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अनी बुलियन फ्राॅड: IFS अफसर निहारिका सिंह, उनके पति के खिलाफ FIR, डॉक्टर दंपत्ति का आरोप- झांसा देकर 1.86 करोड़ निवेश कराए - Case against IFS Niharika Singh

अनी बुलियन घोटाले मामले में IFS अफसर निहारिका सिंह और उनके पति अजीत गुप्ता के खिलाफ दो और एफआईआर दर्ज हुई है. यह एफआईआर राजधानी के गोमतीनगर में रहने वाले डॉक्टर दंपत्ति ने दर्ज कराई है.

IFS निहारिका सिंह पर शिकंजा.
IFS निहारिका सिंह पर शिकंजा. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 27, 2024, 9:35 AM IST

Updated : Sep 27, 2024, 3:01 PM IST

लखनऊ: अनी बुलियन घोटाले मामले में IFS (Indian Foreign Service) अफसर निहारिका सिंह और उनके पति अजीत गुप्ता के खिलाफ दो और एफआईआर दर्ज हुई है. यह एफआईआर राजधानी के गोमतीनगर में रहने वाले डॉक्टर दंपत्ति ने दर्ज कराई है. डॉक्टर दंपत्ति के मुताबिक, निहारिका अपनी बेटी का इलाज करवाने उनके क्लीनिक आती थीं,.वहीं उन्होंने उनसे अनी बुलियन में निवेश कर दोगुना लाभ उठाने का झांसा देकर 1.86 करोड़ रुपए का निवेश करवा लिया, लेकिन उन्हें लाभ ,क्या मूल धन भी वापस नहीं मिला. बता दें कि आईएफएस निहारिका 2006 बैच की अधिकारी हैं. अनी बुलियन घोटाले में ईडी ने पिछले साल दिसंबर में उन पर शिकंजा कसा था.

IFS ने पति की कंपनी में करवाए 1.86 करोड़ निवेश : राजधानी के गोमती नगर थाने में विशाल खंड के रहने वाले डॉक्टर दंपत्ति मृदुला व शैलेश अग्रवाल ने अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई है. जिसके मुताबिक, वर्ष 2016 में आईएफएस अफसर निहारिका सिंह अपने पति अजीत गुप्ता और बेटी के साथ रुटीन चेकअप के लिए आया करते थे. इस दौरान उन्होंने अनी बुलियन(Anee Bullion) कंपनी के बारे में बताया और उसमें निवेश कर दोगुना लाभ की स्कीम बताई. डॉक्टर दंपत्ति के मुताबिक, दोनों निहारिका सिंह और अजीत गुप्ता की बातों में आ गए और उन्होंने कुल 1.86 करोड़ रुपए निवेश कर दिए.

पहले रिटर्न मिला फिर अचानक मिलना हुआ बंद : डॉक्टर दंपत्ति के मुताबिक, कुछ समय तक बोनस के रूप में उन्हें कुछ रिटर्न मिलता रहा, लेकिन अचानक पैसे आने बंद हो गए. जब पूछताछ की गई तो पता चला कि अजीत गुप्ता जेल चले गए और उनकी कंपनी के कर्मचारियों ने कहा कि पैसे मिलते रहेंगे. हालांकि उन्हें उनके पैसे नही मिले. इंस्पेक्टर गोमती नगर राजेश त्रिपाठी ने बताया कि, मृदुला और शैलेश अग्रवाल की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है, जांच की जा रही है.

150 करोड़ रुपए डकार चुका अजीत गुप्ता, IFS भी कांड में शामिल: दरअसल, कंपनी के खिलाफ लखनऊ, अयोध्या समेत कई जिलों में पुलिस ने सौ से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए थे. कंपनी के कर्ताधर्ता अजीत कुमार गुप्ता को एसटीएफ ने जुलाई 2020 में लखनऊ से गिरफ्तार किया था. कंपनी पर हजारों निवेशकों के 150 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी (Anee Bullion Fraud Case)करने का आरोप है. इसके बाद ईडी ने भी 2019 में अनी बुलियन के संचालकों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था और जांच शुरू की थी. इस मामले में एजेंसी कंपनी के सात करोड़ से अधिक कीमत के दिल्ली, लखनऊ और अमेठी में 20 भूखंडों एवं भवनों को अपने कब्जे में ले चुकी है.

