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हिमाचल में अब छात्र सीखेंगे कैसे होती है सेब की पैदावार, पहली बार स्कूलों में पढ़ाई जाएगी बागवानी

हिमाचल प्रदेश में सेब बागवानी को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों के पाठ्यक्रम में सेब की पैदावार कैसे की जाती है, इसे शामिल किया जाएगा.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Apple horticulture in Himachal schools
हिमाचल के स्कूलों में सेब की बागवानी का विषय (File Photo)

शिमला: फल राज्य के नाम से विश्व प्रख्यात हिमाचल प्रदेश में अब बागवानी को लेकर नया प्रयोग होने जा रहा है. प्रदेश की पांच हजार करोड़ की सेब आर्थिकी के प्रति युवाओं में दिलचस्पी बढ़ाने के लिए इसे पढ़ाई में शामिल किया जाएगा. प्रदेश में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में पहली बार बागवानी विषय पढ़ाने का अनूठा प्रयास किया जा रहा है. जिसमें 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को सेब पैदावार की ए टू जेड जानकारी उपलब्ध कराई जाएगा, ताकि हिमाचल में सेब से होने वाली आर्थिकी को और मजबूत किया जा सके.

शैक्षणिक सत्र 2025-26 से होगी शुरुआत

इसके साथ बागवानी के प्रति रुचि बढ़ने से युवा नौकरी की तलाश में नहीं भटकेंगे और घर पर रह कर रोजगार प्राप्त कर लाखों की आमदनी कर सकेंगे. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में बागवानी का ये विषय वैकल्पिक तौर पर पढ़ाया जाएगा. जिसकी शैक्षणिक सत्र 2025-26 से इसकी शुरुआत होगी. इसका अधिक फोकस हिमाचल के बागवानी बहुल क्षेत्रों में रहेगा. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने उच्च शिक्षा निदेशालय को इस संदर्भ में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश जारी किए हैं.

Apple horticulture in Himachal schools
हिमाचल में सेब बागवानी (File Photo)

हजारों लोगों को रोजगार देता है सेब

हिमाचल की जीडीपी में सेब की आर्थिकी का बहुत बड़ा योगदान है. प्रदेश में आज अकेले सेब का कारोबार पांच हजार करोड़ तक पहुंच गया है. इसके अलावा बागवानों को अन्य फलों की पैदावार लेने से अच्छी कमाई प्राप्त हो रही है. ऐसे में हिमाचल में बागवानी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है, लेकिन दिक्कत ये है कि आधुनिकता की होड़ में युवाओं की बागवानी में रुचि कम हो रही है. जिसके लिए युवा शहरों में ही नौकरी करने को प्राथमिकता दे रहे हैं. जो प्रदेश की पांच हज़ार करोड़ की सेब आर्थिकी के लिए खतरे की घंटी है. ऐसे में युवाओं में बागवानी के प्रति दिलचस्पी बढ़ाने के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में बागवानी विषय पढ़ाने की पहल की जा रही है.

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर सेब बहुल क्षेत्र से आते हैं. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का कहना है, "प्रदेश की आर्थिकी में बागवानी का महत्वपूर्ण योगदान है. युवाओं को इससे जोड़ने के लिए बागवानी विषय को स्कूलों में शुरू करने का फैसला लिया गया है. इसके लिए हिमाचल के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में बागवानी विषय पढ़ाने के लिए इसमें उच्च शिक्षा प्राप्त करने वालों को बतौर शिक्षक नियुक्त किया जाएगा. शिक्षक भर्ती के लिए भी नियम और शर्तें तैयार करने को कहा गया है." उन्होंने कहा कि बागवानी विश्वविद्यालय नौणी से चर्चा के बाद भर्ती से संबंधित नियम तैयार किए जाएंगे. शिमला, कुल्लू, मंडी, किन्नौर, लाहौल-स्पीति सहित अन्य सेब बहुल क्षेत्रों में अधिक से अधिक विद्यार्थी विषय को पढ़ें, इसके लिए विशेष अभियान भी चलाया जाएगा.

