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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में इस बार 10 दिनों तक देवी की आराधना, घोड़े पर सवार होकर आ रही मां दुर्गा - Ashadh Gupt Navratri 2024

Ashadh Gupt Navratri आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में इस बार 10 दिनों तक देवी मां की आराधना होगी. घोड़े पर सवार हो मां दुर्गा इस बार पधार रहीं हैं. आइए जानते हैं घटस्थापना का शुभ मुहूर्त और आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का महत्व.

Ashadh Gupt Navratri
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 6, 2024, 4:46 AM IST

घोड़े पर सवार हो आ रही मां दुर्गा (ETV Bharat)

रायपुर: गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से शुरू हो रही है, लेकिन इस बार गुप्त नवरात्रि 9 दिनों का ना होकर 10 दिनों का होने वाला है. इस लिहाज से 6 जुलाई से शुरू होकर गुप्त नवरात्रि 15 जुलाई तक चलेगा. सनातन धर्म में मां दुर्गा की आराधना नवरात्रि में नौ दिनों तक की जाती है. एक साल में कुल चार नवरात्रि पड़ती है, जिसमें दो ज्ञात नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि होती है. पहले चैत्र नवरात्रि, दूसरा शारदीय नवरात्र और दो गुप्त नवरात्रि में आषाढ़ और माघ माह में आते हैं. आषाढ़ महीने के गुप्त नवरात्रि को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र साधकों के लिए महत्वपूर्ण मानी गई है. नवरात्रि के दिनों में साधक अपनी तंत्र विद्या के जरिए तंत्र साधना को सिद्ध करते हैं.

जानिए क्या कहते हैं ज्योतिष: इस बारे में ज्योतिष महेंद्र कुमार ठाकुर ने कहा, "साल में चार नवरात्रि पड़ती है, जिसमें से दो ज्ञात नवरात्रि होती है और दो गुप्त नवरात्रि कहलाती है. साल 2024 में पहला गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से शुरू हो रही है. साल का दूसरा गुप्त नवरात्रि 30 दिसंबर को शुरू होगी. साल की दोनों गुप्त नवरात्रि विशिष्ट साधक और तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए जानी जाती है. इन नौ दिनों के दौरान साधक अपनी तंत्र और मंत्र साधना को सिद्ध कर सकते हैं. गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में मां काली और दुर्गा की आराधना और पूजन साधक करते हैं. यह साधना और पूजा पूरी तरह से गुप्त होती है. गुप्त नवरात्रि के दौरान तंत्र और मंत्र साधकों की ओर से किया जाने वाला अनुष्ठान का भी बड़ा महत्व है. ऐसा माना जाता है कि जो फल ज्ञात नवरात्रियों में नहीं मिलता वह फल इस गुप्त नवरात्रि में साधकों को मिलता है. महामृत्युंजय अनुष्ठान, नवाण मंत्र, सरस्वती का अनुष्ठान, मां काली का अनुष्ठान, शिव का अनुष्ठान, भगवान कृष्ण का अनुष्ठान तमाम तरह के अनुष्ठान इस दौरान किए जाते हैं. गुप्त नवरात्रि के दौरान माता के मंदिर में इस तरह के अनुष्ठान साधकों के द्वारा किया जाता है, तो इसका लाखों गुणा फल मिलता है."

घोड़े पर सवार होकर आ रही मां: हिंदू पंचांग के मुताबिक आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई 2024 शनिवार से शुरू हो रहा है. इसका समापन 15 जुलाई 2024 सोमवार को होगा. गुप्त नवरात्रि इस बार 9 दिन नहीं बल्कि 10 दिनों का रहने वाला है. 6 जुलाई से शुरू होने वाले गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी. शनिवार के हिसाब से मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर धरती पर आगमन करेंगी. मां दुर्गा का घोड़े पर आगमन होना प्राकृतिक आपदा का संकेत देता है.

जानिए घटस्थापना का शुभ मुहूर्त: नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है. घट स्थापना करने से माता दुर्गा प्रसन्न होती है. भक्तों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती है. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 6 जुलाई 2024 को सुबह 5:28 से लेकर सुबह 10:06 तक रहेगा. इसके अलावा कलश स्थापना का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:57 से दोपहर 12:53 तक रहेगा.

जानिए किस दिन होगी किस देवी की पूजा:

  • 6 जुलाई 2024 को प्रतिपदा तिथि के दिन मां काली की पूजा होगी.
  • 7 जुलाई 2024 को द्वितीया तिथि के दिन मां तारा की पूजा होगी.
  • 8 जुलाई 2024 को तृतीया तिथि के दिन मां त्रिपुर सुंदरी की पूजा होगी.
  • 9 जुलाई 2024 चतुर्थी तिथि के दिन मां भुवनेश्वरी की पूजा होगी.
  • 10 जुलाई 2024 पंचमी तिथि के दिन मां छिन्नमस्तिका की पूजा होगी.
  • 11 जुलाई 2024 षष्ठी तिथि के दिन मां त्रिपुर भैरवी की पूजा होगी.
  • 12 जुलाई 2024 को सप्तमी तिथि के दिन मां धूमावती की पूजा होगी.
  • 13 जुलाई 2024 अष्टमी तिथि के दिन मां बगलामुखी की पूजा होगी.
  • 14 जुलाई 2024 को नवमी तिथि के दिन मां मातंगी की पूजा होगी.
  • 15 जुलाई 2024 दशमी तिथि के दिन मां कमला की पूजा होगी.

