अलवर : अंगदान कई जरूरतमंद लोगों को नया जीवन दे सकता है, लेकिन समाज में अंगदान को लेकर फैली भ्रांतियां इस मुहिम के आड़े आ रही है. अब लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित करने के लिए विभिन्न संस्थाएं और जागरूक लोग सामने आए हैं. वहीं, अलवर में सेना के एक चिकित्सक भी इस महिम में जुटे हैं. चिकित्सक शिविर लगाकर लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करने का काम कर रहे हैं.
अलवर के लाल डिग्गी स्थित मिलिट्री हॉस्पिटल के डॉ. कर्नल आरके यादव का कहना है कि अलवर के मिलिट्री हॉस्पिटल में हर साल विश्व अंगदान दिवस मनाया जाता है. अंगदान दिवस मनाने का उददेश्य लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करना है. लोगों को खुद से सामने आना चाहिए और जरूरतमंदों को नया जीवन देने के लिए अंगदान करना चाहिए.
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डॉ. कर्नल आरके यादव ने कहा कि देश के लाखों लोगों को सिर्फ इसलिए अपनी जान गंवानी पड़ती है, क्योंकि जरूरत होने पर उन्हें मानव अंग नहीं मिल पाते हैं. लोग यदि चाहे तो छोटा सा दान कर बड़ी संख्या में लोगों की जान बचा सकते हैं. इसके लिए लोगों को मरणोपरांत अंगदान करने की जरूरत है. इससे जरूरतमंद लोगों की जिंदगी में उजियारा लाने के लिए अंगदान करने वाले व्यक्ति के अंग लेने की जरूरत होती है. यदि लोग स्वेच्छा से अंगदान करेंगे तो जरूरतमंद लोगों को अंग आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे.
ऐसे करते हैं अंगदान के लिए प्रेरित : अंगदान को लेकर लोगों में जागरूकता लाने व इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए मिलिट्री हॉस्पिटल में हर साल अंगदान दिवस मनाया जाता है. इस आयोजन में लोगों के मन में अंगदान को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए प्रेरित किया जाता है. डॉ. कर्नल आरके यादव ने कहा कि अंगदान एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें एक अंग को दाता के शरीर से निकाल कर प्राप्तकर्ता के शरीर में स्थानांतरित किया जाता है. सही समय पर अंग मिलने से व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है. उन्होंने बताया कि अंगदान सभी दानों में सर्वश्रेष्ठ है.
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लोगों में है ये भ्रांति : अंगदान के प्रति लोगों को जागरूक करने वाली टीम का कहना है कि कुछ लोगों में यह भ्रांति है कि यदि व्यक्ति ने अंगदान किया तो आने वाले जन्म में वो उस अंग के बिना इस धरती पर जन्म लेगा. इसके चलते ज्यादातर लोग अंगदान करने से बचते हैं. इसी भ्रांति को दूर करने के लिए अलवर में डॉ. आरके यादव कई सालों से प्रयास कर रहे हैं.