श्रीनगर: उत्तराखंड के चर्चिच अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में अंकिता के माता-पिता सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए अनिश्चितकालनी धरने पर बैठ गए हैं. उनके धरने को स्थानीय लोगों और कई जनप्रतिनिधियों ने अपना समर्थन दिया है. अंकिता के माता-पिता ने सरकार पर गुनहगारों को बचाने का आरोप लगाया है. उन्होंने न्याय न मिलने तक धरना जारी रखने की चेतावनी दी है.
अंकिता भंडारी के माता-पिता मंगलवार से श्रीनगर पीपल चोरी के पास अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. धरने को समर्थन देते हुए स्थानीय लोग, जनप्रतिनिधि भी धरने पर बैठ गए हैं. धरने देने के दौरान अंकिता के परिजन काफी भावुक नजर आए. अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि एक साल बाद भी उनकी बेटी को इंसाफ नहीं मिल सका है. उन्होंने आरोप लगाया कि जो लोग बेटी को इंसाफ दिलाने के किए उनकी मदद कर रहे हैं. सरकार उन लोगों के खिलाफ साजिश कर उन्हें और उनके परिजनों का या तो ट्रांसफर कर रही है या मुकदमे में फंसाने का काम कर रही है. सरकार घटना के गुनहगारों को बचाने में व्यस्त है. उन्होंने कहा कि जब तक उनको न्याय नहीं मिलता, उनका धरना जारी रहेगा.
वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि सरकार वीआईपी का नाम उजागर करने के बजाय मामले को दबाने की कोशिश कर रही है. जबकि उन्होंने वीआईपी का नाम पौड़ी डीएम को लिखित में दिया है. लेकिन सरकार उनकी जांच नहीं कर रही है. सरकार आरोपी पुलकित आर्य की संपत्ति को भी वैध करार दे रही है. जबकि पौड़ी पुलिस पुलकित की संपत्ति को कुर्क करने के आदेश दे चुकी है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने डोभ श्रीकोट में बने नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता के नाम पर करने की घोषणा की है. लेकिन आज तक उस घोषणा पर कोई कदम नहीं बढ़ाया गया है. अंकिता केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाए जाने की बात भी सीएम धामी ने की है लेकिन मामला सामान्य कोर्ट में ही चलाया जा रहा है.
ये भी पढ़ेंः अंकिता हत्याकांड केस ट्रांसफर याचिका पर सुनवाई, पुलकित आर्य ने रखा पक्ष, 1 मार्च को होगा फैसला