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अशोकनगर की खुबसूरत ममता की मिसिंग मिस्ट्री, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश परेशान, 9 महीने से नहीं मिली BJP नेत्री की लाश - BJP Leader Mamta Yadav Murder

अशोकनगर के चंदेरी की रहने वाली भाजपा नैत्री ममता यादव की मौत रहस्य बनी हुई है. पीड़ित परिवार से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से मिलकर मदद की गुहार लगाई है. जिसके बाद दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को पत्र लिखकर जांच की मांग की है. उन्होंने भाजपा नेताओं पर हत्या का आरोप भी लगाया है.

ASHOK NAGAR MAMTA YADAV MURDER
भाजपा नेत्री ममता यादव की मौत बनी पहेली (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 23, 2024, 1:18 PM IST

Updated : Jun 24, 2024, 9:10 PM IST

अशोकनगर। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश की एक महिला भाजपा कार्यकर्ता की पिछले साल पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में हत्या कर दी गई थी, लेकिन उसके परिवार को पुलिस से कोई सहायता नहीं मिल रही है. मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले की ममता यादव के परिवार के अनुसार, वह सितंबर 2023 में अपने 7 लाख रुपये वापस लेने के लिए रमापति द्विवेदी से मिलने यूपी के प्रयागराज गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. जिसके बाद परिजन ने चंदेरी थाने में शिकायत दर्ज कराई.

दिग्विजय सिंह ने जांच को लेकर डीजीपी को लिखा पत्र (Etv Bharat)

दिग्विजय सिंह से मिला पीड़ित परिवार

जानकारी के मुताबिक, अशोकनगर जिले की चंदेरी तहसील के टांडा गांव में रहने वाली और भाजपा नेत्री ममता यादव की सितंबर 2023 में गुमशुदगी और फरवरी 2024 में उत्तरप्रदेश के प्रायागराज में हुई हत्या का मामला सामने आया है. ममता हत्याकांड उत्तरप्रदेश पुलिस के लिए मिस्त्री बनी हुई है, जिसको लेकर मृत महिला के परिजन न्याय के लिए इधर उधर भटकते हुए नजर आ रहे हैं. उसी क्रम में मृत भाजपा नेत्री का परिवार मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पास पहुंचा. दिग्विजय सिंह ने पूरे मामले को समझा और उसके पश्चात मध्य पुलिस के DGP को पत्र लिखा. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बताया कि, ममता यादव के भाई राजभान यादव ने मामले में निष्पक्ष जांच कराने, दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने तथा प्रकरण में चंदेरी पुलिस थाने के जांच अधिकारी की संदिग्ध भूमिका की जांच कर उनके खिलाफ कार्यवाही करने की गुहार लगाई है.

ashok nagar MAMTA YADAV MURDER
भाजपा नेत्री ममता यादव (Etv Bharat)

दो प्रदेशों में उलझा हत्या का प्रकरण

यह प्रकरण मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश पुलिस के बीच विगत 9 माह से एक पहेली बना हुआ है. मृतका के भाई द्वारा आवेदन पत्र में जिन तथ्यों का उल्लेख किया गया है वे अत्यंत गंभीर हैं. मृतका भारतीय जनता पार्टी की चंदेरी मण्डल की महामंत्री के पद पर थी. शिकायत पत्र के साथ उसके फोन की काॅल डिटेल्स संलग्न है. मृत्यु के पहले उसकी 6 मोबाइल नंबर पर बात हुई है. जिनमें एकनम्बर पर 86 बार, दूसरे नम्बर पर 40 और तीसरे नम्बर पर 44 बार बात हुई है. यह भी जांच का विषय है कि यह नंबर किस व्यक्ति के नाम पर है तथा इसका उपयोग किसके द्वारा किया जा रहा है?

ashok nagar bjp leader kills in up
उधारी लेने यूपी गईं, लेकिन वापस नहीं लौटी (Etv Bharat)

मृतिका के भाई राजभान ने बताई पूरी आपबीती

राजभान यादव ने बताया कि ''हम चार बहन और एक भाई हैं. जिसमें ममता सबसे छोटी बहन थी. वह रमापति द्विवेदी, निवासी ग्राम बड़ोखर, प्रयागराज, उत्तरप्रदेश से अपनी उधारी के सात लाख रूपये लेने के लिये यूपी गई थी. घर से जाते समय उसके पास आईफोन, दो पैन ड्राईव, एक वीवो फोन, तीन तौला सोने की चैन, तीन सोने की अंगूठियां, एक सोने का ब्रेसलेट, पंद्रह हजार रूपये नकद और एक काले रंग का बैग भी था. जिसके बारे में पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी है.''

