गाजीपुरः जिले में नाली और चकमार्ग की पैमाइश करने के नाम पर 5 हजार रुपये घूस लेते समय कासिमाबाद तहसील के एक लेखपाल को एंटी करप्शन वाराणसी की टीम ने रंगेहाथ दबोच लिया है. एंटी करप्शन टीम ने लेखपाल को बल पूर्वक अपने वाहन में बैठाया और सीधे शहर कोतवाली लेकर पहुंची. यहां एंटी करप्शन की ओर से कागजी कार्रवाई पूरी की गई. वहीं, लेखपाल को निर्दोष साबित करने के लिए कई लेखपाल कोतवाली पहुंच गए. लेखपालों का कहना था कि फर्जी तरीके से फंसाया जा रहा है. लेखपाल कोतवाली में धरने पर बैठ गए हैं और थानाध्यक्ष और एंटी करप्शन टीम मुर्दाबाद के नारे लगाए.
नाली और चकमार्ग की पैमाइश के लिए मांगी थी रिश्वतः पिपनार थाना मरदह निवासी चंद्रजीत यादव के अनुसार, उसके नाली और चकमार्ग की पैमाइश करने के नाम पर कासिमाबाद तहसील के लेखपाल श्याम सुंदर निवासी बेलासी द्वारा 5 हजार रुपये घूस की मांग की गई थी. चंद्रजीत ने बताया कि जिसकी शिकायत उसने एंटी करप्शन वाराणसी आफिस में की थी. इसके बाद एंटीकरप्शन की टीम ने जांच पड़ताल की और लेखपाल को रंगे हाथों दबोचने के लिए जाल बिछाया. तय प्लान के तहत शिकायतकर्ता को 5 हजार रुपये में केमिकल लगाकर दे दिए. इस दौरान गुरुवार को ओम इंटरनेशन स्कूल के पास तिराहे के समीप लेखपाल श्याम सुंदर शिकायकर्ता से 5 हजार रुपये की घूस लिया. जैसे ही लेखपाल ने घूस लिया वैसे ही पहले से छिपी एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ दबोच लिया. पहले लेखपाल ने बलपूर्वक टीम के चुंगल से बचने का प्रयास किया. लेकिन टीम के लोगों ने उसे पकड़कर अपने वाहन में बैठा दिया और सीधे शहर कोतवाली लेकर पहुंचे.
थाने में धरने पर बैठे कई लेखपालः इसकी जानकारी मिलते ही कई लेखपाल व ग्रामीण कोतवाली पहुंच गये. कोतवाली पहुंचे ग्रामीणों का कहना था कि लेखपाल श्यामसुन्दर को फर्जी मुकदमे में फंसाया जा रहा है. उसने न तो किसी से घूस मांगी और न ही किसी ले घूस ली है. वहीं साथी लेखपाल की गिरफ्तारी पर गुस्साए लेखपाल व ग्रामीण कोतवाली परिसर में धरने पर बैठ गए हैं. अपने साथी को छुड़ाने की हर कोशिश कर रहे हैं. बताते चलें कि इससे पूर्व भी एंटी करप्शन वाराणसी टीम के निरीक्षक नीरज सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने जिले के अलग-अलग तहसीलों से करीब तीन लेखपालों को घूस लेते हुए दबोचा है. एक बार फिर राजस्वकर्मी पर हुई कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है.
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