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अरहर दाल के लिए किसान करें इस खास किस्म की खेती, 4 महीने में तैयार फसल कर देगी मालामाल - Arhar Dal Farming Make Farmers Rich

अरहर दाल या तुअर दाल ये वो दाल है जो दाम के मामले में आसमान छू रही है. इसके बावजूद किसान इसे लगाने से परहेज करते हैं. मालामाल करने वाली इस दाल की एक नई किस्म आ गई है जिसे लगाने के बाद यह 6 की जगह 4 महीने में ही पक जाती है. जानिए कौन सी है यह किस्म और किसान कैसे बन सकते हैं मालामाल.

FARMERS RICH PIGEON PEA FARMING
पूसा 16 किस्म से किसानों को अच्छी आमदनी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 14, 2024, 5:34 PM IST

Updated : Jul 14, 2024, 7:24 PM IST

Arhar Dal Variety Pusa 16 Make Farmers Rich: महंगाई इन दिनों आसमान छू रही है, अरहर दाल दोहरा शतक लगाने को बेकरार है. खरीफ का सीजन भी चल रहा है और खेती किसानी जोरों पर है. ऐसे में अगर किसान अरहर की खेती करते हैं तो वो अच्छी आमदनी हासिल कर सकते हैं. ज्यादातर किसान अरहर की खेती से इसलिए बचते हैं क्योंकि यह काफी दिनों की फसल होती है, ऐसे में अरहर में भी अब कुछ ऐसी खास किस्म आ गई हैं जो महज 4 महीने में ही पककर तैयार हो जाती हैं. किसान इन किस्म को लगाकर मालामाल हो सकते हैं.

किसानों की समस्या का समाधान है पूसा 16 (ETV Bharat)

दोहरे शतक के करीब अरहर दाल

शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का एकमात्र और सबसे अच्छा विकल्प होता है अरहर की दाल. ऐसे घरों में हर दिन खाने में अरहर की दाल बनती है और लोग इस दाल को खाना पसंद भी करते हैं. पिछले कुछ महीनों से अरहर की दाल में इतनी तेजी है कि इसे खरीदना अब आम लोगों के बस की बात नहीं रह गई है. वैसे तो सभी तरह के दालों की कीमत बढ़ी है लेकिन अरहर दाल की कीमत कुछ ज्यादा ही है. आलम यह है कि अब दोहरा शतक लगाने के करीब ये दाल पहुंच चुकी है, जो आम लोगों की थाली से दूर होती जा रही है.

अरहर की बोवनी से क्यों परहेज

अधिकांश किसान अरहर की बोनी से परहेज करते हैं और ज्यादातर रकबे में अरहर की खेती नहीं की जाती है, जबकि अरहर की फसल से अच्छे खासे पैसे भी मिलते हैं. इसे लेकर जब कुछ किसानों से बात की जो धान के अलावा भी कई तरह की खेती बड़े रकबे में करते हैं. किसान रामवीर और दयालु लाल बताते हैं कि "वो खेती तो करते हैं, थोड़ी बहुत जमीन बची तो अरहर के बीज भी डाल देते हैं लेकिन अरहर की खेती से किसानों की अरुचि इसलिए है क्योंकि उनकी जमीन लंबे समय के लिए फंस जाती है. अरहर की फसल पकने में 6 महीने से भी ज्यादा का वक्त लग जाता है, ऐसे में वो दूसरी फसल उस जमीन पर नहीं ले पाते हैं. ठंड के सीजन में अरहर की फसल को पाले से बहुत ज्यादा खतरा बना रहता है और अक्सर ही किसानों का नुकसान हो जाता है इसलिए भी वो अरहर की खेती से बचते हैं. जितने समय में अरहर की फसल पककर तैयार होगी उस समय में वो दूसरी फसल की भी खेती कर सकते हैं और उससे ज्यादा पैसे कमा सकते हैं."

Arhar Dal Farming Make Farmers Rich
अरहर दाल की खेती से किसान ले सकते हैं अच्छा मुनाफा (ETV Bharat)

किसानों की समस्या का समाधान है पूसा 16

शहडोल कृषि विभाग के उपसंचालक आरपी झारिया बताते हैं कि "इस बार अरहर की खेती के लिए किसानों की जो मुख्य समस्या थी उसका समाधान पूसा 16 अरहर की किस्म है. पूसा 16 अरहर की वो किस्म है जो महज 4 महीने में ही पककर तैयार हो जाती है, इसलिए किसानों को वो सलाह देते हैं कि अधिक से अधिक मात्रा में दलहन की इस किस्म को किसान लगा सकते हैं और दिसंबर के लास्ट या जनवरी के पहले सप्ताह में इस किस्म की अरहर की फसल को काट सकते हैं. उसके नमी का उपयोग करके किसान भाई दूसरे फसल भी ले सकते हैं. अरहर की फसल में दिसंबर लास्ट और जनवरी के पहले सप्ताह के बीच में ही पाला पड़ने की सबसे बड़ी समस्या आती है ऐसे में अरहर की पूसा 16 की ये किस्म किसानों की इस समस्या को भी खत्म कर देगी."

