कानपुर: आगामी तीन से पांच साल के अंदर दुनिया के कई देशों में कानपुर के आयुध निर्माणी इकाईयों में तैयार 10 हजार करोड़ रुपए के स्वदेशी हथियारों की सप्लाई की जाएगी. इसके आर्डर एडवांस्ड वेपन इक्पिमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्ल्यूईआईएल) के अफसरों को मिल चुके हैं. वहीं, पिछले एक साल में 70 करोड़ रुपए के हथियारों का निर्यात किया गया.
हालांकि, अब तेज गति से हथियार बनेंगे. खास बात यह होगी कि इनमें 94 प्रतिशत तक हथियारों के सभी उपकरण स्वदेशी होंगे. मंगलवार को वार्ता कर यह जानकारी एडब्ल्यूईआईएल के सीएमडी राजेश चौधरी ने दी. उन्होंने बताया कि यूरोपीय देशों व एडवांस्ड देशों की ओर से हमें लगातार आर्डर मिल रहे हैं. उत्तरी अमेरिका व मध्य पूर्व अफ्रीका में भी कई हथियारों को हमें निर्यात करना है. 615 करोड़ रुपये के 16 निर्यात आर्डर मिले हैं.
विदेश में सारंग और धनुष की मांग: एडवांस्ड वेपन इक्पिमेंट इंडिया लिमिटेड के सीएमडी राजेश चौधरी ने बताया कि हथियारों के साथ ही हमारे बड़े प्राइमरी उत्पादों में शामिल तोप धनुष और सारंग की मांग भी विदेश में है. हालांकि, अभी इनके निर्यात को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है.
भारतीय सेना में भी धनुष और सारंग को बहुत अधिक पसंद किया जाता है. सारंग जहां 100 प्रतिशत स्वदेशी उपकरणों से बनी है, वहीं धनुष में 94 प्रतिशत स्वदेशी उपकरणों का उपयोग किया गया है. इसके अलावा कई देशों ने एम्पटी शैल (खाली खोल) मांगे हैं, जिन्हें बाद में वह फिल करके अपने उपकरण और हथियार बना सकेंगे.
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