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अनूपपुर में 50 से अधिक छात्रों की बिगड़ी तबीयत, मेस का खाना खाने से पड़े बीमार - ANUPPUR UNIVERSITY FOOD POISONING

अनूपपुर के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में मचा हड़कंप, 50 से अधिक छात्र फूड प्वाइजनिंग का हुए शिकार.

ANUPPUR UNIVERSITY FOOD POISONING
मेस का खाना खाने से छात्रों की बिगड़ी तबीयत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 25, 2025, 12:53 PM IST

अनूपपुर: जिले के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में देर रात लगभग 50 से अधिक छात्र फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए. बताया जा रहा है कि मेस में रात को खाना खाने की वजह से ये सभी छात्र उल्टी-दस्त से ग्रसित होने लगे. तत्काल विश्वविद्यालय कैंपस के अंदर ही बनी डिस्पेंसरी में छात्रों का इलाज किया गया. यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा अपनी नाकामी छुपाने के लिए किसी भी छात्र को बाहर नहीं निकलने दिया गया. वहीं डिस्पेंसरी के मेन गेट में गार्डों की तैनाती कर सच को छुपाने का विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रयास किया गया, लेकिन मामले से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

पहले भी आए हैं फूड प्वाइजनिंग के मामले

रानी दुर्गावती छात्रावास में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की छात्राएं रहती है. यह फूड प्वाइजनिंग का कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी छात्र छात्राएं कई बार फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो चुके हैं. छात्र छात्राएं लगातार मेस में अच्छे खाने की मांग को लेकर आंदोलन भी करते हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रबंधन कभी भी इस ओर ध्यान नहीं देता है. वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि किस प्रकार छात्रों को डिस्पेंसरी में ले जाकर इलाज कराया जा रहा है. जानकारी के अनुसार पता चला है कि यूनिवर्सिटी में फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुई छात्राओं की संख्या में इजाफा हो सकता है.

क्या कह रहा यूनिवर्सिटी प्रबंधन?

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क अधिकारी रजनीश त्रिपाठी ने ईटीवी भारत को बताया, " इस घटना के बारे में मुझे पूरी जानकारी नहीं है. जानकारी लेकर आपको अवगत करवाता हूं. अगर खाने में कोई गड़बड़ी हुई होगी, तो मेस में खाना बना रहे लोगों को नोटिस जारी कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी."

अनूपपुर: जिले के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में देर रात लगभग 50 से अधिक छात्र फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए. बताया जा रहा है कि मेस में रात को खाना खाने की वजह से ये सभी छात्र उल्टी-दस्त से ग्रसित होने लगे. तत्काल विश्वविद्यालय कैंपस के अंदर ही बनी डिस्पेंसरी में छात्रों का इलाज किया गया. यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा अपनी नाकामी छुपाने के लिए किसी भी छात्र को बाहर नहीं निकलने दिया गया. वहीं डिस्पेंसरी के मेन गेट में गार्डों की तैनाती कर सच को छुपाने का विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रयास किया गया, लेकिन मामले से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

पहले भी आए हैं फूड प्वाइजनिंग के मामले

रानी दुर्गावती छात्रावास में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की छात्राएं रहती है. यह फूड प्वाइजनिंग का कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी छात्र छात्राएं कई बार फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो चुके हैं. छात्र छात्राएं लगातार मेस में अच्छे खाने की मांग को लेकर आंदोलन भी करते हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रबंधन कभी भी इस ओर ध्यान नहीं देता है. वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि किस प्रकार छात्रों को डिस्पेंसरी में ले जाकर इलाज कराया जा रहा है. जानकारी के अनुसार पता चला है कि यूनिवर्सिटी में फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुई छात्राओं की संख्या में इजाफा हो सकता है.

क्या कह रहा यूनिवर्सिटी प्रबंधन?

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क अधिकारी रजनीश त्रिपाठी ने ईटीवी भारत को बताया, " इस घटना के बारे में मुझे पूरी जानकारी नहीं है. जानकारी लेकर आपको अवगत करवाता हूं. अगर खाने में कोई गड़बड़ी हुई होगी, तो मेस में खाना बना रहे लोगों को नोटिस जारी कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी."

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