arhar dal variety Pusa 16
तुअर दाल की पूसा 16 वैरायटी (ETV Bharat)

अरहर से किसान हो सकते हैं मालामाल

अरहर की खेती से किसान मालामाल भी हो सकते हैं, क्योंकि अरहर दाल की बात की जाए तो इस पूरे साल ही अरहर की दाल के दाम काफी हाई रहे हैं. अब तो अरहर दाल 200 रुपये प्रति किलो का आंकड़ा पार करने के करीब है. इस बार अरहर के रेट किसानों को भी ₹90 से लेकर ₹120 किलो तक मिले हैं. ऐसे में अगर किसान इस बार पूसा 16 की किस्म लगाते हैं तो उत्पादन भी अच्छा होगा और आमदनी भी अच्छी होगी.

अपनाएं ये टिप्स, बम्पर होगा उत्पादन

अरहर की खेती के लिए टिप्स की बात करें तो किसानों को सलाह देते हुए कृषि विभाग के उपसंचालक आरपी झारिया बताते हैं कि "अरहर की खेती करते समय किसान इस बात का ध्यान रखें कि जिन खेतों में पानी का भराव ना हो हल्की स्लोपी भूमि हो वहां पर अरहर की खेती करें. जहां पर कोदो- कुटकी की फसल ली जाती हो उन जगहों पर भी अरहर की फसल ली जा सकती है. इसके साथ ही अरहर फसल के साथ अंतरवर्ती फसल के रूप में कोदो कुटकी की फसल भी ले सकते हैं. जिससे किसानों को अरहर के साथ-साथ अतिरिक्त आमदनी भी मिलने के संभावना बन जाती है.

Farmers Rich Pigeon Pea Farming
अरहर दाल की खेती से किसान मालामाल (ETV Bharat)

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अरहर का रकबा बढ़ा

कृषि विभाग शहडोल के उपसंचालक आरपी झारिया बताते हैं कि "इस बार शहडोल जिले में भी अरहर का रकबा बढ़ा है. 11000 हेक्टेयर रकबा इस बार अरहर की खेती में प्रस्तावित है जिसमें पूसा 16 और भीमा दो किस्म हैं, जिसके बीज कृषि विभाग की ओर से वितरित किये गए हैं."

Arhar Dal Variety Pusa 16 Make Farmers Rich: महंगाई इन दिनों आसमान छू रही है, अरहर दाल दोहरा शतक लगाने को बेकरार है. खरीफ का सीजन भी चल रहा है और खेती किसानी जोरों पर है. ऐसे में अगर किसान अरहर की खेती करते हैं तो वो अच्छी आमदनी हासिल कर सकते हैं. ज्यादातर किसान अरहर की खेती से इसलिए बचते हैं क्योंकि यह काफी दिनों की फसल होती है, ऐसे में अरहर में भी अब कुछ ऐसी खास किस्म आ गई हैं जो महज 4 महीने में ही पककर तैयार हो जाती हैं. किसान इन किस्म को लगाकर मालामाल हो सकते हैं.

किसानों की समस्या का समाधान है पूसा 16 (ETV Bharat)

दोहरे शतक के करीब अरहर दाल

शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का एकमात्र और सबसे अच्छा विकल्प होता है अरहर की दाल. ऐसे घरों में हर दिन खाने में अरहर की दाल बनती है और लोग इस दाल को खाना पसंद भी करते हैं. पिछले कुछ महीनों से अरहर की दाल में इतनी तेजी है कि इसे खरीदना अब आम लोगों के बस की बात नहीं रह गई है. वैसे तो सभी तरह के दालों की कीमत बढ़ी है लेकिन अरहर दाल की कीमत कुछ ज्यादा ही है. आलम यह है कि अब दोहरा शतक लगाने के करीब ये दाल पहुंच चुकी है, जो आम लोगों की थाली से दूर होती जा रही है.

