अल्मोड़ा: वर्तमान में पाश्चात्य संस्कृति की ओर युवाओं का रुझान बढ़ने लगा है, जिससे अनेक युवा अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं. ऐसे में प्रसिद्ध नृत्य कलाकार नीरज बिष्ट के सहयोग से नटराज नृत्य अकादमी में एक कार्यशाला आयोजित की गई. वृंदावन से आए आशीष सिंह बच्चों और युवाओं को कथक विधाओं के जरिए अपनी संस्कृति से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. आशीष को कथक नर्तक नृत्य मंजरी दास के नाम से भी जाना जाता है.
पाश्चात्य संस्कृति की ओर बढ़ रहा युवा: आशीष सिंह (नृत्य मंजरी दास) ने कहा कि आज युवा पाश्चात्य संस्कृति की ओर जा रहे हैं, इसलिए ये कार्यशाला आयोजित की गई. कार्यशाला का उद्देश्य युवाओं और बच्चों को अपनी भारतीय संस्कृति से अवगत कराना है. उन्होंने कहा कि हमारा भारतीय शास्त्रीय संगीत वृहद है और यह समाज को एक अच्छा संदेश देने वाला है.
आशीष सिंह ने कथक में की मास्टर डिग्री: आशीष सिंह ने बताया कि उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से कथक में मास्टर डिग्री की है. उनका उद्देश्य अपने गुरुजनों से सीखी विधा को बच्चों और युवाओं तक पहुंचना और इस विधा को आगे ले जाने के लिए प्रेरित करना है. उन्होंने कहा कि पहाड़ में प्रतिभा की कमी नहीं है. अगर सरकार इसमें सहयोग करे, तो इसमें और अच्छा कार्य हो सकता है.
स्वस्थ रखने के लिए नृत्य सबसे अच्छी थेरेपी: कथक सीख रहीं शगुन जोशी ने बताया कि आजकल की इस व्यस्त जिंदगी में अपने को स्वस्थ रखने के लिए नृत्य सबसे अच्छी थेरेपी है. हमें कथक नृत्य सिखाने के लिए वृंदावन से गुरुजी नृत्य मंजरी दास जी आए हैं. उन्होंने कहा कि हम अपनी भारतीय शास्त्रीय संगीत की विभिन्न बारीकियों को सीख रहे हैं, जिसे हम आगे ले जाने का कार्य करेंगे.
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