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गहलोत बोले- क्रेडिट लेने के लिए भाजपा सरकार ने कांस्टीट्यूशन क्लब को बंद रखा, दोबारा लोकार्पण का क्या तुक ? - GEHLOT TARGETS BJP GOVERNMENT

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कांस्टीट्यूशन क्लब के दोबारा लोकार्पण और ईआरसीपी-पीकेसी के मुद्दे पर सरकार पर साधा निशाना. जानिए पूरा मामला...

Ashok Gehlot
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 21, 2025, 5:27 PM IST

जयपुर: ईआरसीपी-पीकेसी के समझौते को सार्वजनिक नहीं करने में सरकार की आनाकानी और कांस्टीट्यूशन क्लब के दोबारा लोकार्पण के मुद्दे पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने X पर बयान जारी कर कहा कि हमारी सरकार ने दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब की तर्ज पर राजनेताओं, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, लेखकों, अधिकारियों समेत समाज के जागृत वर्ग के लिए जयपुर में विधानसभा के पास कांस्टीट्यूशन क्लब बनाया. जिससे वहां अच्छे विचारों का आदान-प्रदान हो सके.

22 सितंबर 2023 को कांस्टीट्यूशन क्लब का लोकार्पण कर दिया गया, लेकिन भाजपा सरकार ने एक साल से भी अधिक समय तक बंद रखा और अब इसका पुन: लोकार्पण करवाया जा रहा है. गहलोत बोले- यह समझ से परे है कि एक बार लोकार्पण होने के बाद पुन: लोकार्पण करने की क्या तुक है? क्या केवल क्रेडिट लेने के उद्देश्य से इसे एक साल बंद रखा, जिससे पब्लिक की नजर में ऐसा प्रदर्शित किया जा सके जैसे इस क्लब का निर्माण पिछले एक साल में ही हुआ है?

तो क्या खाली ही है ERCP का मटका ? : गहलोत ने एक अन्य बयान में कहा- यह बेहद आश्चर्यजनक है कि प्रधानमंत्री ने मटकों में पानी उड़ेलकर पीकेसी-ईआरसीपी योजना का शिलान्यास तक कर दिया, लेकिन राजस्थान की भाजपा सरकार ने मध्यप्रदेश सरकार के साथ इस योजना को लेकर ऐसा क्या समझौता किया है, जिसे जनता के सामने सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है? इस समझौते की जानकारी लेने के लिए लगाई गई आरटीआई को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताकर खारिज कर दिया गया.

जनता से छिपाया जा रहा या धांधली हो रही : उन्होंने कहा कि अभी तक तो पीकेसी-ईआरसीपी के नए समझौते को केवल राजस्थान की जनता के हितों के साथ ही समझौता माना जा रहा था, लेकिन अब यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा सरकार द्वारा बताया गया है. भाजपा सरकार की ऐसी गतिविधियों से स्पष्ट होता जा रहा है कि पीकेसी-ईआरसीपी के समझौते को येन-केन-प्रकरेण छिपाया जा रहा है या इसमें कोई धांधली की जा रही है.

पढ़ें : गहलोत बोले- कांग्रेस बड़े दिल की पार्टी, राहुल गांधी को अपशब्द कहने वालों की भी पार्टी मुख्यालय में फोटो - EX CM ASHOK GEHLOT

छिपाना था तो पीएम से शिलान्यास क्यों करवाया ? गहलोत ने कहा कि मेरा अनुमान है कि यह पानी को लेकर पहला ऐसा समझौता होगा, जिसकी जानकारी जनता से छिपायी जा रही है. जानकारी छिपानी ही थी तो प्रधानमंत्री से शिलान्यास करवाकर भ्रम की स्थिति क्यों पैदा की? ईआरसीपी जनता के पैसे से बनने वाला प्रोजेक्ट है और प्रदेश की जनता को यह जानने का पूरा अधिकार है कि उनका पैसा कैसे खर्च किया जा रहा है. उन्हें अपने हक का पूरा पानी मिल रहा है या नहीं? राजस्थान हो या कोई अन्य राज्य हो, सभी के लिए पानी सबसे महत्वपूर्ण विषय है. भाजपा सरकार को अविलंब पीकेसी-ईआरसीपी समझौता सार्वजनिक करना चाहिए.

