हजारीबागः जिले के ईचाक प्रखंड के आरा गांव में असामाजिक तत्वों ने आम का बगीचा ही उजाड़ दिया. बगीचे में लगे दर्जनों हरे-भरे पेड़ों को असामाजिक तत्वों ने काट डाला है. इसको लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. ग्रामीणों ने पेड़ काटने वाले लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की मांग की है.
ग्रामीणों ने जीविकोपार्जन के लिए लगाए थे पेड़
स्थानीय ग्रामीणों ने आरा गांव में आम का बाग लगाया था. सभी पेड़ लगभग तैयार हो गए थे और कुछ पेड़ों में तो इस बार फल भी आया था. ग्रामीणों ने जीविकोपार्जन के लिए आम के पेड़ लगाए थे, ताकि जब वृक्ष बड़ा हो जाए तो आम का व्यवसाय किया जा सके. लेकिन ग्रामीणों का सपना साकार नहीं हो सका.
असामाजिक तत्वों ने रातों-रात काट डाले दर्जनों पेड़
असामाजिक तत्वों ने रातों-रात दर्जनों आम के वृक्ष काट दिए. सुबह जब ग्रामीण अपनी खेत की ओर जा रहे थे तो उन्होंने बगीचे में कटे हुए आम के पेड़ों को देखा.इसके बाद बाकी के ग्रामीणों को सूचना दी गई. जानकारी मिलने के बाद बाकी के ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए. इसके बाद ग्रामीणों ने बैठक की और आरोपियों की पकड़ने और उन्हें सामाजिक दंड देने का निर्णय लिया.
मुखिया ने किसानों को कार्रवाई का दिया भरोसा
किसानों ने कहा कि एक तरफ सरकार बागवानी को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं, वहीं दूसरी तरफ असामाजिक तत्व बगीचा ही नष्ट कर रहे हैं.ग्रामीणों ने मामले में न्याय दिलाने की मांग पुलिस-प्रशासन से की है. वहीं जानकारी मिलते ही पंचायत की मुखिया भी घटनास्थल पर पहुंच गईं और बगीचा का जायजा लिया. उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया है कि जो लोग इसके पीछे दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
आपसी रंजिश में पर्यावरण से खिलवाड़
गौरतलब हो कि बगीचे में लगे आम के पेड़ न सिर्फ ग्रामीणों के जीवन-यापन का साधन था, बल्कि हरा भरा पेड़ से पर्यावरण भी शुद्ध हो रहा था. लेकिन आपसी रंजिश के कारण असामाजिक तत्वों ने पर्यावरण के साथ खिलवाड़ किया है, क्योंकि कहा जाता है कि एक वृक्ष एक पुत्र के समान होता है.
ये भी पढ़ें-