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शिकायत के बाद भी पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई

दिग्विजय सिंह ने कहा कि ''उन्होंने यह मामला तब उठाया जब मृतका के परिवार ने उनसे संपर्क किया और कहा कि उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है. यूपी पुलिस शव को कब्र से नहीं निकाल रही है. 21 दिसंबर तक परिवार के लोगों का ममता से लगातार संपर्क हुआ इसके बाद अचानक मोबाइल बंद रहा. जिसकी शिकायत ममता के परिवार के लोगों ने 29 सितंबर को चंदेरी में थाने में दर्ज कराई. लेकिन इसके बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई. जबकि चंदेरी थाने में 3 अक्टूबर को कॉल डिटेल की जानकारी लग गई थी, लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस अधिकारियों ने नंबरों की जांच करना उचित नहीं समझा. जिसमें कहीं न कहीं पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध नजर आती है.

दिग्विजय सिंह ने डीजीपी को लिखा पत्र

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने बताया कि ''राजभान यादव के कथन अनुसार, जांच अधिकारी धर्मेंश दांगी से संपर्क हुआ, जिसमें उन्होंने कहा कि संजय द्विवेदी नाम क कोई व्यक्ति है जिसने ममता की हत्या करने की बात कबूली है. इस मामले में 20 लाख रुपए किसी वरिष्ठ राजनेता द्वारा अशोकनगर से भेजना बताया गया है. जिस पर यह प्रतीत होता है कि यह राजनीतिक षड्यंत्र के कारण हत्या हुई है. जांच का विषय है कि यह किसने कराई है? इस पूरे मामले को लेकर मैंने डीजीपी को भी पत्र लिखा है. क्योंकि स्थानीय पुलिस पर तो अब भरोसा रहा नहीं. इसलिए इसकी निष्पक्ष जांच सीनियर अधिकारी द्वारा करने की बात कही गई है. क्योंकि यह दो राज्यों के बीच का मामला है. गंभीर घटना है, मेरा मुख्यमंत्री मोहन यादव से भी अनुरोध है कि इस मामले में गंभीरता से जांच करवाएं.''

अशोकनगर। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश की एक महिला भाजपा कार्यकर्ता की पिछले साल पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में हत्या कर दी गई थी, लेकिन उसके परिवार को पुलिस से कोई सहायता नहीं मिल रही है. मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले की ममता यादव के परिवार के अनुसार, वह सितंबर 2023 में अपने 7 लाख रुपये वापस लेने के लिए रमापति द्विवेदी से मिलने यूपी के प्रयागराज गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. जिसके बाद परिजन ने चंदेरी थाने में शिकायत दर्ज कराई.

दिग्विजय सिंह ने जांच को लेकर डीजीपी को लिखा पत्र (Etv Bharat)

दिग्विजय सिंह से मिला पीड़ित परिवार

जानकारी के मुताबिक, अशोकनगर जिले की चंदेरी तहसील के टांडा गांव में रहने वाली और भाजपा नेत्री ममता यादव की सितंबर 2023 में गुमशुदगी और फरवरी 2024 में उत्तरप्रदेश के प्रायागराज में हुई हत्या का मामला सामने आया है. ममता हत्याकांड उत्तरप्रदेश पुलिस के लिए मिस्त्री बनी हुई है, जिसको लेकर मृत महिला के परिजन न्याय के लिए इधर उधर भटकते हुए नजर आ रहे हैं. उसी क्रम में मृत भाजपा नेत्री का परिवार मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पास पहुंचा. दिग्विजय सिंह ने पूरे मामले को समझा और उसके पश्चात मध्य पुलिस के DGP को पत्र लिखा. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बताया कि, ममता यादव के भाई राजभान यादव ने मामले में निष्पक्ष जांच कराने, दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने तथा प्रकरण में चंदेरी पुलिस थाने के जांच अधिकारी की संदिग्ध भूमिका की जांच कर उनके खिलाफ कार्यवाही करने की गुहार लगाई है.