IFS पत्नी की PM के साथ फोटो दिखा निवेशकों को लूटा: अलग-अलग जिलों में दर्ज एफआईआर में निवेशकों ने आरोप लगाया था कि अनी बुलियन के संचालक अजीत गुप्ता और उनके लोग आईएफएस अधिकारी निहारिका सिंह की प्रधानमंत्री, उप राष्ट्रपति व अन्य केंद्रीय मंत्रियों के साथ फोटो दिखाकर उन्हें झांसे में लेते थे. इतना ही नहीं, उन्हें 20 से 40 प्रतिशत तक अधिक रिटर्न करने का भरोसा दिला अलग-अलग जमा योजनाओं में निवेश कराया गया था. उनके लगभग 150 करोड़ रुपये हड़प लिए गए थे.

अयोध्या में खोली ठग की दुकान फिर कर दिया अनी बुलियन घोटाला

अयोध्या के रहने वाले अजीत गुप्ता ने यूपी , बिहार, राजस्थान और मध्यप्रदेश के धनाढ्य व मिडिल क्लास के लोगों को निशाना बनाया. करीब दो सौ करोड़ की रकम लेकर फरार हो गया. हालांकि वर्ष 2020 में एसटीएफ ने उसे धर दबोचा और जेल भेज दिया. अयोध्या के कुमार गंज के रहने वाले अजीत गुप्ता ने ठगी की दुकान वर्ष 2010 में तब खोली, जब उसने अनी बुलियन नाम की कंपनी बनाई. अजीत ने सबसे पहले अयोध्या और उसके आसपास जिलों के धनाढ्य लोगों को 40 फीसदी लाभ देने का लालच देकर उनसे करोड़ों रुपए निवेश करवाए. अजीत की पत्नी निहारिका सिंह आईएफएस अफसर है और इटली के भारतीय दूतावास में डिप्टी चीफ ऑफ मिशन के पद पर तैनात हैं. फरार होने पर अजीत, उसकी कंपनी अनी बुलियन और उसके निदेशकों के खिलाफ अयोध्या, लखनऊ, सुल्तानपुर, बाराबंकी समेत कई जिलों में सैकड़ों FIR दर्ज हुई. अजीत पर इनाम घोषित हुआ और वर्ष 2020 में एसटीएफ ने उसे पीजीआई इलाके से धरदबोचा.

अनी बुलियन स्कैम की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी शुरू की. इस मामले में अजीत की आईएफएस पत्नी निहारिका सिंह को भी आरोपी बनाया गया. निहारिका पर आरोप था कि उन्होंने ठग स्कीम के जरिए लोगों फंसाने के लिए अजीत का साथ दिया. करोड़ों रुपए अनी बुलियन की कंपनी के खाते से उन्हें ट्रांसफर किए गए. लखनऊ में एक आलीशान बंगला भी खरीदा, जिसकी पेमेंट अनी बुलियन कंपनी ने की थी.

निहारिका से भी पूछताछ: अनी बुलियन कंपनी में पैसा लगाने वाले निवेशकों ने एफआईआर दर्ज करा आरोप लगाया है कि कंपनी के मालिक अजीत गुप्ता और उनके साथियों ने आईएफएस अधिकारी निहारिका सिंह की प्रधानमंत्री, उप राष्ट्रपति व अन्य केंद्रीय मंत्रियों के साथ फोटो दिखाकर उन्हें झांसे में लिया था. उन्हें 20 से 40 प्रतिशत तक अधिक रिटर्न करने का भरोसा दिला अलग-अलग योजनाओं में पैसे निवेश कराया गया था. इस पर निहारिका से भी 16-17 अक्टूबर 2023 में पूछताछ की गई. निहारिका ने बताया था कि वो अधिकांश समय अपनी तैनाती की जगह देश के बाहर ही रही हैं. पति अजीत की कंपनी के विषय में कभी जानकारी नहीं ली. निहारिका ने ईडी से कहा कि पति किसी से ठगी कर रहे थे, यह उन्हें कैसे मालूम होगा.

क्या है मामला?

वर्ष 2019 को ईडी ने अनी बुलियन ग्रुप ऑफ कंपनी के मालिकों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की थी. लखनऊ, अयोध्या समेत कई जिलों में भी इस कंपनी के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं. वर्ष 2020 को यूपी एसटीएफ ने कंपनी के मालिक अजीत कुमार गुप्ता को लखनऊ से गिरफ्तार किया था. ईडी ने अप्रैल माह में सात करोड़ से अधिक कीमत की दिल्ली, लखनऊ और अमेठी में कंपनी के 20 भूखंडों एवं भवनों को अपने कब्जे में लिया था.