जयपुर: ईआरसीपी-पीकेसी के समझौते को सार्वजनिक नहीं करने में सरकार की आनाकानी और कांस्टीट्यूशन क्लब के दोबारा लोकार्पण के मुद्दे पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने X पर बयान जारी कर कहा कि हमारी सरकार ने दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब की तर्ज पर राजनेताओं, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, लेखकों, अधिकारियों समेत समाज के जागृत वर्ग के लिए जयपुर में विधानसभा के पास कांस्टीट्यूशन क्लब बनाया. जिससे वहां अच्छे विचारों का आदान-प्रदान हो सके.

22 सितंबर 2023 को कांस्टीट्यूशन क्लब का लोकार्पण कर दिया गया, लेकिन भाजपा सरकार ने एक साल से भी अधिक समय तक बंद रखा और अब इसका पुन: लोकार्पण करवाया जा रहा है. गहलोत बोले- यह समझ से परे है कि एक बार लोकार्पण होने के बाद पुन: लोकार्पण करने की क्या तुक है? क्या केवल क्रेडिट लेने के उद्देश्य से इसे एक साल बंद रखा, जिससे पब्लिक की नजर में ऐसा प्रदर्शित किया जा सके जैसे इस क्लब का निर्माण पिछले एक साल में ही हुआ है?

तो क्या खाली ही है ERCP का मटका ? : गहलोत ने एक अन्य बयान में कहा- यह बेहद आश्चर्यजनक है कि प्रधानमंत्री ने मटकों में पानी उड़ेलकर पीकेसी-ईआरसीपी योजना का शिलान्यास तक कर दिया, लेकिन राजस्थान की भाजपा सरकार ने मध्यप्रदेश सरकार के साथ इस योजना को लेकर ऐसा क्या समझौता किया है, जिसे जनता के सामने सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है? इस समझौते की जानकारी लेने के लिए लगाई गई आरटीआई को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताकर खारिज कर दिया गया.

जनता से छिपाया जा रहा या धांधली हो रही : उन्होंने कहा कि अभी तक तो पीकेसी-ईआरसीपी के नए समझौते को केवल राजस्थान की जनता के हितों के साथ ही समझौता माना जा रहा था, लेकिन अब यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा सरकार द्वारा बताया गया है. भाजपा सरकार की ऐसी गतिविधियों से स्पष्ट होता जा रहा है कि पीकेसी-ईआरसीपी के समझौते को येन-केन-प्रकरेण छिपाया जा रहा है या इसमें कोई धांधली की जा रही है.

पढ़ें : गहलोत बोले- कांग्रेस बड़े दिल की पार्टी, राहुल गांधी को अपशब्द कहने वालों की भी पार्टी मुख्यालय में फोटो - EX CM ASHOK GEHLOT

छिपाना था तो पीएम से शिलान्यास क्यों करवाया ? गहलोत ने कहा कि मेरा अनुमान है कि यह पानी को लेकर पहला ऐसा समझौता होगा, जिसकी जानकारी जनता से छिपायी जा रही है. जानकारी छिपानी ही थी तो प्रधानमंत्री से शिलान्यास करवाकर भ्रम की स्थिति क्यों पैदा की? ईआरसीपी जनता के पैसे से बनने वाला प्रोजेक्ट है और प्रदेश की जनता को यह जानने का पूरा अधिकार है कि उनका पैसा कैसे खर्च किया जा रहा है. उन्हें अपने हक का पूरा पानी मिल रहा है या नहीं? राजस्थान हो या कोई अन्य राज्य हो, सभी के लिए पानी सबसे महत्वपूर्ण विषय है. भाजपा सरकार को अविलंब पीकेसी-ईआरसीपी समझौता सार्वजनिक करना चाहिए.

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