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SC तक केस हारने के बाद भी नहीं दिया भूखंड का कब्जा, जेडीए सचिव गिरफ्तारी और जेडीसी जमानती वारंट से तलब - Arrest warrant of JDA secretary

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 27, 2024, 8:46 PM IST

पीआरएन में भूखंड का कब्जा नहीं दिए जाने को लेकर जिला उपभोक्ता आयोग ने जेडीए सचिव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. वहीं जेडीसी को जमानती वारंट से तलब किया है.

District consumer commission
जिला उपभोक्ता आयोग (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग, चतुर्थ ने पीआरएन में भूखंड देने से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट तक केस हारने के बाद भी 11 साल में आयोग के आदेश की पालना नहीं करने पर जेडीए सचिव हेमपुष्पा शर्मा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. आयोग ने गांधी नगर एसएचओ को निर्देश दिया है कि वे सचिव को गिरफ्तार कर 12 अगस्त को आयोग के समक्ष पेश करें. वहीं आयोग ने जेडीसी मंजू राजपाल को भी 10 हजार रुपए के जमानती वारंट से 12 अगस्त को तलब किया है और वारंट के तामील की जिम्मेदारी गांधीनगर एसएचओ को दी है. आयोग ने यह आदेश परिवादी शम्भूदयाल अग्रवाल के प्रार्थना पत्र पर दिया.

प्रार्थना पत्र में बताया कि परिवादी पीआरएन का सफल आवंटी है, लेकिन उसे पीआरएन में भूखंड का कब्जा नहीं दिया. जिस पर उसने उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर किया. आयोग ने 26 जुलाई, 2013 को फैसला देते हुए जेडीए पर 2500 रुपए हर्जाना लगाते हुए निर्देश दिया कि वह परिवादी को पीआरएन में ही भूखंड दे. जेडीए ने आदेश की पालना करने की बजाय इसे राज्य उपभोक्ता आयोग और बाद में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी, लेकिन दोनों ही जगह पर जेडीए हारा और जिला उपभोक्ता आयोग का फैसला बरकरार रखा गया.

पढ़ें: अदालत के आदेश की पालना नहीं करने पर CI का गिरफ्तारी वारंट जारी - Rajasthan High Court

इस पर जेडीए ने राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी गत 13 फरवरी को जेडीए की एसएलपी खारिज कर दी. इस पर परिवादी ने उपभोक्ता आयोग में चल रहे अवमानना मामले में आदेश की पालना करवाने का आग्रह किया. जिस पर आयोग ने जेडीए सचिव के गिरफ्तारी वारंट व जेडीसी के जमानती वारंट जारी कर उन्हें तलब किया.

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग, चतुर्थ ने पीआरएन में भूखंड देने से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट तक केस हारने के बाद भी 11 साल में आयोग के आदेश की पालना नहीं करने पर जेडीए सचिव हेमपुष्पा शर्मा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. आयोग ने गांधी नगर एसएचओ को निर्देश दिया है कि वे सचिव को गिरफ्तार कर 12 अगस्त को आयोग के समक्ष पेश करें. वहीं आयोग ने जेडीसी मंजू राजपाल को भी 10 हजार रुपए के जमानती वारंट से 12 अगस्त को तलब किया है और वारंट के तामील की जिम्मेदारी गांधीनगर एसएचओ को दी है. आयोग ने यह आदेश परिवादी शम्भूदयाल अग्रवाल के प्रार्थना पत्र पर दिया.

प्रार्थना पत्र में बताया कि परिवादी पीआरएन का सफल आवंटी है, लेकिन उसे पीआरएन में भूखंड का कब्जा नहीं दिया. जिस पर उसने उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर किया. आयोग ने 26 जुलाई, 2013 को फैसला देते हुए जेडीए पर 2500 रुपए हर्जाना लगाते हुए निर्देश दिया कि वह परिवादी को पीआरएन में ही भूखंड दे. जेडीए ने आदेश की पालना करने की बजाय इसे राज्य उपभोक्ता आयोग और बाद में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी, लेकिन दोनों ही जगह पर जेडीए हारा और जिला उपभोक्ता आयोग का फैसला बरकरार रखा गया.

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इस पर जेडीए ने राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी गत 13 फरवरी को जेडीए की एसएलपी खारिज कर दी. इस पर परिवादी ने उपभोक्ता आयोग में चल रहे अवमानना मामले में आदेश की पालना करवाने का आग्रह किया. जिस पर आयोग ने जेडीए सचिव के गिरफ्तारी वारंट व जेडीसी के जमानती वारंट जारी कर उन्हें तलब किया.

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