यह भी पढ़ें : अनी बुलियन स्कैम: IFS निहारिका सिंह की 2 करोड़ से अधिक संपत्ति को ED ने किया जब्त

लखनऊ: अनी बुलियन घोटाले मामले में IFS (Indian Foreign Service) अफसर निहारिका सिंह और उनके पति अजीत गुप्ता के खिलाफ दो और एफआईआर दर्ज हुई है. यह एफआईआर राजधानी के गोमतीनगर में रहने वाले डॉक्टर दंपत्ति ने दर्ज कराई है. डॉक्टर दंपत्ति के मुताबिक, निहारिका अपनी बेटी का इलाज करवाने उनके क्लीनिक आती थीं,.वहीं उन्होंने उनसे अनी बुलियन में निवेश कर दोगुना लाभ उठाने का झांसा देकर 1.86 करोड़ रुपए का निवेश करवा लिया, लेकिन उन्हें लाभ ,क्या मूल धन भी वापस नहीं मिला. बता दें कि आईएफएस निहारिका 2006 बैच की अधिकारी हैं. अनी बुलियन घोटाले में ईडी ने पिछले साल दिसंबर में उन पर शिकंजा कसा था.

IFS ने पति की कंपनी में करवाए 1.86 करोड़ निवेश : राजधानी के गोमती नगर थाने में विशाल खंड के रहने वाले डॉक्टर दंपत्ति मृदुला व शैलेश अग्रवाल ने अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई है. जिसके मुताबिक, वर्ष 2016 में आईएफएस अफसर निहारिका सिंह अपने पति अजीत गुप्ता और बेटी के साथ रुटीन चेकअप के लिए आया करते थे. इस दौरान उन्होंने अनी बुलियन(Anee Bullion) कंपनी के बारे में बताया और उसमें निवेश कर दोगुना लाभ की स्कीम बताई. डॉक्टर दंपत्ति के मुताबिक, दोनों निहारिका सिंह और अजीत गुप्ता की बातों में आ गए और उन्होंने कुल 1.86 करोड़ रुपए निवेश कर दिए.

पहले रिटर्न मिला फिर अचानक मिलना हुआ बंद : डॉक्टर दंपत्ति के मुताबिक, कुछ समय तक बोनस के रूप में उन्हें कुछ रिटर्न मिलता रहा, लेकिन अचानक पैसे आने बंद हो गए. जब पूछताछ की गई तो पता चला कि अजीत गुप्ता जेल चले गए और उनकी कंपनी के कर्मचारियों ने कहा कि पैसे मिलते रहेंगे. हालांकि उन्हें उनके पैसे नही मिले. इंस्पेक्टर गोमती नगर राजेश त्रिपाठी ने बताया कि, मृदुला और शैलेश अग्रवाल की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है, जांच की जा रही है.

150 करोड़ रुपए डकार चुका अजीत गुप्ता, IFS भी कांड में शामिल: दरअसल, कंपनी के खिलाफ लखनऊ, अयोध्या समेत कई जिलों में पुलिस ने सौ से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए थे. कंपनी के कर्ताधर्ता अजीत कुमार गुप्ता को एसटीएफ ने जुलाई 2020 में लखनऊ से गिरफ्तार किया था. कंपनी पर हजारों निवेशकों के 150 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी (Anee Bullion Fraud Case)करने का आरोप है. इसके बाद ईडी ने भी 2019 में अनी बुलियन के संचालकों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था और जांच शुरू की थी. इस मामले में एजेंसी कंपनी के सात करोड़ से अधिक कीमत के दिल्ली, लखनऊ और अमेठी में 20 भूखंडों एवं भवनों को अपने कब्जे में ले चुकी है.

IFS पत्नी की PM के साथ फोटो दिखा निवेशकों को लूटा: अलग-अलग जिलों में दर्ज एफआईआर में निवेशकों ने आरोप लगाया था कि अनी बुलियन के संचालक अजीत गुप्ता और उनके लोग आईएफएस अधिकारी निहारिका सिंह की प्रधानमंत्री, उप राष्ट्रपति व अन्य केंद्रीय मंत्रियों के साथ फोटो दिखाकर उन्हें झांसे में लेते थे. इतना ही नहीं, उन्हें 20 से 40 प्रतिशत तक अधिक रिटर्न करने का भरोसा दिला अलग-अलग जमा योजनाओं में निवेश कराया गया था. उनके लगभग 150 करोड़ रुपये हड़प लिए गए थे.

