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शिमला लोकसभा सीट पर मतदान 70% के पार, 17 विधानसभाओं में किसे मिला जनता का साथ ? - Shimla Seat Vote Percentage - SHIMLA SEAT VOTE PERCENTAGE

Shimla Lok Sabha Seat: शिमला लोकसभा सीट पर बीते 15 सालों से बीजेपी ने अपना कब्जा जमाया है. इस सीट पर साल 2004 में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर धनी राम शांडिल ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. वहीं, साल 2024 के लोकसभा चुनाव में इस बार मुकाबला दिलचस्प रहने वाला है. क्लिक कर जानें शिमला संसदीय सीट के तहत आने वाली सभी 17 विधानसभा सीटों का मतदान प्रतिशत.

Vinod Sultanpuri and Suresh Kashyap
कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी और बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 2, 2024, 5:31 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में 1 जून को सातवें चरण में 4 लोकसभा सीटों पर चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हुआ. चुनाव आयोग के मुताबिक प्रदेश में कुल मतदान करीब 70 प्रतिशत रहा. शिमला लोकसभा सीट के तहत आने वाली 17 विधानसभा सीटों में कुल मतदान 70.44 फीसदी रहा. वहीं, 4 जून को नतीजे आने हैं.

शिमला संसदीय क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप और कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी के बीच मुकाबला है. इस लोकसभा सीट में कुल 17 विधानसभा क्षेत्र हैं. विधानसभा चुनाव में 13 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. वहीं, बीजेपी की झोली में यहां केवल 3 सीटें आई थीं. वहीं, नालागढ़ से निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर ने जीत हासिल की थी. लोकसभा चुनाव में सिरमौर जिले के तहत आने वाली नाहन विधानसभा सीट पर सबसे अधिक मतदान हुआ. वहीं, शिमला जिले में आने वाली कसुम्पटी विधानसभा सीट पर सबसे कम मतदान हुआ. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक शिमला लोकसभा के तहत आने वाली 17 विधानसभा क्षेत्रों में हुए मतदान का ब्यौरा नीचे दिया गया है.

विधानसभा क्षेत्रमतदान प्रतिशत 2024
दून73.72
जुब्बल-कोटखाई75.48
कसौली75.25
कसुम्पटी61.33
नाहन78
नालागढ़ 71.53
पच्छाद72
पांवटा साहिब74.05
रोहड़ू71.51
शिलाई71
शिमला 63.12
शिमला ग्रामीण 65.40
सोलन68.59
श्री रेणुका जी 69
ठियोग66.09
अर्की68.11
चौपाल67.49

नाहन विधानसभा क्षेत्र में हुआ सबसे अधिक मतदान:

सिरमौर जिले में आने वाली नाहन विधानसभा सीट पर चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक सबसे अधिक मतदान हुआ है. यहां पर कुल 78 प्रतिशत मतदान हुआ जो शिमला संसदीय सीट में हुए औसत मतदान से करीब 8 प्रतिशत अधिक है. बता दें कि नाहन में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए राहुल गांधी ने और बीजेपी प्रत्याशी के लिए खुद पीएम मोदी ने रैली की थी जिसका असर ये हुआ कि यहां लोगों ने बढ़-चढ़ कर मतदान किया.

कसुम्पटी विधानसभा सीट पर हुआ सबसे कम मतदान:

शिमला जिले के तहत आने वाली कसुम्पटी विधानसभा सीट पर चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक सबसे कम मतदान हुआ है. इस सीट पर करीब 61.33 फीसदी मतदान हुआ जो शिमला संसदीय सीट में हुए औसत मतदान से करीब 8 प्रतिशत कम है. इस सीट से प्रदेश के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह आते हैं.

पच्छाद विधानसभा सीट पर हुआ 72 प्रतिशत मतदान:

बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप मूल रूप से सिरमौर जिले की पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं. उनके गृह विधानसभा में 72 प्रतिशत मतदान हुआ. शिमला संसदीय सीट पर हुए औसत मतदान से यह 2 प्रतिशत अधिक है. सुरेश कश्यप साल 2012 और 2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के टिकट पर लगातार दो बार विधायक चुने गए. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बनाया और उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता धनी राम शांडिल को 3,27,514 वोटों से एकतरफा मात दी थी.

BJP candidate Suresh Kashyap and his family
बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप ने अपने परिवार के साथ किया मतदान (ETV Bharat)

कसौली विधानसभा सीट पर हुआ करीब 75 प्रतिशत मतदान:

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी कसौली विधानसभा के मूल निवासी हैं. उनके विधानसभा क्षेत्र में करीब 75 प्रतिशत मतदान हुआ. यह शिमला संसदीय सीट के औसत मतदान से 5 प्रतिशत अधिक है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में विनोद सुल्तानपुरी कांग्रेस के टिकट पर पहली बार विधायक बने और अब लोकसभा के रण में हैं. विनोद सुल्तानपुरी के परिवार का राजनीतिक बैकग्राउंड प्रदेश में जाना-पहचाना है. उनके पिता केडी सुल्तानपुरी शिमला लोकसभा सीट से लगातार 6 बार सांसद रहे जो एक रिकॉर्ड है.

