देहरादून: लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, जिसको देखते हुए राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति के आधार पर तैयारी में जुट गई हैं, ताकि लोकसभा चुनाव को जीतकर सत्ता पर काबिज हो सके. इसी क्रम में भारत निर्वाचन आयोग 16 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा है. वहीं अधिसूचना जारी होने के बाद राज्य सरकार कोई घोषणा नहीं कर पाएगी. साथ ही मंत्री और विधायक सरकारी वाहनों का प्रयोग प्रचार-प्रसार में नहीं कर सकेंगे.
राज्य सरकार नहीं कर पाएगी कोई घोषणा: आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद देश भर में माहौल पूरी तरह से बदल जाएगा. मुख्य रूप से सरकारी कामकाज अपनी तरह से चलेंगे, लेकिन नई नीति निर्धारण सरकारें नहीं कर पाएगी. साथ ही राज्य सरकार कोई घोषणा भी नहीं कर सकती है. साथ ही निर्वाचित युवाओं को नियुक्ति पत्र भी नहीं बांटे जाएंगे. हालांकि, किसी आपदा या फिर आपातकाल स्थिति में राज्य सरकार, निर्वाचन आयोग से अनुमति के बाद फैसला ले सकती है.
प्रचार के लिए प्रयोग नहीं होंगे सरकारी वाहन: आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी मंत्री या विधायक सरकारी वाहनों का प्रयोग प्रचार-प्रसार में नहीं कर सकेंगे. साथ ही कोई भी मंत्री अपने एस्कॉर्ट में ना ही सायरन बजा सकेगा और ना ही नीली बत्ती जला सकेंगे. कुल मिलाकर सरकार इस चुनाव के दौरान सरकारी तंत्र का प्रयोग नहीं कर सकेगी. इसके अलावा कोई मंत्री विवेकाधीन कोष से कोई भी भुगतान नहीं कर सकता. सरकारी कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक शामिल हो सकेंगे, लेकिन राजनीतिक भाषण पर पाबंदी रहेगी.
बैनर पोस्टर और विज्ञापनों पर रखी जाएगी नजर: आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद चौक-चौराहों, सड़कों और गलियों में लगे सरकारी बैनर पोस्टर के साथ-साथ तमाम योजनाओं से जुड़े बैनर पोस्टर हटा दिए जाएंगे, ताकि किसी भी तरह से चुनाव प्रभावित न हो सके. आचार संहिता लागू होने के बाद निर्वाचन आयोग की ओर से पार्टियों की तरफ से लगाए जाने वाले बैनर पोस्टर और विज्ञापनों पर पूरी तरह से नजर रखी जाएगी. ऐसे में इस दौरान जो भी बैनर पोस्टर लगाए जाएंगे, उसकी जानकारी निर्वाचन आयोग को देनी होगी, जिसमें होने वाला खर्च पार्टी या फिर प्रत्याशी के खर्चों में जोड़ा जाएगा.
10 वाहनों से अधिक वाहनों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे प्रत्याशी: चुनाव के दौरान प्रत्याशियों को इस बार तमाम सावधानियां बरतनी होगी. दरअसल, निर्वाचन आयोग की ओर से जारी किए गए दिशा निर्देशों के तहत प्रत्याशी चुनाव प्रचार के दौरान एक साथ 10 वाहनों से अधिक वाहनों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. प्रचार के लिए प्रत्याशियों को 10 वाहनों से अधिक होने पर 10-10 वाहनों का समूह बनाना होगा और हर समूह के बीच 100 मीटर का गैप रखना अनिवार्य होगा, ताकि इससे आम जनता को परेशानियों का सामना न करना पड़े. वहीं, अगर कोई प्रत्याशी इन निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो जिला प्रशासन ऐसे वाहनों को चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने तक इस्तेमाल नहीं करने देगा. इसके अलावा जुलूस में शामिल होने वाले सभी वाहनों का खर्च प्रत्याशियों के खर्च में जोड़ा जाएगा.
प्रचार प्रक्रिया और जुलूस की होगी वीडियोग्राफी: रोड शो या फिर जुलूस निकालने के दौरान प्रत्याशियों को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि उन क्षेत्रों से रोड शो नहीं निकालें, जहां पर अत्यधिक भीड़ हो. बड़े अस्पताल, ट्रामा सेंटर, ब्लड बैंकों में निर्वाचन आयोग की ओर से रोड शो निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी. साथ ही रोड शो के दौरान प्रत्याशी आधी सड़क का ही इस्तेमाल कर सकेंगे. इसके अलावा, सभी प्रचार प्रक्रिया और जुलूस की वीडियोग्राफी भी होगी.
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