अरहर की बोवनी से क्यों परहेज

अधिकांश किसान अरहर की बोनी से परहेज करते हैं और ज्यादातर रकबे में अरहर की खेती नहीं की जाती है, जबकि अरहर की फसल से अच्छे खासे पैसे भी मिलते हैं. इसे लेकर जब कुछ किसानों से बात की जो धान के अलावा भी कई तरह की खेती बड़े रकबे में करते हैं. किसान रामवीर और दयालु लाल बताते हैं कि "वो खेती तो करते हैं, थोड़ी बहुत जमीन बची तो अरहर के बीज भी डाल देते हैं लेकिन अरहर की खेती से किसानों की अरुचि इसलिए है क्योंकि उनकी जमीन लंबे समय के लिए फंस जाती है. अरहर की फसल पकने में 6 महीने से भी ज्यादा का वक्त लग जाता है, ऐसे में वो दूसरी फसल उस जमीन पर नहीं ले पाते हैं. ठंड के सीजन में अरहर की फसल को पाले से बहुत ज्यादा खतरा बना रहता है और अक्सर ही किसानों का नुकसान हो जाता है इसलिए भी वो अरहर की खेती से बचते हैं. जितने समय में अरहर की फसल पककर तैयार होगी उस समय में वो दूसरी फसल की भी खेती कर सकते हैं और उससे ज्यादा पैसे कमा सकते हैं."

Arhar Dal Farming Make Farmers Rich
अरहर दाल की खेती से किसान ले सकते हैं अच्छा मुनाफा (ETV Bharat)

किसानों की समस्या का समाधान है पूसा 16

शहडोल कृषि विभाग के उपसंचालक आरपी झारिया बताते हैं कि "इस बार अरहर की खेती के लिए किसानों की जो मुख्य समस्या थी उसका समाधान पूसा 16 अरहर की किस्म है. पूसा 16 अरहर की वो किस्म है जो महज 4 महीने में ही पककर तैयार हो जाती है, इसलिए किसानों को वो सलाह देते हैं कि अधिक से अधिक मात्रा में दलहन की इस किस्म को किसान लगा सकते हैं और दिसंबर के लास्ट या जनवरी के पहले सप्ताह में इस किस्म की अरहर की फसल को काट सकते हैं. उसके नमी का उपयोग करके किसान भाई दूसरे फसल भी ले सकते हैं. अरहर की फसल में दिसंबर लास्ट और जनवरी के पहले सप्ताह के बीच में ही पाला पड़ने की सबसे बड़ी समस्या आती है ऐसे में अरहर की पूसा 16 की ये किस्म किसानों की इस समस्या को भी खत्म कर देगी."

arhar dal variety Pusa 16
तुअर दाल की पूसा 16 वैरायटी (ETV Bharat)

अरहर से किसान हो सकते हैं मालामाल

अरहर की खेती से किसान मालामाल भी हो सकते हैं, क्योंकि अरहर दाल की बात की जाए तो इस पूरे साल ही अरहर की दाल के दाम काफी हाई रहे हैं. अब तो अरहर दाल 200 रुपये प्रति किलो का आंकड़ा पार करने के करीब है. इस बार अरहर के रेट किसानों को भी ₹90 से लेकर ₹120 किलो तक मिले हैं. ऐसे में अगर किसान इस बार पूसा 16 की किस्म लगाते हैं तो उत्पादन भी अच्छा होगा और आमदनी भी अच्छी होगी.

अपनाएं ये टिप्स, बम्पर होगा उत्पादन

अरहर की खेती के लिए टिप्स की बात करें तो किसानों को सलाह देते हुए कृषि विभाग के उपसंचालक आरपी झारिया बताते हैं कि "अरहर की खेती करते समय किसान इस बात का ध्यान रखें कि जिन खेतों में पानी का भराव ना हो हल्की स्लोपी भूमि हो वहां पर अरहर की खेती करें. जहां पर कोदो- कुटकी की फसल ली जाती हो उन जगहों पर भी अरहर की फसल ली जा सकती है. इसके साथ ही अरहर फसल के साथ अंतरवर्ती फसल के रूप में कोदो कुटकी की फसल भी ले सकते हैं. जिससे किसानों को अरहर के साथ-साथ अतिरिक्त आमदनी भी मिलने के संभावना बन जाती है.

Farmers Rich Pigeon Pea Farming
अरहर दाल की खेती से किसान मालामाल (ETV Bharat)

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अरहर का रकबा बढ़ा

कृषि विभाग शहडोल के उपसंचालक आरपी झारिया बताते हैं कि "इस बार शहडोल जिले में भी अरहर का रकबा बढ़ा है. 11000 हेक्टेयर रकबा इस बार अरहर की खेती में प्रस्तावित है जिसमें पूसा 16 और भीमा दो किस्म हैं, जिसके बीज कृषि विभाग की ओर से वितरित किये गए हैं."

Last Updated : Jul 14, 2024, 7:24 PM IST
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