जोधपुर: मेहरानगढ़ दुर्ग में चामुण्डा माता मंदिर में आसोजी शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ कुंभ स्थापना के साथ गुरुवार 3 अक्टूबर को होगा. नवरात्रि में मंदिर में दर्शन की व्यवस्था प्रातः 7 बजे से शाम 5 बजे तक रहेगी. पूर्व महाराजा गज सिंह 12:15 बजे पूजा करेंगे.
मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट के महाप्रबंधक जगत सिंह राठौड़ ने बताया कि सतवर्ती पाठ का संकल्प और स्थापना का मुहूर्त सुबह 12:15 से 1:15 बजे के बीच का निकला है. जोधपुर के पूर्व राजपरिवार की इष्ट देवी मां चामुंडा की पूजा-अर्चना करने के लिए पूर्व महाराजा गजसिंह व हेमलता राज्ये उपस्थित रहेंगे. प्रातः काल मंदिर के शिखर पर मुख्य ध्वजा चढ़ाई जायेगी और चारों दिशाओं में छोटी ध्वजाएं चढ़ाई जाएंगी. बुधवार को पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने मेहरानगढ़ में अगले 9 दिन तक रहने वाली व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया. पूरे परिसर में सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे.
पंक्तिबद्ध व्यवस्था एवं जांच के बाद ही प्रवेश: प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी प्रशासन के सुझावानुसार सभी व्यवस्थाओं को अन्तिम रूप दिया गया है. जयपोल के बाहर से ही एक पंक्ति में लाईनों की व्यवस्था की गई है, जो मंदिर तक रहेगी तथा डीएफएमडी गेट से ही जयपोल व फतेहपोल से दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा. पट्टे पर महिलाओं, बच्चों एवं वृद्धजनों के लिये आने-जाने की व्यवस्था की गई है. वे वहीं से जाएंगे और वहीं से आएंगे. इसी प्रकार पुरुषों एवं युवाओं के लिए सलीम कोट से होते हुए बसन्त सागर से आने-जाने की व्यवस्था की गई है.
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प्रसाद चढ़ाने की महिला व पुरुषों की अलग से व्यवस्था: उन्होंने बताया कि प्रसाद चढ़ाने के लिए बसन्त सागर पर महामृत्युंजय मूर्ति वाले मार्ग पर पुरुषों के लिए एवं पट्टे पर महिलाओं के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. जहां पर अतिरिक्त ब्राह्मणों की व्यवस्था प्रसाद चढ़ाने के लिए की गई है जिससे मंदिर परिसर में भक्तगण मां के दर्शन कर पुनः लौट सकेंगे. मंदिर में चामुंडा माता के दर्शन करने के बाद मंदिर परिसर में परिक्रमा वर्जित रहेगी. उल्लेखनीय है कि साल 2008 में शारदीय नवरात्र के पहले दिन हुई भगदड़ में 216 मौतें यहां हुई थी. उसके बाद से व्यवस्थाओं में पुलिस प्रशासन की भागीदारी हुई है.