उत्तरकाशी: इन दिनों सीमांत उत्तरकाशी जिले में आषाढ़ मेले की धूम मची हुई है. जहां ग्रामीण अपने आराध्य देवता सोमेश्वर के साथ पारंपरिक परिधान में जमकर रासों नृत्य कर गांव की संस्कृति की झलक प्रस्तुत कर रहे हैं. सोमवार को सौड़ गांव में ग्रामीणों ने सोमेश्वर देवता के आषाढ़ मेले का आयोजन किया. यहां ग्रामीणों ने अपने आराध्य देवता सोमेश्वर से क्षेत्र और गांव की खुशहाली के लिए प्रार्थना की. इसके साथ क्षेत्र में होने वाली नकदी फसल के लिए भी प्रार्थना की. इस मेले को देखने के लिए दूर दराज से ग्रामीणों के साथ पर्यटक पहुंच रहे हैं.
बता दें कि मोरी ब्लॉक के बड़ासू पट्टी पंचगाई पट्टी, अडोर पट्टी गांवों में हर साल आषाढ़ माह में सोमेश्वर देवता के आषाढ़ मेले आयोजित होते हैं. इस बार भी भव्य रूप से सोमेश्वर देवता के मेलों का आयोजन देखने को मिल रहा है. इन मेलों में जमकर भीड़ उमड़ रही है. सौड़ व सांकरी गांव में आयोजित मेले में ग्रामीण पारंपरिक परिधान के साथ अपने आराध्य देव सोमेश्वर के दर्शन किए. ग्रामीणों ने देव डोली के साथ जमकर रासो, तांदी नृत्य किया.
इस नृत्य में पर्यटक भी शामिल हुए थे. ये पर्यटक सांकरी सौड़ के होम स्टे में ठहरे हुए हैं. सांकरी निवासी चैन सिंह रावत ने बताया कि मेले में ध्याणियों (गांव से बाहर ब्याही लड़कियां) ने भी बढ़चढ़कर प्रतिभाग कर अपने आराध्य देव से अपने परिवार और गांव की सुख समृद्धि एवं खुशहाली के लिए प्रार्थना की. साथ ही इस बार सेब, चौलाई, राजमा और आलू की अच्छी फसल के लिए भी कामना की गई.
ग्रामीणों ने बताया कि तीन पट्टियों के 22 गांवों में सदियों से सोमेश्वर देवता के मेले आयोजित होते आ रहे हैं. इन मेलों में पारंपरिक वाद्य यंत्रों, ढोल नगाड़ा, रणसिंघा के साथ श्रद्धालु ग्रामीण मंदिर प्रांगण में देवता के दर्शन कर देव डोली के साथ पारंपरिक गीत एवं नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां देते हैं. इस मौके पर 22 गांव के स्याणा अकबर सिंह, देवता के पुजारी कृपाल सिंह, देवता के बजीर जनक सिंह, मुख्य बाजगी बरदास, पुलम दास आदि शामिल रहे.
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