नई दिल्ली/गाजियाबाद: मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रि के त्योहार की शुरुआत होने जा रही है. नवरात्रि का त्योहार साल में चार बार मनाया जाता है. साल की पहली नवरात्रि चैत्र माह में पड़ती है. जिसे चैत्र नवरात्रि कहते हैं. जबकि दूसरी नवरात्रि आश्विन महीने में मनाई जाती है. जिसे शारदीय नवरात्र कहते हैं. दो गुप्त नवरात्रि आषाढ़ और माघ के महीने में होते हैं. चतुर्थी तिथि की वृद्धि होने के कारण इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 9 दिन की नहीं, बल्कि 10 दिनों की होगी.
गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है. आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत रविवार, 6 जुलाई 2024 को हो रही है. जबकि गुप्त नवरात्रि का समापन सोमवार 15 जुलाई 2024 को होगा.
आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा बताते हैं प्रत्यक्ष नवरात्रों में मां भगवती के शैलपुत्री आदि नवदेवियों की पूजा होती है. किंतु गुप्त नवरात्रों में भगवती मां की 10 महाविद्याओं की पूजा होती है. इन्हें साधक और तांत्रिक लोग करते हैं. दस महाविद्याए इस प्रकार हैं. काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला. इन देवियों पूजा की जाती है. 6 जून को आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा शनिवार को पुनर्वसु नक्षत्र होने कारण छत्र बनता है. छत्र योग में नवरात्रि का आयोजन बहुत शुभ माना गया है.
शनिवार से आरंभ होने के कारण दुर्गा माता अश्व पर सवार होकर आएंगी. वैसे तो दुर्गा माता का वाहन सिंह है, लेकिन नवरात्रि में दिनों के अनुसार उनके अलग-अलग वाहन ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं. जब माता घोड़े पर सवार होकर आती है तो देश में और विश्व भर में उपद्रव तथा अराजकता फैलने की संभावना होती है. जनता में असंतोष रहने की संभावना होती है. यद्यपि वर्षा की अधिकता रहेगी जो फसल के लिए किसानों के लिए शुभ योग है. दुर्गा सप्तमी का व्रत 13 जुलाई को रखा जाएगा. दुर्गा अष्टमी का व्रत 14 जुलाई को और महानवमी 15 जुलाई को होगी. उसी दिन भगवती मां का विसर्जन हो जाएगा.