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भाजपा नेत्री ममता यादव (Etv Bharat)

दो प्रदेशों में उलझा हत्या का प्रकरण

यह प्रकरण मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश पुलिस के बीच विगत 9 माह से एक पहेली बना हुआ है. मृतका के भाई द्वारा आवेदन पत्र में जिन तथ्यों का उल्लेख किया गया है वे अत्यंत गंभीर हैं. मृतका भारतीय जनता पार्टी की चंदेरी मण्डल की महामंत्री के पद पर थी. शिकायत पत्र के साथ उसके फोन की काॅल डिटेल्स संलग्न है. मृत्यु के पहले उसकी 6 मोबाइल नंबर पर बात हुई है. जिनमें एकनम्बर पर 86 बार, दूसरे नम्बर पर 40 और तीसरे नम्बर पर 44 बार बात हुई है. यह भी जांच का विषय है कि यह नंबर किस व्यक्ति के नाम पर है तथा इसका उपयोग किसके द्वारा किया जा रहा है?

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मृतिका के भाई राजभान ने बताई पूरी आपबीती

राजभान यादव ने बताया कि ''हम चार बहन और एक भाई हैं. जिसमें ममता सबसे छोटी बहन थी. वह रमापति द्विवेदी, निवासी ग्राम बड़ोखर, प्रयागराज, उत्तरप्रदेश से अपनी उधारी के सात लाख रूपये लेने के लिये यूपी गई थी. घर से जाते समय उसके पास आईफोन, दो पैन ड्राईव, एक वीवो फोन, तीन तौला सोने की चैन, तीन सोने की अंगूठियां, एक सोने का ब्रेसलेट, पंद्रह हजार रूपये नकद और एक काले रंग का बैग भी था. जिसके बारे में पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी है.''

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दिग्विजय सिंह ने कहा कि ''उन्होंने यह मामला तब उठाया जब मृतका के परिवार ने उनसे संपर्क किया और कहा कि उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है. यूपी पुलिस शव को कब्र से नहीं निकाल रही है. 21 दिसंबर तक परिवार के लोगों का ममता से लगातार संपर्क हुआ इसके बाद अचानक मोबाइल बंद रहा. जिसकी शिकायत ममता के परिवार के लोगों ने 29 सितंबर को चंदेरी में थाने में दर्ज कराई. लेकिन इसके बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई. जबकि चंदेरी थाने में 3 अक्टूबर को कॉल डिटेल की जानकारी लग गई थी, लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस अधिकारियों ने नंबरों की जांच करना उचित नहीं समझा. जिसमें कहीं न कहीं पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध नजर आती है.

दिग्विजय सिंह ने डीजीपी को लिखा पत्र

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने बताया कि ''राजभान यादव के कथन अनुसार, जांच अधिकारी धर्मेंश दांगी से संपर्क हुआ, जिसमें उन्होंने कहा कि संजय द्विवेदी नाम क कोई व्यक्ति है जिसने ममता की हत्या करने की बात कबूली है. इस मामले में 20 लाख रुपए किसी वरिष्ठ राजनेता द्वारा अशोकनगर से भेजना बताया गया है. जिस पर यह प्रतीत होता है कि यह राजनीतिक षड्यंत्र के कारण हत्या हुई है. जांच का विषय है कि यह किसने कराई है? इस पूरे मामले को लेकर मैंने डीजीपी को भी पत्र लिखा है. क्योंकि स्थानीय पुलिस पर तो अब भरोसा रहा नहीं. इसलिए इसकी निष्पक्ष जांच सीनियर अधिकारी द्वारा करने की बात कही गई है. क्योंकि यह दो राज्यों के बीच का मामला है. गंभीर घटना है, मेरा मुख्यमंत्री मोहन यादव से भी अनुरोध है कि इस मामले में गंभीरता से जांच करवाएं.''

Last Updated : Jun 24, 2024, 9:10 PM IST
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