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मन्नत पूरी होने पर करीला धाम में करवाना पड़ता है बधाई नृत्य, बिना राम के होती है माता सीता की पूजा - Ashoknagar Karila Dham Fair - ASHOKNAGAR KARILA DHAM FAIR

अशोकनगर के करीलाधाम में रंगपंचमी के बाद विशाल मेला भरता है. यहां स्थित मां जानकी के दरबार में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. ऐसा मान्यता है कि जिन लोगों के यहां संतान नहीं होती वह यहां अर्जी लगाते हैं और मन्नत पूरी होने पर बधाई नृत्य करवाते हैं.

ASHOKNAGAR KARILA DHAM FAIR
करीलाधाम का विहंगम दृश्य
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 31, 2024, 1:37 PM IST

करीलाधाम में बिना राम के होती है माता सीता की पूजा

अशोकनगर। देश भर में प्रसिद्ध करीला धाम स्थित मां जानकी के दरबार में रंग पंचमी के मौके पर विशाल मेला लगता है. जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां जानकी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. इस मेले में करोड़ों रुपये का व्यापार भी होता है. इस मेले को लेकर कई मान्यताएं भी हैं. जिसको लेकर लाखों की संख्या में यहां श्रद्धालु अपनी मन्नत मांगने एवं पूरी होने पर बधाई नृत्य कराने पहुंचते हैं. रंगपंचमी के मौके पर प्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव ने भी मां जानकी के दरबार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

Ashoknagar Karila mela rangpanchmi
ड्रोन से ली गई करीलाधाम की तस्वीर

बिना राम के होती है माता सीता की पूजा

यह प्रदेश का संभवत: ऐसा पहला मंदिर होगा जहां बगैर श्रीराम के माता सीता की पूजा होती है. इस मंदिर में माता सीता और उनके पुत्र लव-कुश औऱ महर्षि वाल्मीकि जी की प्रतिमा है. जहां श्रद्धालु पहुंचकर मां जानकी के दर्शन करते हैं. यहां निसंतान लोग माता सीता के सामने अर्जी लगाते हैं और मन्नत पूरी होने पर बधाई नृत्य कराते हैं.

Ashoknagar Karila mela rangpanchmi
रंगपंचमी की शाम रोशनी में डूबा करीला धाम

मंदिर से जुड़ी हैं कई मान्यताएं

इस मंदिर से कई मान्यताएं जुड़ी हैं. बताया जाता है की प्रभु श्रीराम जब लंका में रावण का वध कर अयोध्या लौटे थे. उसके बाद लक्ष्मण माता सीता को इसी करीला धाम में छोड़कर गए थे. जहां माता सीता के पुत्र लव और कुश ने जन्म लिया था. इस दौरान स्वर्ग से बधाई गीत गाने के लिए अप्सराएं आईं थी. उसके बाद से ही मान्यता है कि जिन लोगों के पुत्र नहीं होते वह पहले तो यहां आकर उल्टे हाथे या अर्जी लगाते हैं, और जब उनकी मान्यता पूरी हो जाती है तो वे मंदिर पहुंचकर बधाई नृत्य भी कराते हैं.

दूसरी मान्यता मंदिर से जुड़ी यही भी बताई जाती है कि इस मंदिर में रंगपंचमी के दिन ललितपुर गांव के ग्रामीण पहुंचते हैं जो मंदिर में बनी गुफा में अग्नि प्रज्वलित करते हैं. इसके बाद अगले साल ही रंगपंचमी के मौके पर इस गुफा को खोला जाता है. मंदिर की इसी भभूति की विशेष मान्यता है कि इस भभूति को किसान अपने खेतों में अगर डालता है तो उनके खेतों में किसी तरह के कीट या रोग नहीं लगता. साथ ही इस भभूति को घर पर रखने से किसी तरह का दोष भी नहीं लगता है.

Mother Sita worship without Ram
अशोकनगर का करीलाधाम

एक माह पहले शुरू हो जाती है तैयारी

कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी ने बताया कि "करीला मेल को लेकर एक माह पहले से ही तैयारी शुरू हो जाती हैं. श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए लगभग 1500 पुलिस बल एवं 1200 सिविल अधिकारियों को तैनात किया गया है ताकि श्रद्धालु आसानी से मां जानकी के दर्शन कर सकें. श्रद्धालुओं के लिए समस्त तरह की सुविधाओं को देने का पूरा प्रयास किया जाता है".

