जयपुर: एनआईए मामलों की विशेष अदालत ने सुखदेव सिंह गोगामेडी हत्याकांड मामले में अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद आरोपी नितिन फौजी, रामवीर और उधम सिंह के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. आरोपियों ने जेल प्रशासन पर एसटीडी फोन से परिजनों से बात नहीं कराने और उनसे मुलाकात नहीं कराने का आरोप लगाया गया था.
पीठासीन अधिकारी मशरूर आलम खान ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी उधम सिंह की उसके परिजनों से बात कराई जा रही है. वहीं नितिन व रामवीर के मामले में परिजनों से मुलाकात करने का कोई प्रार्थना पत्र जेल प्रशासन के समक्ष पेश नहीं किया गया है. इसके अलावा आरोपियों पर विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के तहत आरोप होने के कारण फोन सुविधा बंद की गई है. ऐसे में आरोपियों की ओर से पेश प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाता है.
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प्रार्थना पत्र में कहा गया कि प्रार्थियों की गत अगस्त माह में अपने परिजनों से फोन पर बात कराई गई थी. इसके बाद न तो उनकी परिजनों से फोन पर बात कराई गई और ना ही उनसे मुलाकात कराई गई. इसके अलावा उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया जा रहा है. जबकि संविधान के तहत हर आरोपी को अपने परिजनों से बात करने और मिलने का मौलिक अधिकार है. इसके जवाब में जेल प्रशासन ने कहा कि राज्य सरकार के 10 दिसंबर, 2019 के आदेशानुसार विदेशी बंदियों, एनएसए, राज.पासा, कोफेपोसा, यूएपीए एक्ट के अंतर्गत विचाराधीन कैदियों को फोन सुविधा उपलब्ध नहीं है.
इसके अलावा उधम सिंह को आवेदन करने पर परिजनों से मुलाकात कराई गई है और नितिन व रामवीर के साथी बंदी से मारपीट करने के कारण 17 सितंबर, 2024 को मुलाकात करने के लिए 15 दिन की पाबंदी लगाई गई है. इसके अलावा उनकी ओर से मुलाकात का कोई आवेदन भी नहीं किया गया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. गौरतलब है कि 5 दिसंबर, 2023 को गोगामेडी की रोहित व नितिन ने घर में घुसकर गोलीमार कर हत्या कर दी थी.