नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब ईडी की गिरफ्त में हैं. गुरुवार रात को ईडी शराब घोंटले में 10 वां समन लेकर अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर पहुंचीं थी और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. कानून के अनुसार, मुख्यमंत्री को सिविल मामलों में गिरफ्तारी और हिरासत से छूट मिली हुई है. इसपर संविधान विशेषज्ञ एस के शर्मा का कहना है कि केवल आपराधिक मामलों में ही मुख्यमंत्री को गिरफ्तारी किया जा सकता है.
एस के शर्मा ने कहा कि संविधान में देश के राष्ट्रपति और राज्यपाल एक मात्र ऐसे संवैधानिक पद पर हैं जिनका कार्यकाल समाप्त होने तक सिविल व आपराधिक कार्रवाई में गिरफ्तारी से छूट है. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 361 में उल्लेख है कि राष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपाल अपने पद पर रहते समय किसी भी कार्य के लिए किसी भी अदालत के प्रति जवाब दे नहीं है. लेकिन प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री व सांसद के सदस्यों को यह छूट नहीं मिली हुई है.
मुख्यमंत्री पद पर बने रह सकते हैं केजरीवाल: एस के शर्मा ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में कुछ अपराधों के लिए अयोग्यता के प्रावधान है. लेकिन पद संभालने वाले किसी भी व्यक्ति को सजा मिलना अनिवार्य है. तभी वह अयोग्य हो सकता है. कानून के अनुसार किसी मुख्यमंत्री को केवल तभी अयोग्य ठहराया जा सकता है या पद से हटा सकते हैं, जब वह किसी मामले में दोषी ठहराया जाता है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मामले में अभी तक उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है. सिर्फ गिरफ्तारी होने से वह मुख्यमंत्री के लिए अयोग्य नहीं हो सकते हैं.
जेल से चला सकते हैं सरकार: मुख्यमंत्री के गिरफ्तारी के बाद क्या जेल से सरकार चल सकती है? इस संबंध में संविधान विशेषज्ञ एसके शर्मा का कहना है संविधान में इसकी मनाही नहीं है. कोड आफ सिविल प्रोसीजर 135 के तहत मुख्यमंत्री या विधान परिषद के सदस्य के खिलाफ आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी से पहले सदन के अध्यक्ष की मंजूरी लेनी होती है. लेकिन यह छूट सिर्फ सिविल मामलों में है. कानून के अनुसार जब कोई सरकारी अधिकारी गिरफ्तार होता है तो उसे निलंबित कर सकते हैं. लेकिन राजनेताओं और राजनीतिक दलों पर कानूनी रूप से ऐसी कोई रोक नहीं है.
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिला है. अगर मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते हैं तो राष्ट्रपति दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकते हैं. वर्तमान में सिर्फ दो स्थितियों में मुख्यमंत्री के पद से अरविंद केजरीवाल हटाया जा सकता है. अगर विधानसभा में बहुमत का समर्थन वे खो देते हैं. या फिर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव अगर पास होता है. लेकिन दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में ही अचानक आम आदमी पार्टी सरकार अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी और वह खारिज हो गया था. इसलिए 6 महीने तक यह प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है. ऐसी स्थिति में फिलहाल केजरीवाल मुख्यमंत्री के तौर पर बने रह सकते हैं.
मुख्यमंत्री रहते हुए ये सब भी हुए हैं गिरफ्तार
- हाल ही में कोयला खनन के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार किया था.
- इससे पहले तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार किया गया था. जब तक मामले की जांच चली थी वह मुख्यमंत्री पद पर बनी रही थी. वर्ष 2014 में जब वह दोषी ठहराए गई और 4 साल की सजा हुई तब मुख्यमंत्री पद के लिए अयोग्य हो गई थी.
- कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा को वर्ष 2011 में अवैध खनन मामले में लोकायुक्त की रिपोर्ट आने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था और कुछ समय बाद वह गिरफ्तार भी हुए थे.
- वर्ष 1997 में बिहार में चारा घोटाले में सीबीआई ने मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को गिरफ्तार किया था.
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