नोट: यहां लिखी सारी बातें ज्योतिष की ओर से बताई गई बातें हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.

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रायपुर: गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से शुरू हो रही है, लेकिन इस बार गुप्त नवरात्रि 9 दिनों का ना होकर 10 दिनों का होने वाला है. इस लिहाज से 6 जुलाई से शुरू होकर गुप्त नवरात्रि 15 जुलाई तक चलेगा. सनातन धर्म में मां दुर्गा की आराधना नवरात्रि में नौ दिनों तक की जाती है. एक साल में कुल चार नवरात्रि पड़ती है, जिसमें दो ज्ञात नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि होती है. पहले चैत्र नवरात्रि, दूसरा शारदीय नवरात्र और दो गुप्त नवरात्रि में आषाढ़ और माघ माह में आते हैं. आषाढ़ महीने के गुप्त नवरात्रि को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र साधकों के लिए महत्वपूर्ण मानी गई है. नवरात्रि के दिनों में साधक अपनी तंत्र विद्या के जरिए तंत्र साधना को सिद्ध करते हैं.

जानिए क्या कहते हैं ज्योतिष: इस बारे में ज्योतिष महेंद्र कुमार ठाकुर ने कहा, "साल में चार नवरात्रि पड़ती है, जिसमें से दो ज्ञात नवरात्रि होती है और दो गुप्त नवरात्रि कहलाती है. साल 2024 में पहला गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से शुरू हो रही है. साल का दूसरा गुप्त नवरात्रि 30 दिसंबर को शुरू होगी. साल की दोनों गुप्त नवरात्रि विशिष्ट साधक और तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए जानी जाती है. इन नौ दिनों के दौरान साधक अपनी तंत्र और मंत्र साधना को सिद्ध कर सकते हैं. गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में मां काली और दुर्गा की आराधना और पूजन साधक करते हैं. यह साधना और पूजा पूरी तरह से गुप्त होती है. गुप्त नवरात्रि के दौरान तंत्र और मंत्र साधकों की ओर से किया जाने वाला अनुष्ठान का भी बड़ा महत्व है. ऐसा माना जाता है कि जो फल ज्ञात नवरात्रियों में नहीं मिलता वह फल इस गुप्त नवरात्रि में साधकों को मिलता है. महामृत्युंजय अनुष्ठान, नवाण मंत्र, सरस्वती का अनुष्ठान, मां काली का अनुष्ठान, शिव का अनुष्ठान, भगवान कृष्ण का अनुष्ठान तमाम तरह के अनुष्ठान इस दौरान किए जाते हैं. गुप्त नवरात्रि के दौरान माता के मंदिर में इस तरह के अनुष्ठान साधकों के द्वारा किया जाता है, तो इसका लाखों गुणा फल मिलता है."

घोड़े पर सवार होकर आ रही मां: हिंदू पंचांग के मुताबिक आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई 2024 शनिवार से शुरू हो रहा है. इसका समापन 15 जुलाई 2024 सोमवार को होगा. गुप्त नवरात्रि इस बार 9 दिन नहीं बल्कि 10 दिनों का रहने वाला है. 6 जुलाई से शुरू होने वाले गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी. शनिवार के हिसाब से मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर धरती पर आगमन करेंगी. मां दुर्गा का घोड़े पर आगमन होना प्राकृतिक आपदा का संकेत देता है.

जानिए घटस्थापना का शुभ मुहूर्त: नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है. घट स्थापना करने से माता दुर्गा प्रसन्न होती है. भक्तों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती है. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 6 जुलाई 2024 को सुबह 5:28 से लेकर सुबह 10:06 तक रहेगा. इसके अलावा कलश स्थापना का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:57 से दोपहर 12:53 तक रहेगा.

जानिए किस दिन होगी किस देवी की पूजा:

  • 6 जुलाई 2024 को प्रतिपदा तिथि के दिन मां काली की पूजा होगी.
  • 7 जुलाई 2024 को द्वितीया तिथि के दिन मां तारा की पूजा होगी.
  • 8 जुलाई 2024 को तृतीया तिथि के दिन मां त्रिपुर सुंदरी की पूजा होगी.
  • 9 जुलाई 2024 चतुर्थी तिथि के दिन मां भुवनेश्वरी की पूजा होगी.
  • 10 जुलाई 2024 पंचमी तिथि के दिन मां छिन्नमस्तिका की पूजा होगी.
  • 11 जुलाई 2024 षष्ठी तिथि के दिन मां त्रिपुर भैरवी की पूजा होगी.
  • 12 जुलाई 2024 को सप्तमी तिथि के दिन मां धूमावती की पूजा होगी.
  • 13 जुलाई 2024 अष्टमी तिथि के दिन मां बगलामुखी की पूजा होगी.
  • 14 जुलाई 2024 को नवमी तिथि के दिन मां मातंगी की पूजा होगी.
  • 15 जुलाई 2024 दशमी तिथि के दिन मां कमला की पूजा होगी.

नोट: यहां लिखी सारी बातें ज्योतिष की ओर से बताई गई बातें हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.

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