देहरादून: उत्तराखंड सरकार की ओर से पशुपालकों को वेटरनरी डॉक्टर की सुविधा उपलब्ध कराए जाने को लेकर मोबाइल वैटनरी यूनिट का संचालन किया जा रहा है. जिससे किसी भी पशु के बीमार होने पर पशुपालक मोबाइल वैटनरी यूनिट के टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल डॉक्टर को बुला सकता है. मोबाइल वैटनरी यूनिट की सुविधा को जानने को लेकर पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने सोमवार को मोबाइल वैटनरी यूनिट (1962) के कॉल सेन्टर का औचक निरीक्षण किया. साथ ही कई जिलों के पशुपालकों से बातचीत कर उनसे उनकी समस्याएं भी जानी.
तमाम पशुपालकों ने पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा से बातचीत करते हुए बताया मोबाइल वैटनरी सेवा (1962) की ओर से दी जा रही सेवा से वह संतुष्ट हैं. कई बार रोड ब्लॉक होने के चलते उनके पशुओं का इलाज नहीं हो पता है. पशुपालक वासुदेव निवासी ब्लॉक अगस्तमुनी के घर पर रोड ब्लॉक होने के चलते 1962 चिकित्सा टीम नहीं पहुंच पाई. जिस पर मंत्री ने विभागीय पशु चिकित्साधिकारी को ईलाज के लिए निर्देश दिये. यही नहीं, चमोली जिले के रहने वाले पशुपालक लक्की नेगी ने बताया रात के समय घर पर पशुओं के इलाज के लिए आपातकालीन सेवा उपलब्ध नहीं है.
जिसके चलते उनके पशु का इलाज नहीं हो पाया. जिस पर मंत्री ने पशुपालन विभाग के निदेशक को निर्देश देते हुए कहा विभागीय पशु चिकित्सा अधिकारियों को चिकित्सा के लिए तत्काल वहां पर भेजा जाए. यही नहीं, मंत्री ने पशुपालकों को शाम 6 के बाद मोबाइल वैटनरी सेवा का लाभ उपलब्ध न होने के मामले पर नाराजगी व्यक्त करते हुए ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विस के हेड को निर्देश दिए कि शाम 6 बजे के बाद भी मोबाइल वैटनरी सेवा (1962) की सेवा पशुपालकों को उपलब्ध कराए जाए.
पशुपालन मंत्री ने पशुपालन निदेशक को ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विस की ओर से समय पर पशुपालकों की समस्या हल न किए जाने को लेकर अंतिम चेतावनी नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इस बात पर जोर दिया कि पशुपालन निदेशक इस पर ध्यान दें कि भविष्य में पशुपालकों को मोबाइल वैटनरी सेवा आसानी से उपलब्ध हो सकें.