ये भी पढ़ें: ईरान के सस्ते सेब ने तोड़ी हिमाचल के बागवानों की कमर, 2 हजार रुपये प्रति पेटी गिरे दाम

ये भी पढ़ें: लकड़ी के बॉक्स से यूनिवर्सल कार्टन तक का सफर, अंग्रेज अधिकारी ने लगाया था हिमाचल में सबसे पहले सेब का बगीचा

शिमला: फल राज्य के नाम से विश्व प्रख्यात हिमाचल प्रदेश में अब बागवानी को लेकर नया प्रयोग होने जा रहा है. प्रदेश की पांच हजार करोड़ की सेब आर्थिकी के प्रति युवाओं में दिलचस्पी बढ़ाने के लिए इसे पढ़ाई में शामिल किया जाएगा. प्रदेश में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में पहली बार बागवानी विषय पढ़ाने का अनूठा प्रयास किया जा रहा है. जिसमें 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को सेब पैदावार की ए टू जेड जानकारी उपलब्ध कराई जाएगा, ताकि हिमाचल में सेब से होने वाली आर्थिकी को और मजबूत किया जा सके.

शैक्षणिक सत्र 2025-26 से होगी शुरुआत

इसके साथ बागवानी के प्रति रुचि बढ़ने से युवा नौकरी की तलाश में नहीं भटकेंगे और घर पर रह कर रोजगार प्राप्त कर लाखों की आमदनी कर सकेंगे. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में बागवानी का ये विषय वैकल्पिक तौर पर पढ़ाया जाएगा. जिसकी शैक्षणिक सत्र 2025-26 से इसकी शुरुआत होगी. इसका अधिक फोकस हिमाचल के बागवानी बहुल क्षेत्रों में रहेगा. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने उच्च शिक्षा निदेशालय को इस संदर्भ में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश जारी किए हैं.

Apple horticulture in Himachal schools
हिमाचल में सेब बागवानी (File Photo)

हजारों लोगों को रोजगार देता है सेब

हिमाचल की जीडीपी में सेब की आर्थिकी का बहुत बड़ा योगदान है. प्रदेश में आज अकेले सेब का कारोबार पांच हजार करोड़ तक पहुंच गया है. इसके अलावा बागवानों को अन्य फलों की पैदावार लेने से अच्छी कमाई प्राप्त हो रही है. ऐसे में हिमाचल में बागवानी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है, लेकिन दिक्कत ये है कि आधुनिकता की होड़ में युवाओं की बागवानी में रुचि कम हो रही है. जिसके लिए युवा शहरों में ही नौकरी करने को प्राथमिकता दे रहे हैं. जो प्रदेश की पांच हज़ार करोड़ की सेब आर्थिकी के लिए खतरे की घंटी है. ऐसे में युवाओं में बागवानी के प्रति दिलचस्पी बढ़ाने के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में बागवानी विषय पढ़ाने की पहल की जा रही है.

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर सेब बहुल क्षेत्र से आते हैं. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का कहना है, "प्रदेश की आर्थिकी में बागवानी का महत्वपूर्ण योगदान है. युवाओं को इससे जोड़ने के लिए बागवानी विषय को स्कूलों में शुरू करने का फैसला लिया गया है. इसके लिए हिमाचल के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में बागवानी विषय पढ़ाने के लिए इसमें उच्च शिक्षा प्राप्त करने वालों को बतौर शिक्षक नियुक्त किया जाएगा. शिक्षक भर्ती के लिए भी नियम और शर्तें तैयार करने को कहा गया है." उन्होंने कहा कि बागवानी विश्वविद्यालय नौणी से चर्चा के बाद भर्ती से संबंधित नियम तैयार किए जाएंगे. शिमला, कुल्लू, मंडी, किन्नौर, लाहौल-स्पीति सहित अन्य सेब बहुल क्षेत्रों में अधिक से अधिक विद्यार्थी विषय को पढ़ें, इसके लिए विशेष अभियान भी चलाया जाएगा.

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