जयपुर. बांग्लादेश और बर्मा से आए रोहिंग्या और अवैध घुसपैठियों को चिह्नित करके उन्हें शहर से बाहर किया जाएगा. सोमवार को ग्रेटर नगर निगम में हुई एनयूएलएम समिति की बैठक में शहर में संचालित हटवाड़ों में व्यापार करने वालों और स्ट्रीट वेंडर्स की नए सिरे से पहचान कर उनके लाइसेंस जारी करने और इसके लिए एक सर्वे करवाने का फैसला लिया गया. इस सर्वे में जांच-पड़ताल कर बांग्लादेश और बर्मा से आए रोहिंग्या और अवैध घुसपैठियों को भी चिह्नित किया जा सकेगा.
देश में करीब 15 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो सीधे या परोक्ष रूप से स्ट्रीट वेंडिंग के काम से जुड़े हुए हैं. जयपुर शहर में भी हर दिन किसी न किसी क्षेत्र में हटवाड़ा लगता है. इसको लेकर एनयूएलएम समिति के अध्यक्ष अरुण शर्मा ने बताया कि शहर में संचालित हो रहे हटवाड़ों में गरीबों का हक छिन रहा है. ग्रेटर निगम क्षेत्र में बिना निगम प्रशासन की मंजूरी के हटवाड़े संचालित हो रहे हैं, जहां गरीबों के बजाय घुसपैठिए सामान बेच रहे हैं. ऐसे में इन हटवाड़ों का सर्वे करवाने और स्ट्रीट वेंडर्स (थड़ी-ठेले) का सर्वे करके उनका रिकॉर्ड तैयार करने का फैसला लिया, ताकि इनकी पहचान हो सके और इनका नाम वेंडर्स सूची में शामिल करके इनको लाइसेंस दिए जा सके.
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उन्होंने बताया कि स्ट्रीट वेंडर्स के रूप में जयपुर में कई अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्या ने डेरा जमा रखा है. इन लोगों ने शहर के वीआईपी क्षेत्र में सड़क और फुटपाथ पर मनमाने तरीके से कब्जा जमा रखा है . इससे ट्रैफिक जाम तो लगता ही है, साथ ही कई आपराधिक वारदात में भी ये लोग शामिल मिलते हैं. वहीं, इन लोगों की वजह से स्थानीय वेंडर्स को भी रोजगार के अवसर कम उपलब्ध हो रहे हैं. ऐसे में अब निगम बाहरी लोगों की पहचान कर उन्हें यहां से हटाएगा और उनकी जगह स्थानीय स्ट्रीट वेंडर्स को प्राथमिकता देंगे. साथ ही वेंडर्स के लिए जगह चिह्नित करेंगे, ताकि यातायात जाम की समस्या न बने.