ETV Bharat / state

विदेश की नौकरी, करोड़ों का सैलरी पैकेज, उत्तराखंड के आशुतोष ने ठुकराया ऑफर, जानिये वजह - Rudraprayag Ashutosh Purohit

author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 22, 2024, 5:38 PM IST

Rudraprayag Ashutosh Purohit उत्तराखंड के आशुतोष ने सैन फ्रांसिस्को की कंपनी का करोड़ों के ऑफर को ठुकराते हुए देश में ही काम करने की इच्छा जताई. अब आशुतोष भारत में एक प्रतिष्ठित संस्थान में काम कर रहे हैं.

Rudraprayag Ashutosh Purohit
उत्तराखंड के आशुतोष ने ठुकराई विदेश की नौकरी! (PHOTO- Ashutosh Purohit)

रुद्रप्रयाग: अगस्त्यमुनि क्षेत्र के रहने वाले एवं आईआईटी मंडी के होनहार छात्र आशुतोष पुरोहित ने विदेश में एक करोड़ के पैकेज की नौकरी को त्याग कर स्वदेश में 50 लाख पैकेज की नौकरी स्वीकार कर देश सेवा के जज्बे की एक मिशाल कायम की है. जहां आज का युवा देश में उच्च शिक्षा ग्रहण कर बड़े आर्थिक पैकेज और विदेश को प्राथमिकता देता है. वहीं आशुतोष की देशसेवा की भावना सभी युवाओं के लिए नजीर बन गई है. दुनिया की प्रतिष्ठित सर्च इंजन गूगल में नियुक्त होने वाले पहाड़ के युवा आशुतोष पुरोहित अपने देश में रहकर अपनों की बेहतरी के लिए काम करना चाहते हैं.

रुद्रप्रयाग के पूर्व जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने अपने कार्यकाल में अउ राइंका अगस्त्यमुनि में छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए निशुल्क कोचिंग क्लासेस प्रारंभ की थी. जिसमें वह समय-समय पर आकर छात्रों को मोटिवेट करते थे. मोटिवेशन क्लास के दौरान आशुतोष की प्रतिभा को देखकर उन्होंने उससे कहा था कि तुम्हें देश के लिए काम करना है. आशुतोष के दिल दिमाग यह बात इतनी गहरी बैठ गई कि आईआईटी मंडी में कैंपस सिलेक्शन के दौरान सैन फ्रांसिस्को में मिल रहे एक करोड़ रुपए के पैकेज को ठुकरा कर अपने देश में रहकर गूगल के लिए पचास लाख रुपए के पैकेज में काम करने के लिए हामी भर दी.

आशुतोष बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के छात्र रहे. वे हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मेरिट सूची में टॉप टेन के टॉपर रह चुके हैं. वर्ष 2020 में अगस्त्य पब्लिक स्कूल गंगानगर अगस्त्यमुनि से इंटर उत्तीर्ण करने के बाद पहले ही प्रयास में उनका चयन आईआईटी मंडी, हिमाचल प्रदेश में हुआ. जहां से उन्होंने कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री ली. अपने अंतिम वर्ष की पढ़ाई के दौरान कैंपस सिलेक्शन में उन्हें सैन फ्रांसिस्को की एक कंपनी और गूगल का एक साथ ऑफर आया. लेकिन उन्होंने विदेश जाने की अपेक्षा अपने देश में रहकर गूगल को वरीयता दी और पास आउट होने के बाद बतौर इंजीनियर गूगल में काम कर रहे हैं.

इन दिनों अपने नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के जवाहर नगर वार्ड स्थित घर आ रखे आशुतोष पुरोहित ने ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए बताया कि जिस देश ने हमें योग्य बनाया, आज सफलता मिलने पर हम उसकी सेवा करने के अवसर को कैसे छोड़ सकते हैं. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपनी स्कूल के प्रबंधक महावीर सिंह रमोला को दिया, जो पढ़ाई के साथ-साथ हर वक्त बच्चों को प्रेरित करते रहते हैं. उन्होंने कहा कि, आईएएस मंगेश घिल्डियाल सर की मोटिवेशनल क्लास ने भी मेरे लिए और बहुत से बच्चों के लिए बेहतर भविष्य की नींव रखी, जिनका मैं हमेशा ऋणी रहूंगा.

नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के जवाहर नगर वार्ड में रहने वाले आशुतोष पुरोहित की माता बीना पुरोहित जूनियर हाईस्कूल भौंसाल में प्रधानाध्यापिका हैं और पिता बद्री प्रसाद पुरोहित राइका मणिगुह में रसायन विज्ञान के प्रवक्ता हैं.

ये भी पढ़ेंः रुद्रप्रयाग के अंशुल नेगी का IIT दिल्ली के चयन, बताया सफलता का मूल मंत्र

रुद्रप्रयाग: अगस्त्यमुनि क्षेत्र के रहने वाले एवं आईआईटी मंडी के होनहार छात्र आशुतोष पुरोहित ने विदेश में एक करोड़ के पैकेज की नौकरी को त्याग कर स्वदेश में 50 लाख पैकेज की नौकरी स्वीकार कर देश सेवा के जज्बे की एक मिशाल कायम की है. जहां आज का युवा देश में उच्च शिक्षा ग्रहण कर बड़े आर्थिक पैकेज और विदेश को प्राथमिकता देता है. वहीं आशुतोष की देशसेवा की भावना सभी युवाओं के लिए नजीर बन गई है. दुनिया की प्रतिष्ठित सर्च इंजन गूगल में नियुक्त होने वाले पहाड़ के युवा आशुतोष पुरोहित अपने देश में रहकर अपनों की बेहतरी के लिए काम करना चाहते हैं.

रुद्रप्रयाग के पूर्व जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने अपने कार्यकाल में अउ राइंका अगस्त्यमुनि में छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए निशुल्क कोचिंग क्लासेस प्रारंभ की थी. जिसमें वह समय-समय पर आकर छात्रों को मोटिवेट करते थे. मोटिवेशन क्लास के दौरान आशुतोष की प्रतिभा को देखकर उन्होंने उससे कहा था कि तुम्हें देश के लिए काम करना है. आशुतोष के दिल दिमाग यह बात इतनी गहरी बैठ गई कि आईआईटी मंडी में कैंपस सिलेक्शन के दौरान सैन फ्रांसिस्को में मिल रहे एक करोड़ रुपए के पैकेज को ठुकरा कर अपने देश में रहकर गूगल के लिए पचास लाख रुपए के पैकेज में काम करने के लिए हामी भर दी.

आशुतोष बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के छात्र रहे. वे हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मेरिट सूची में टॉप टेन के टॉपर रह चुके हैं. वर्ष 2020 में अगस्त्य पब्लिक स्कूल गंगानगर अगस्त्यमुनि से इंटर उत्तीर्ण करने के बाद पहले ही प्रयास में उनका चयन आईआईटी मंडी, हिमाचल प्रदेश में हुआ. जहां से उन्होंने कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री ली. अपने अंतिम वर्ष की पढ़ाई के दौरान कैंपस सिलेक्शन में उन्हें सैन फ्रांसिस्को की एक कंपनी और गूगल का एक साथ ऑफर आया. लेकिन उन्होंने विदेश जाने की अपेक्षा अपने देश में रहकर गूगल को वरीयता दी और पास आउट होने के बाद बतौर इंजीनियर गूगल में काम कर रहे हैं.

इन दिनों अपने नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के जवाहर नगर वार्ड स्थित घर आ रखे आशुतोष पुरोहित ने ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए बताया कि जिस देश ने हमें योग्य बनाया, आज सफलता मिलने पर हम उसकी सेवा करने के अवसर को कैसे छोड़ सकते हैं. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपनी स्कूल के प्रबंधक महावीर सिंह रमोला को दिया, जो पढ़ाई के साथ-साथ हर वक्त बच्चों को प्रेरित करते रहते हैं. उन्होंने कहा कि, आईएएस मंगेश घिल्डियाल सर की मोटिवेशनल क्लास ने भी मेरे लिए और बहुत से बच्चों के लिए बेहतर भविष्य की नींव रखी, जिनका मैं हमेशा ऋणी रहूंगा.

नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के जवाहर नगर वार्ड में रहने वाले आशुतोष पुरोहित की माता बीना पुरोहित जूनियर हाईस्कूल भौंसाल में प्रधानाध्यापिका हैं और पिता बद्री प्रसाद पुरोहित राइका मणिगुह में रसायन विज्ञान के प्रवक्ता हैं.

ये भी पढ़ेंः रुद्रप्रयाग के अंशुल नेगी का IIT दिल्ली के चयन, बताया सफलता का मूल मंत्र

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.