मुरादाबाद: Moradabad Lok Sabha Seat: मुरादाबाद लोकसभा सीट पर 1952 से आज तक किसी भी राजनीतिक पार्टी की तरफ से कोई भी महिला प्रत्याशी जीत कर लोकसभा नहीं पहुंच सकी है. भाजपा भी पहली बार 2014 में जीत दर्ज कर पाई थी. लेकिन, मोदी लहर के बावजूद 2019 में भाजपा अपनी यह सीट हार गई थी.
लगातार चौथी बार चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रत्याशी कुंवर सर्वेश सिंह को इंडिया गठबंधन की महिला प्रत्याशी कड़ी टक्कर देती हुई दिखाई दे रही है. 1962 में एक बार निर्दलीय प्रत्याशी जीत दर्जकर लोकसभा पहुंच चुके हैं. 2 बार जनसंघ के उम्मीदवार भी जीत दर्ज कर चुके हैं.
मुरादाबाद पीतल नगरी के नाम से पूरी दुनिया में विख्यात है. इस शहर को 1625 में रुस्तम खान ने बसाया था. इस शहर को इतिहास के पन्नो में चौपाल के नाम से जाना जाता था. बाद में शाहजहां के बेटे मुराद के नाम पर इसका नाम मुरादाबाद रखा गया.
मुरादाबाद 3718 वर्ग मीटर में रामगंगा नदी के किनारे फैला हुआ है. मुरादाबाद की कुल आबादी 41 लाख के करीब है, जिसमें 54.29 प्रतिशत पुरुष और 45.70 प्रतिशत महिला आबादी है. मुरादाबाद जनपद में 6 विधानसभा सीट आती हैं.
2009 में नए परिसीमन के बाद कुंदरकी और बिलारी विधानसभा संभल लोकसभा सीट में चली गई. मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र में बिजनौर जनपद की बढ़ापुर विधानसभा सीट को शामिल किया गया.
2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के कुंवर सर्वेश सिंह और गठबंधन की प्रत्याशी रुचि वीरा के बीच कड़ा मुकाबला है. भाजपा प्रत्याशी कुंवर सर्वेश सिंह 2009, 2014, 2019 और इस बार 2024 में लगातार चौथी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे है.
2009 में कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व क्रिकेटर अजहरुद्दीन से चुनाव हारे थे. 2014 में सर्वेश सिंह ने 43 प्रतिशत वोट लेकर जीत दर्ज की थी. 2019 में भी सर्वेश सिंह को 43 प्रतिशत वोट मिले लेकिन वह चुनाव हार गए थे. सर्वेश सिंह जमीन से जुड़े नेता है. अपनी तेज तर्रार छवि के लिए जाने जाते है.
2019 में बसपा सपा गांठबंधन के प्रत्याशी एसटी हसन ने 50.64 प्रतिशत वोट लेकर जीत दर्ज की थी. इस बार भी सपा कांग्रेस का गठबंधन है और बिजनौर जनपद की पूर्व विधायक रुचि वीरा को प्रत्याशी बनाया है.
रुचि वीरा ने 2014 में उपचुनाव में सपा के उम्मीदवार के तौर पर बिजनौर विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर जीत दर्ज की थी. उसके बाद बिजनौर जिला पंचायत अध्यक्ष भी रहीं. बरेली की आंवला सीट से लोकसभा चुनाव 2019 बसपा से लड़ा लेकिन, हार गई थीं.
2022 में भी बसपा से विधानसभा का चुनाव लड़ा, इसमें भी हार का सामना करना पड़ा. रुचि वीरा की मुरादाबाद में ननिहाल है और ग्रेजुएशन की पढ़ाई भी मुरादाबाद के हिन्दू कॉलेज से पूरी की है. रुचि वीरा भले ही राजवाड़े खानदान से हैं लेकिन, आम जनता से मिलना जुलना रहता है.
मुरादाबाद लोकसभा पर 52 प्रतिशत हिन्दू और 47 प्रतिशत मुस्लिम वोट हैं. इस सीट पर मुस्लिम वोटर ही निर्णायक होते हैं. भाजपा प्रत्याशी सर्वेश सिंह मोदी की गारंटी पर हिन्दू मुस्लिम वोट पर जीत का दावा कर रहे हैं. वहीं सपा प्रत्याशी रुचि वीरा भाजपा हटाने, संविधान बचाने, बेरोजगारी, महंगाई को दूर करने के लिए सर्व समाज का वोट मिलने का दावा कर अपनी जीत पक्की मान रही हैं. बसपा प्रत्याशी इरफान सैफी भी इस चुनावी मुकाबले में भाजपा और सपा को टक्कर देते दिख रहे हैं.
मुरादाबाद लोकसभा सीट से अब तक बने सांसद
- 1952:- राम सरन (कांग्रेस)
- 1962:- सैयद मुजफ्फर हुसैन (निर्दलीय)
- 1967:- ओमप्रकाश त्यागी ( भारतीय जनसंघ)
- 1971:- वीरेंद्र अग्रवाल ( भारतीय जनसंघ)
- 1977:- गुलाम मोहम्मद खान ( जनता पार्टी)
- 1980:- गुलाम मोहम्मद खान ( जनता पार्टी सेक्युलर)
- 1984:- हाफिज मोहम्मद सिद्दीक ( कांग्रेस)
- 1989:- गुलाम मोहम्मद खान ( जनता दल)
- 1996:- शफीकुर्रहमान बर्क ( सपा)
- 1999:- चंद्र विजय सिंह ( अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस)
- 2004:- शफीकुर्रहमान बर्क ( सपा)
- 2009:- मोहम्मद अजहरुद्दीन ( कांग्रेस)
- 2014:- कुंवर सर्वेश सिंह ( भाजपा)
- 2019:- एसटी हसन ( सपा)
मुरादाबाद लोकसभा सीट पर जातीय आकंड़ा: मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र पर कुल 20,56,514 मतदाता हैं. 8 लाख 85 हजार मुस्लिम मतदाता हैं. जिसमें 4 लाख अंसारी, शेखजादा 1 लाख, कुरैशी 1 लाख, सैय्यद पठान 50 हजार, सैफी 50 हजार और 40 हजार घोषी मुस्लिम वोटर हैं. 11,71,514 हिन्दू मतदाता हैं, जिसमें से 1 लाख वैश्य, 4 लाख दलित, 2 लाख सैनी, डेढ़ लाख ब्राह्मण, 1 लाख क्षत्रिय, 50 हजार पंजाबी, 50 हजार पाल, 60 हजार जाट, 25 हजार यादव, 15 हजार कश्यप और 21514 अन्य वोट हैं.