जयपुर. पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार की महत्वकांछी योजनाओं में शामिल चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना पर सवाल उठने लगे हैं. इस योजना पर चिकित्सकों की ओर से सवाल उठाने के बाद पूरी योजना पर सियासत शुरू हो गई है. भजनलाल सरकार से बजट पूर्व संवाद के दौरान चिकित्सकों ने इस योजना को असफल बताया तो पूर्व सीएम गहलोत भड़क गए. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखते हुए साफ कहा कि ये योजना न होती तो कइयों के इलाज के दौरान जमीन-जायदाद बिक जाते.
दरअसल, भजनलाल सरकार बजट पेश करने से पूर्व व्यापारियों, चिकित्सकों समेत कई वर्गों से संवाद कर रही है. बीते दिन राजस्थान डॉक्टर्स एसोसिएशन ने संवाद के दौरान बताया कि गहलोत सरकार कि चिरंजीवी योजना पूरी तरह असफल रही है. एसोसिएशन के चिकित्सकों ने यहां तक कहा कि चिरंजीवी योजना के भुगतान के लिए कई चक्कर लगाने पड़ते थे, जबकि इस योजना को लागू करने वाले प्राइवेट अस्पताल घाटे में इलाज कर रहे थे.
चिकित्सकों पर भड़के अशोक गहलोत : योजना को विफल बताने वाले चिकित्सकों के बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भड़क गए. उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कुछ निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स असत्य बोल रहे हैं. उन्हें अच्छी योजना और पवित्र पेशे को बदनाम करने से बचना चाहिए. अशोक गहलोत ने X पर एक पोस्ट में लिखा कि "चिरंजीवी योजना से लाखों लोगों के जीवन में सुधार हुआ है. अगर ये योजना ना होती, तो ना जाने कितने गरीबों एवं मध्यम वर्गीय परिवारों के जमीन, जायदाद इलाज में बिक गई होती. निजी अस्पतालों के कुछ डॉक्टरों को ऐसा असत्य बोलकर एक अच्छी योजना एवं मेडिकल जैसे पवित्र पेशे को को बदनाम करने से बचना चाहिए."