लातेहारः जिला के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नेतरहाट में अब सेब की खेती होने लगी है. नेतरहाट के उन्नत किसान राम राजू और श्रीनिवास राजू ने यहां आरंभिक चरण में नेतरहाट के मौसम के मुताबिक चार किस्म के सेब के पौधे लगाए हैं. आने वाले दिनों में नेतरहाट सेब उत्पादन के मामले में भी पूरे राज्य में पहचाने जाने लगेगा.
दरअसल, नेतरहाट का मौसम ठंड रहने के कारण यहां सेब उत्पादन की संभावना काफी अधिक दिखती है. इसी संभावना को देखते हुए आंध्र प्रदेश से आए दो किसान भाइयों राम राजू और श्रीनिवास राजू ने पहले चरण में नेतरहाट के मौसम के अनुकूल यहां लगभग 250 सेब के पौधे लगाए हैं. आरंभिक चरण में जिस प्रकार से के पौधों का ग्रोथ हो रहा है, उससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां सेब की अच्छी खेती हो सकती है. इधर इस संबंध में किसान श्रीनिवास राजू ने बताया कि नेतरहाट में सेब के उत्पादन के लिए अनुकूल मौसम है. इसीलिए पहले चरण में यहां मौसम के अनुकूल चार नस्ल के सेब के पौधों को लगाया गया है. इनमें अर्बन 99, अन्ना आदि वैराइटी शामिल है. उन्होंने बताया कि जिस भी वैराइटी के पौधों में सेब का अच्छा उत्पादन होगा, उस वैराइटी के सेब की व्यावसायिक दृष्टि कौन से खेती की जाएगी.
सेब के पौधों की नर्सरी लगाने की योजना
किसान श्रीनिवास राजू ने बताया कि यहां जिस किस्म के सेब का ग्रोथ सबसे बेहतर होगा, उस किस्म के सेब के पौधों को तैयार करने के लिए नर्सरी भी बनाने की योजना है. उन्होंने बताया कि नेतरहाट में जिस प्रकार का मौसम है, वह सेब उत्पादन के लिए पूरी तरह अनुकूल है. इसीलिए प्रायोगिक तौर पर यहां सबसे पहले लगभग 250 सेब के पौधों को लगाया गया है. संभावना जताई जा रही है कि अगले एक साल तक सेब के पौधों में फल आने लगेगा.
नेतरहाट में सेब उत्पादन की पूरी संभावना- कृषि पदाधिकारी
लातेहार जिला कृषि पदाधिकारी अमृतेश कुमार सिंह ने बताया कि सेब उत्पादन के लिए टेंपरेट मौसम की जरूरत होती है. नेतरहाट का मौसम पूरी तरह टेंपरेट है. इसलिए यहां सेब उत्पादन की पूरी संभावना है. उन्होंने किसान राम राजू और श्रीनिवास राजू की तारीफ करते हुए कहा कि दोनों भाइयों को कृषि कार्य में कृषि विभाग के द्वारा सरकारी प्रावधान के तहत हर प्रकार की मदद उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि दोनों भाइयों ने नेतरहाट में सेब उत्पादन की जो पहल की है, वह वाकई सराहनीय है. नेतरहाट में सेब उत्पादन की पहल होने से अन्य किसानों को भी अब उन्नत खेती की प्रेरणा मिलेगी.
इसे भी पढ़ें- BAU Research on Apple: झारखंड में सेब की खेती संभव! बीएयू में हो रहे रिसर्च के प्रारंभिक नतीजे सकारात्मक
इसे भी पढ़ें- कश्मीर और हिमाचल के बाद झारखंड में सेब की खेती, बंजर जमीन पर लगाए जाएंगे एप्पल फार्म