ्वी का सेंट्रल कोर, दुनिया भर के बेशकीमती जेम्स स्टोन से जुड़ी जानकारियां मिल सकेंगी. इसमें ज्वालामुखी से लेकर भूगर्भ की तमाम जिज्ञासाओं का समाधान हो सकेगा. ये जानकारी जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के डायरेक्टर जनरल असित साहा ने दी.

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