पूर्णिया: बिहार में पुल-पुलिया के गिरने का सिलसिला जारी है. इस बार पूर्णिया में ऐसा ही नजारा देखने को मिला है. जहां महज 2 साल पहले बना पुल ध्वस्त हो गया. इस घटना के बाद से 10 हजार लोगों के आवागमन पर असर पड़ा है. मामला जिले के अमौर प्रखंड के लालटोली गांव का है.
मुख्यमंत्री संपर्क योजना के तहत बना पुल: मिली जानकारी के अनुसार, जिले के अमौर प्रखंड क्षेत्र में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत इस पुल का निर्माण हुआ था. पुल का निर्माण लालटोली हाट से रंगरैया पथ तक किया गया था, जिसकी लंबाई 69.91 मीटर एवं एप्रोच की लंबाई 100 मीटर थी. इस पुल को सनी कांट्रेक्टर्स एंड इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा किया गया था. बता दें कि एक वर्ष के अंदर दोबारा पुल का एप्रोच ध्वस्त हुआ है, जिससे 10 हजार की आबादी वाली गांव के लोगों का आवागमन बाधित हो गया है.
कार्य में अनियमितता का आरोप: वहीं, पुल टूटने के बाद ग्रामीणों ने संवेदक पर निर्माण कार्य में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का आरोप है कि संवेदक द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं करवाया गया है. जिसके कारण बारिश के मौसम में यह स्थिति आई है. ग्रामीणों ने कहा कि पुल के टूटने से आसपास के गांव के 10 हजार की आबादी का आवागमन बाधित हो गया है. यह गांव का मुख्य मार्ग था. पूल का एप्रोच ढहने से ग्रामीणों सहित पंचायत मुखिया प्रतिनिधि सज्जाद आलम ने डीएम से उच्च स्तरीय जांच कर सड़क एवं पुल के एप्रोच निर्माण की मांग की है.
"जिले में कटाव निरोधक कार्य चल रहा है. जल्द ही गांव का संपर्क जुड़ जाएगा. इस इलाके में लगातार हो रही है बारिश और बारिश के मौसम में कोई भी काम नहीं हो पा रहा है. अगर लगातार इसी तरह बारिश होती रही तो गांव में रहने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकती है." - हरी शंकर प्रसाद, कनीय अभियंता
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