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दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में आरोपियों की पेशी कल, चार्जशीट पर कोर्ट ने लिया संज्ञान - Delhi Jal Board money laundering - DELHI JAL BOARD MONEY LAUNDERING

Delhi Jal Board case: दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कोर्ट ने सभी आरोपियों को 4 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.

दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले में आरोपियों की कल पेशी
दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले में आरोपियों की कल पेशी
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 3, 2024, 8:05 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड टेंडर से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया है. स्पेशल जज भूपेंद्र सिंह ने चार लोगों और एक कंपनी के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया. कोर्ट ने सभी आरोपियों को 4 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया. ईडी ने 30 मार्च को इस मामले में चार्जशीट दाखिल किया था.

करीब आठ हजार पन्नों की चार्जशीट में ईडी ने एक कंपनी और चार लोगों को आरोपी बनाया है. मनी लॉड्रिंग कानून की धारा 3, 4 और 70 के तहत आरोपी बनाया है. ईडी ने अपनी चार्जशीट में जिन लोगों को आरोपी बनाया है, उनमें दिल्ली जल बोर्ड के तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा, अनिल कुमार अग्रवाल, तजिंदर पाल सिंह, एनबीसीसी के फरीदाबाद जोन के पूर्व जीएम देवेंदर कुमार मित्तल और मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड शामिल हैं.

इस मामले में जगदीश कुमार अरोड़ा और अनिल कुमार अग्रवाल न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी ने इस मामले में तजिंदर पाल सिंह और देवेंदर कुमार मित्तल को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है. कोर्ट ने जगदीश कुमार अरोड़ा और अनिल कुमार अग्रवाल के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया. जबकि, तजिंदर पाल सिंह, देवेंदर कुमार मित्तल के खिलाफ समन जारी किया है. ईडी के मुताबिक, 15 दिसंबर 2017 को दिल्ली जल बोर्ड के इलेक्ट्रोमैग्नेट फ्लो मीटर के लिए मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को उसके पांच साल के ऑपरेशन के लिए ठेका जारी किया गया था.

ये भी पढ़ें : दिल्ली जल बोर्ड घोटाला में AAP पर कसा शिकंजा, ED ने कुर्क की आरोपी इंजीनियरों की करोड़ों की संपत्ति - Delhi Jal Board Scam Case

ये ठेका सप्लाई, इंस्टालेशन, टेस्टिंग और कमिशनिंग (एसआईटीसी) के काम के लिए था. ठेका 24 करोड़ से ज्यादा का था. ईडी के मुताबिक जिस कंपनी को ये ठेका दिया गया वो तकनीकी मानदंडों को पूरा नहीं करती. इस ठेके के बदले आरोपियों ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और मेसर्स इंटीग्रल स्क्रूज इंडस्टरीज से तीन करोड़ रुपये लिए थे. एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अपना ठेका मेसर्स इंटीग्रल स्क्रूज लिमिटेड को दे दिया था. अनिल अग्रवाल इंटीग्रल स्क्रूज लिमिटेड का प्रोपराईटरशिप फर्म है.

ये भी पढ़ें : दिल्ली में पानी और सीवर कनेक्शन लेना हुआ महंगा, जानिए अब कितना करना पड़ेगा खर्च - New Water Sevrage Connection Rate

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड टेंडर से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया है. स्पेशल जज भूपेंद्र सिंह ने चार लोगों और एक कंपनी के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया. कोर्ट ने सभी आरोपियों को 4 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया. ईडी ने 30 मार्च को इस मामले में चार्जशीट दाखिल किया था.

करीब आठ हजार पन्नों की चार्जशीट में ईडी ने एक कंपनी और चार लोगों को आरोपी बनाया है. मनी लॉड्रिंग कानून की धारा 3, 4 और 70 के तहत आरोपी बनाया है. ईडी ने अपनी चार्जशीट में जिन लोगों को आरोपी बनाया है, उनमें दिल्ली जल बोर्ड के तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा, अनिल कुमार अग्रवाल, तजिंदर पाल सिंह, एनबीसीसी के फरीदाबाद जोन के पूर्व जीएम देवेंदर कुमार मित्तल और मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड शामिल हैं.

इस मामले में जगदीश कुमार अरोड़ा और अनिल कुमार अग्रवाल न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी ने इस मामले में तजिंदर पाल सिंह और देवेंदर कुमार मित्तल को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है. कोर्ट ने जगदीश कुमार अरोड़ा और अनिल कुमार अग्रवाल के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया. जबकि, तजिंदर पाल सिंह, देवेंदर कुमार मित्तल के खिलाफ समन जारी किया है. ईडी के मुताबिक, 15 दिसंबर 2017 को दिल्ली जल बोर्ड के इलेक्ट्रोमैग्नेट फ्लो मीटर के लिए मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को उसके पांच साल के ऑपरेशन के लिए ठेका जारी किया गया था.

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ये ठेका सप्लाई, इंस्टालेशन, टेस्टिंग और कमिशनिंग (एसआईटीसी) के काम के लिए था. ठेका 24 करोड़ से ज्यादा का था. ईडी के मुताबिक जिस कंपनी को ये ठेका दिया गया वो तकनीकी मानदंडों को पूरा नहीं करती. इस ठेके के बदले आरोपियों ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और मेसर्स इंटीग्रल स्क्रूज इंडस्टरीज से तीन करोड़ रुपये लिए थे. एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अपना ठेका मेसर्स इंटीग्रल स्क्रूज लिमिटेड को दे दिया था. अनिल अग्रवाल इंटीग्रल स्क्रूज लिमिटेड का प्रोपराईटरशिप फर्म है.

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