अयोध्या में खोली ठग की दुकान फिर कर दिया अनी बुलियन घोटाला

अयोध्या के रहने वाले अजीत गुप्ता ने यूपी , बिहार, राजस्थान और मध्यप्रदेश के धनाढ्य व मिडिल क्लास के लोगों को निशाना बनाया. करीब दो सौ करोड़ की रकम लेकर फरार हो गया. हालांकि वर्ष 2020 में एसटीएफ ने उसे धर दबोचा और जेल भेज दिया. अयोध्या के कुमार गंज के रहने वाले अजीत गुप्ता ने ठगी की दुकान वर्ष 2010 में तब खोली, जब उसने अनी बुलियन नाम की कंपनी बनाई. अजीत ने सबसे पहले अयोध्या और उसके आसपास जिलों के धनाढ्य लोगों को 40 फीसदी लाभ देने का लालच देकर उनसे करोड़ों रुपए निवेश करवाए. अजीत की पत्नी निहारिका सिंह आईएफएस अफसर है और इटली के भारतीय दूतावास में डिप्टी चीफ ऑफ मिशन के पद पर तैनात हैं. फरार होने पर अजीत, उसकी कंपनी अनी बुलियन और उसके निदेशकों के खिलाफ अयोध्या, लखनऊ, सुल्तानपुर, बाराबंकी समेत कई जिलों में सैकड़ों FIR दर्ज हुई. अजीत पर इनाम घोषित हुआ और वर्ष 2020 में एसटीएफ ने उसे पीजीआई इलाके से धरदबोचा.

अनी बुलियन स्कैम की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी शुरू की. इस मामले में अजीत की आईएफएस पत्नी निहारिका सिंह को भी आरोपी बनाया गया. निहारिका पर आरोप था कि उन्होंने ठग स्कीम के जरिए लोगों फंसाने के लिए अजीत का साथ दिया. करोड़ों रुपए अनी बुलियन की कंपनी के खाते से उन्हें ट्रांसफर किए गए. लखनऊ में एक आलीशान बंगला भी खरीदा, जिसकी पेमेंट अनी बुलियन कंपनी ने की थी.

निहारिका से भी पूछताछ: अनी बुलियन कंपनी में पैसा लगाने वाले निवेशकों ने एफआईआर दर्ज करा आरोप लगाया है कि कंपनी के मालिक अजीत गुप्ता और उनके साथियों ने आईएफएस अधिकारी निहारिका सिंह की प्रधानमंत्री, उप राष्ट्रपति व अन्य केंद्रीय मंत्रियों के साथ फोटो दिखाकर उन्हें झांसे में लिया था. उन्हें 20 से 40 प्रतिशत तक अधिक रिटर्न करने का भरोसा दिला अलग-अलग योजनाओं में पैसे निवेश कराया गया था. इस पर निहारिका से भी 16-17 अक्टूबर 2023 में पूछताछ की गई. निहारिका ने बताया था कि वो अधिकांश समय अपनी तैनाती की जगह देश के बाहर ही रही हैं. पति अजीत की कंपनी के विषय में कभी जानकारी नहीं ली. निहारिका ने ईडी से कहा कि पति किसी से ठगी कर रहे थे, यह उन्हें कैसे मालूम होगा.

क्या है मामला?

वर्ष 2019 को ईडी ने अनी बुलियन ग्रुप ऑफ कंपनी के मालिकों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की थी. लखनऊ, अयोध्या समेत कई जिलों में भी इस कंपनी के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं. वर्ष 2020 को यूपी एसटीएफ ने कंपनी के मालिक अजीत कुमार गुप्ता को लखनऊ से गिरफ्तार किया था. ईडी ने अप्रैल माह में सात करोड़ से अधिक कीमत की दिल्ली, लखनऊ और अमेठी में कंपनी के 20 भूखंडों एवं भवनों को अपने कब्जे में लिया था.

यह भी पढ़ें : अनी बुलियन स्कैम: IFS निहारिका सिंह की 2 करोड़ से अधिक संपत्ति को ED ने किया जब्त

Last Updated : Sep 27, 2024, 3:01 PM IST
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