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जामा मस्जिद का मुआयना कर रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एएसआई को 22 जनवरी तक का मिला समय - JAMA MASJID AS PROTECTED MONUMENT

जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित करने वाली याचिका पर सुनवाई, एएसआई को 22 जनवरी तक मस्जिद परिसर का मुआयना कर रिपोर्ट करना होगा दाखिल.

जामा मस्जिद का मुआयना कर एएसआई को 22 जनवरी तक दाखिल करना होगा रिपोर्ट
जामा मस्जिद का मुआयना कर एएसआई को 22 जनवरी तक दाखिल करना होगा रिपोर्ट (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 11, 2024, 7:59 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित करने और इसके आसपास से सभी अतिक्रमण को हटाने का निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए एएएसआई को मस्जिद परिसर का मुआयना कर रिपोर्ट दाखिल करने का समय दे दिया है. कोर्ट ने एएसआई को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 22 जनवरी तक का समय दिया.मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी.

एएसआई ने हाईकोर्ट से और वक्त देने की मांग की : सुनवाई के दौरान एएसआई ने हाईकोर्ट से मस्जिद परिसर का मुआयना कर रिपोर्ट देने के लिए और वक्त देने की मांग की. कोर्ट ने समय देते हुए कहा कि मस्जिद का मुआयना करते समय वक्फ बोर्ड के सदस्य, याचिकाकर्ताओं के प्रतिनिधि वकील भी मौजूद रहेंगे. इसके पहले हाईकोर्ट ने 27 सितंबर को केंद्र सरकार और एएसआई को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि उन्होंने वो दस्तावेज दाखिल नहीं किया था जिसमें जामा मस्जिद को तत्कालीन प्रधानमंत्री के शासन के दौरान संरक्षित इमारत करार देने से इनकार कर दिया गया था.

जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित करने वाली याचिका पर सुनवाई
जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित करने वाली याचिका पर सुनवाई (ETV BHARAT)

मस्जिद को संरक्षित इमारत घोषित करने की याचिका पर सुनवाई : दरअसल हाईकोर्ट उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिसमें मांग की गई है कि जामा मस्जिद को संरक्षित इमारत घोषित किया जाए और उसके आसपास अतिक्रमण को हटाने का आदेश दिया जाए. याचिका मार्च 2018 में ही दायर की गई थी. सुहैल अहमद खान ने ये याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि जामा मस्जिद के आसपास के पार्कों पर अवैध कब्जा है और अतिक्रमण किया गया है.

जामा मस्जिद केंद्र सरकार की ओर से संरक्षित इमारत नहीं : सुनवाई के दौरान एएसआई की ओर से कहा गया था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शाही इमाम को ये आश्वस्त किया था कि जामा मस्जिद को संरक्षित इमारत घोषित नहीं किया जाएगा. एएसआई ने कहा था कि जामा मस्जिद केंद्र सरकार की ओर से संरक्षित इमारत नहीं है इसलिए वो एएसआई के अधिकार क्षेत्र के तहत नहीं आता है. एएसआई ने हाईकोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा था कि 2004 में जामा मस्जिद को संरक्षित इमारत घोषित करने का मामला उठा था. हालांकि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 20 अक्टूबर 2004 को शाही इमाम को लिखे अपने पत्र में कहा था कि जामा मस्जिद को केंद्र सरकार संरक्षित इमारत घोषित नहीं करेगी.

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एएसआई ने हाईकोर्ट से और वक्त देने की मांग की : सुनवाई के दौरान एएसआई ने हाईकोर्ट से मस्जिद परिसर का मुआयना कर रिपोर्ट देने के लिए और वक्त देने की मांग की. कोर्ट ने समय देते हुए कहा कि मस्जिद का मुआयना करते समय वक्फ बोर्ड के सदस्य, याचिकाकर्ताओं के प्रतिनिधि वकील भी मौजूद रहेंगे. इसके पहले हाईकोर्ट ने 27 सितंबर को केंद्र सरकार और एएसआई को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि उन्होंने वो दस्तावेज दाखिल नहीं किया था जिसमें जामा मस्जिद को तत्कालीन प्रधानमंत्री के शासन के दौरान संरक्षित इमारत करार देने से इनकार कर दिया गया था.

जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित करने वाली याचिका पर सुनवाई
जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित करने वाली याचिका पर सुनवाई (ETV BHARAT)

मस्जिद को संरक्षित इमारत घोषित करने की याचिका पर सुनवाई : दरअसल हाईकोर्ट उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिसमें मांग की गई है कि जामा मस्जिद को संरक्षित इमारत घोषित किया जाए और उसके आसपास अतिक्रमण को हटाने का आदेश दिया जाए. याचिका मार्च 2018 में ही दायर की गई थी. सुहैल अहमद खान ने ये याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि जामा मस्जिद के आसपास के पार्कों पर अवैध कब्जा है और अतिक्रमण किया गया है.

जामा मस्जिद केंद्र सरकार की ओर से संरक्षित इमारत नहीं : सुनवाई के दौरान एएसआई की ओर से कहा गया था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शाही इमाम को ये आश्वस्त किया था कि जामा मस्जिद को संरक्षित इमारत घोषित नहीं किया जाएगा. एएसआई ने कहा था कि जामा मस्जिद केंद्र सरकार की ओर से संरक्षित इमारत नहीं है इसलिए वो एएसआई के अधिकार क्षेत्र के तहत नहीं आता है. एएसआई ने हाईकोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा था कि 2004 में जामा मस्जिद को संरक्षित इमारत घोषित करने का मामला उठा था. हालांकि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 20 अक्टूबर 2004 को शाही इमाम को लिखे अपने पत्र में कहा था कि जामा मस्जिद को केंद्र सरकार संरक्षित इमारत घोषित नहीं करेगी.

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