Vinod Sultanpuri and his wife
कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी ने अपनी पत्नी के साथ किया मतदान (ETV Bharat)

विधानसभा चुनाव में शिमला संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस को बढ़त:

शिमला संसदीय सीट के 17 विधानसभा क्षेत्रों में मौजूदा 13 विधायक कांग्रेस के हैं. सुक्खू सरकार में चार मंत्री इसी सीट से आते हैं जिनमें रोहित ठाकुर, विक्रमादित्य सिंह, अनिरुद्ध सिंह और धनीराम शांडिल शामिल हैं. इसके अलावा श्री रेणुका जी सीट से जीते विनय कुमार विधानसभा उपाध्यक्ष हैं. अर्की से विधायक संजय अवस्थी सीपीएस हैं.

बीजेपी को सिरमौर से क्षतिपूर्ति की उम्मीद:

वहीं, भाजपा के पास सिरमौर जिले का वोट बैंक है. बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल का सिरमौर गृह जिला है. वहीं, हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिलाने का प्रयास व सुरेश कश्यप की तरफ से सांसद निधि के खर्च में अच्छी परफॉर्मेंस बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में है. वहीं, बीजेपी प्रत्याशी के पास सबसे बड़ा हथियार मोदी मैजिक है.

शिमला लोकसभा सीट पर बीते 4 सालों में मतदान प्रतिशत घटता-बढ़ता रहा है. हालांकि साल 2019 व इस बार के लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत ने 70 के आंकड़े को पार किया है.

वर्षमतदान प्रतिशत
200461.47%
200955.73%
201463.99%
201972.68%

साल 2009 में शिमला लोकसभा सीट पर सबसे कम 55.73% वोटिंग हुई थी जो बीते पांच लोकसभा चुनावों में सबसे कम था. हालांकि इसके बाद मतदान प्रतिशत का आंकड़ा बढ़ा है.

शिमला लोकसभा सीट थी कांग्रेस का गढ़:

शिमला लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. बीते 15 सालों से इस सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की है. साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर धनी राम शांडिल ने यहां पर अंतिम बार चुनाव जीता था. साल 2009 और 2014 में वीरेंद्र कश्यप ने बतौर बीजेपी के टिकट पर इस सीट पर दो बार लोकसभा चुनाव जीता. वहीं, साल 2019 में सुरेश कश्यप ने इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी धनीराम शांडिल को करीब 3 लाख 27 हजार के रिकॉर्ड मतों से हराया.

ये भी पढ़ें: मंडी में कंगना के 'घर' में सबसे कम मतदान, विक्रमादित्य सिंह के गृह क्षेत्र में बंपर वोटिंग...क्या कहता है गणित?

ये भी पढ़ें: Mandi Exit Poll 2024: कंगना Vs विक्रमादित्य सिंह, मंडी सीट पर किसका बिगड़ रहा खेल, किसे मिलेगी गुड न्यूज़ ? एग्जिट पोल का इशारा समझिए

शिमला: हिमाचल प्रदेश में 1 जून को सातवें चरण में 4 लोकसभा सीटों पर चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हुआ. चुनाव आयोग के मुताबिक प्रदेश में कुल मतदान करीब 70 प्रतिशत रहा. शिमला लोकसभा सीट के तहत आने वाली 17 विधानसभा सीटों में कुल मतदान 70.44 फीसदी रहा. वहीं, 4 जून को नतीजे आने हैं.

शिमला संसदीय क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप और कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी के बीच मुकाबला है. इस लोकसभा सीट में कुल 17 विधानसभा क्षेत्र हैं. विधानसभा चुनाव में 13 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. वहीं, बीजेपी की झोली में यहां केवल 3 सीटें आई थीं. वहीं, नालागढ़ से निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर ने जीत हासिल की थी. लोकसभा चुनाव में सिरमौर जिले के तहत आने वाली नाहन विधानसभा सीट पर सबसे अधिक मतदान हुआ. वहीं, शिमला जिले में आने वाली कसुम्पटी विधानसभा सीट पर सबसे कम मतदान हुआ. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक शिमला लोकसभा के तहत आने वाली 17 विधानसभा क्षेत्रों में हुए मतदान का ब्यौरा नीचे दिया गया है.

विधानसभा क्षेत्रमतदान प्रतिशत 2024
दून73.72
जुब्बल-कोटखाई75.48
कसौली75.25
कसुम्पटी61.33
नाहन78
नालागढ़ 71.53
पच्छाद72
पांवटा साहिब74.05
रोहड़ू71.51
शिलाई71
शिमला 63.12
शिमला ग्रामीण 65.40
सोलन68.59
श्री रेणुका जी 69
ठियोग66.09
अर्की68.11
चौपाल67.49

नाहन विधानसभा क्षेत्र में हुआ सबसे अधिक मतदान:

सिरमौर जिले में आने वाली नाहन विधानसभा सीट पर चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक सबसे अधिक मतदान हुआ है. यहां पर कुल 78 प्रतिशत मतदान हुआ जो शिमला संसदीय सीट में हुए औसत मतदान से करीब 8 प्रतिशत अधिक है. बता दें कि नाहन में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए राहुल गांधी ने और बीजेपी प्रत्याशी के लिए खुद पीएम मोदी ने रैली की थी जिसका असर ये हुआ कि यहां लोगों ने बढ़-चढ़ कर मतदान किया.