ये भी पढ़ें:

प्रसिद्ध करीला मेले में पहुंचे 18 लाख श्रद्धालु, मां जानकी का लिया आशीर्वाद

Ashoknagar News: बेड़नियों के HIV टेस्ट मामले में नप गए सीएमएचओ, अब संचालनालय भोपाल में देंगे सेवाएं

हेलीकाप्टर से दिखाई देता है भव्य नजारा

करीला मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मां जानकी दरबार में अपनी हाजिरी लगाई. उन्होंने कहा कि "इस मंदिर परिसर को जिस तरह पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पर्यटन को लेकर जो बात कही थी उसी अनुसार इसे और भी भव्य बनाने की तैयारी की जाएगी. जिस तरह हेलीकॉप्टर से यहां का भव्य नजारा दिखाई देता है, हम उसे इसी तरह से डेवलप करने का प्रयास करेंगे".

करीलाधाम में बिना राम के होती है माता सीता की पूजा

अशोकनगर। देश भर में प्रसिद्ध करीला धाम स्थित मां जानकी के दरबार में रंग पंचमी के मौके पर विशाल मेला लगता है. जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां जानकी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. इस मेले में करोड़ों रुपये का व्यापार भी होता है. इस मेले को लेकर कई मान्यताएं भी हैं. जिसको लेकर लाखों की संख्या में यहां श्रद्धालु अपनी मन्नत मांगने एवं पूरी होने पर बधाई नृत्य कराने पहुंचते हैं. रंगपंचमी के मौके पर प्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव ने भी मां जानकी के दरबार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

Ashoknagar Karila mela rangpanchmi
ड्रोन से ली गई करीलाधाम की तस्वीर

बिना राम के होती है माता सीता की पूजा

यह प्रदेश का संभवत: ऐसा पहला मंदिर होगा जहां बगैर श्रीराम के माता सीता की पूजा होती है. इस मंदिर में माता सीता और उनके पुत्र लव-कुश औऱ महर्षि वाल्मीकि जी की प्रतिमा है. जहां श्रद्धालु पहुंचकर मां जानकी के दर्शन करते हैं. यहां निसंतान लोग माता सीता के सामने अर्जी लगाते हैं और मन्नत पूरी होने पर बधाई नृत्य कराते हैं.

Ashoknagar Karila mela rangpanchmi
रंगपंचमी की शाम रोशनी में डूबा करीला धाम

मंदिर से जुड़ी हैं कई मान्यताएं

इस मंदिर से कई मान्यताएं जुड़ी हैं. बताया जाता है की प्रभु श्रीराम जब लंका में रावण का वध कर अयोध्या लौटे थे. उसके बाद लक्ष्मण माता सीता को इसी करीला धाम में छोड़कर गए थे. जहां माता सीता के पुत्र लव और कुश ने जन्म लिया था. इस दौरान स्वर्ग से बधाई गीत गाने के लिए अप्सराएं आईं थी. उसके बाद से ही मान्यता है कि जिन लोगों के पुत्र नहीं होते वह पहले तो यहां आकर उल्टे हाथे या अर्जी लगाते हैं, और जब उनकी मान्यता पूरी हो जाती है तो वे मंदिर पहुंचकर बधाई नृत्य भी कराते हैं.

दूसरी मान्यता मंदिर से जुड़ी यही भी बताई जाती है कि इस मंदिर में रंगपंचमी के दिन ललितपुर गांव के ग्रामीण पहुंचते हैं जो मंदिर में बनी गुफा में अग्नि प्रज्वलित करते हैं. इसके बाद अगले साल ही रंगपंचमी के मौके पर इस गुफा को खोला जाता है. मंदिर की इसी भभूति की विशेष मान्यता है कि इस भभूति को किसान अपने खेतों में अगर डालता है तो उनके खेतों में किसी तरह के कीट या रोग नहीं लगता. साथ ही इस भभूति को घर पर रखने से किसी तरह का दोष भी नहीं लगता है.

Mother Sita worship without Ram
अशोकनगर का करीलाधाम

एक माह पहले शुरू हो जाती है तैयारी

कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी ने बताया कि "करीला मेल को लेकर एक माह पहले से ही तैयारी शुरू हो जाती हैं. श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए लगभग 1500 पुलिस बल एवं 1200 सिविल अधिकारियों को तैनात किया गया है ताकि श्रद्धालु आसानी से मां जानकी के दर्शन कर सकें. श्रद्धालुओं के लिए समस्त तरह की सुविधाओं को देने का पूरा प्रयास किया जाता है".

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हेलीकाप्टर से दिखाई देता है भव्य नजारा

करीला मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मां जानकी दरबार में अपनी हाजिरी लगाई. उन्होंने कहा कि "इस मंदिर परिसर को जिस तरह पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पर्यटन को लेकर जो बात कही थी उसी अनुसार इसे और भी भव्य बनाने की तैयारी की जाएगी. जिस तरह हेलीकॉप्टर से यहां का भव्य नजारा दिखाई देता है, हम उसे इसी तरह से डेवलप करने का प्रयास करेंगे".

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