कसुम्पटी विधानसभा सीट पर हुआ सबसे कम मतदान:

शिमला जिले के तहत आने वाली कसुम्पटी विधानसभा सीट पर चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक सबसे कम मतदान हुआ है. इस सीट पर करीब 61.33 फीसदी मतदान हुआ जो शिमला संसदीय सीट में हुए औसत मतदान से करीब 8 प्रतिशत कम है. इस सीट से प्रदेश के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह आते हैं.

पच्छाद विधानसभा सीट पर हुआ 72 प्रतिशत मतदान:

बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप मूल रूप से सिरमौर जिले की पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं. उनके गृह विधानसभा में 72 प्रतिशत मतदान हुआ. शिमला संसदीय सीट पर हुए औसत मतदान से यह 2 प्रतिशत अधिक है. सुरेश कश्यप साल 2012 और 2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के टिकट पर लगातार दो बार विधायक चुने गए. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बनाया और उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता धनी राम शांडिल को 3,27,514 वोटों से एकतरफा मात दी थी.

BJP candidate Suresh Kashyap and his family
बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप ने अपने परिवार के साथ किया मतदान (ETV Bharat)

कसौली विधानसभा सीट पर हुआ करीब 75 प्रतिशत मतदान:

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी कसौली विधानसभा के मूल निवासी हैं. उनके विधानसभा क्षेत्र में करीब 75 प्रतिशत मतदान हुआ. यह शिमला संसदीय सीट के औसत मतदान से 5 प्रतिशत अधिक है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में विनोद सुल्तानपुरी कांग्रेस के टिकट पर पहली बार विधायक बने और अब लोकसभा के रण में हैं. विनोद सुल्तानपुरी के परिवार का राजनीतिक बैकग्राउंड प्रदेश में जाना-पहचाना है. उनके पिता केडी सुल्तानपुरी शिमला लोकसभा सीट से लगातार 6 बार सांसद रहे जो एक रिकॉर्ड है.

Vinod Sultanpuri and his wife
कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी ने अपनी पत्नी के साथ किया मतदान (ETV Bharat)

विधानसभा चुनाव में शिमला संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस को बढ़त:

शिमला संसदीय सीट के 17 विधानसभा क्षेत्रों में मौजूदा 13 विधायक कांग्रेस के हैं. सुक्खू सरकार में चार मंत्री इसी सीट से आते हैं जिनमें रोहित ठाकुर, विक्रमादित्य सिंह, अनिरुद्ध सिंह और धनीराम शांडिल शामिल हैं. इसके अलावा श्री रेणुका जी सीट से जीते विनय कुमार विधानसभा उपाध्यक्ष हैं. अर्की से विधायक संजय अवस्थी सीपीएस हैं.

बीजेपी को सिरमौर से क्षतिपूर्ति की उम्मीद:

वहीं, भाजपा के पास सिरमौर जिले का वोट बैंक है. बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल का सिरमौर गृह जिला है. वहीं, हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिलाने का प्रयास व सुरेश कश्यप की तरफ से सांसद निधि के खर्च में अच्छी परफॉर्मेंस बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में है. वहीं, बीजेपी प्रत्याशी के पास सबसे बड़ा हथियार मोदी मैजिक है.

शिमला लोकसभा सीट पर बीते 4 सालों में मतदान प्रतिशत घटता-बढ़ता रहा है. हालांकि साल 2019 व इस बार के लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत ने 70 के आंकड़े को पार किया है.

वर्षमतदान प्रतिशत
200461.47%
200955.73%
201463.99%
201972.68%

साल 2009 में शिमला लोकसभा सीट पर सबसे कम 55.73% वोटिंग हुई थी जो बीते पांच लोकसभा चुनावों में सबसे कम था. हालांकि इसके बाद मतदान प्रतिशत का आंकड़ा बढ़ा है.

शिमला लोकसभा सीट थी कांग्रेस का गढ़:

शिमला लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. बीते 15 सालों से इस सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की है. साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर धनी राम शांडिल ने यहां पर अंतिम बार चुनाव जीता था. साल 2009 और 2014 में वीरेंद्र कश्यप ने बतौर बीजेपी के टिकट पर इस सीट पर दो बार लोकसभा चुनाव जीता. वहीं, साल 2019 में सुरेश कश्यप ने इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी धनीराम शांडिल को करीब 3 लाख 27 हजार के रिकॉर्ड मतों से हराया.

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