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मंत्री ने किया था मृतक आश्रितों को दो माह में नौकरी देने का वादा, भूल गए तो घेरा परिवहन निगम मुख्यालय - up roadways news

बीते छह साल से मृतक आश्रित परिवहन निगम में नौकरी के लिए दर-दर ठोकरें खा रहे हैं. दर्जनों बार नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदेश भर से मृतक आश्रित परिवहन निगम मुख्यालय पर धरना दे चुके हैं, लेकिन उन्हें हर बार सांत्वना की घुट्टी पिलाकर वापस भेज दिया जाता है.

मृतक आश्रित परिवहन निगम मुख्यालय पर धरना देते.
मृतक आश्रित परिवहन निगम मुख्यालय पर धरना देते. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 2, 2024, 10:32 PM IST

लखनऊ: बीते छह साल से मृतक आश्रित परिवहन निगम में नौकरी के लिए दर-दर ठोकरें खा रहे हैं. दर्जनों बार नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदेश भर से मृतक आश्रित परिवहन निगम मुख्यालय पर धरना दे चुके हैं, लेकिन उन्हें हर बार सांत्वना की घुट्टी पिलाकर वापस भेज दिया जाता है. पिछली बार जब वह परिवहन निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन करने आए थे तो परिवहन मंत्री ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही उनका समायोजन होगा. इसके बाद सभी मृतक आश्रित घर वापस चले गए, लेकिन मंत्री की तरफ से दी गई मियाद पूरी हुई, पर वह वादा पूरा न हुआ. आखिरकार एक बार फिर प्रदेश भर के मृतक आश्रित सोमवार को परिवहन निगम मुख्यालय पर पहुंच गए और घेराव कर लिया. इसके बाद उन्हें गेट के बाहर खदेड़ दिया गया. गेट के बाहर उनका प्रदर्शन जारी रहा.

यूपीएसआरटीसी हेडक्वार्टर पर सोमवार को प्रदेश भर से आए मृतक आश्रितों ने गेट पर प्रदर्शन किया. इस दौरान मुख्यालय के गेट को बंद कर दिया गया. मृतक आश्रितों ने निगम प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. सड़क जाम करने की धमकी के बाद गार्ड ने इसकी सूचना मुख्यालय के प्रबंधन को दी. मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने शासन में नियुक्ति को लेकर कार्रवाई तेज होने का आश्वासन दिया. दरअसल, परिवहन निगम में वर्ष 2018 से मृतक आश्रितों की नियुक्त नहीं हुई है. इस बीच कोविड के दौरान काफी संख्या में कर्मचारियों की मृत्यु हो गई. इसके बाद भी मृतक आश्रितों की भर्ती नहीं हुई. इस दौरान मृतक आश्रितों की संख्या 1100 से ज्यादा हो गई. परिवहन निगम मुख्यालय से कई बार शासन को पत्र भेजकर अवगत कराया गया. मृतक आश्रित मनीष शर्मा ने बताया कि 31 जुलाई तक समय दिया गया था. बावजूद इसके नियुक्ति के आदेश जारी नहीं हुए. अब हम सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर अपनी पीड़ा जाहिर करेंगे.

मृतक आश्रितों की भर्ती से दूर होगी बस कंडक्टर की कमी : मृतक आश्रित कोटे में कंडक्टर के पद पर नियुक्ति मिलेगी. रोडवेज में वर्तमान में तीन हजार से ज्यादा खाली बस कंडक्टर के पद इनकी नियुक्ति होने से सीधे तौर पर भर जाएंगे. इससे बस कंडक्टरों की कमी से डिपो में खड़ी बसें सड़क पर संचालित होने लगेंगी. यात्रियों को बसों के लिए देर तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

प्रधान प्रबंधक ने दिया आश्वासन : परिवहन निगम मुख्यालय के प्रधान प्रबंधक (कार्मिक) अशोक कुमार मृतक आश्रितों के प्रदर्शन के बाद वार्ता करने पहुंचे. उन्होंने मृतक आश्रितों को आश्वासन दिया कि मृतक आश्रित कोटे के अंतर्गत नियुक्ति के संबंध में कार्रवाई जारी है, जिसका बेहतर परिणाम जल्द आएगा.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में CHO का धरना समाप्त ; संगठन के पदाधिकारियों ने NHM निदेशक से की मुलाकात, समस्याओं के समाधान का मिला आश्वासन - lucknow News

लखनऊ: बीते छह साल से मृतक आश्रित परिवहन निगम में नौकरी के लिए दर-दर ठोकरें खा रहे हैं. दर्जनों बार नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदेश भर से मृतक आश्रित परिवहन निगम मुख्यालय पर धरना दे चुके हैं, लेकिन उन्हें हर बार सांत्वना की घुट्टी पिलाकर वापस भेज दिया जाता है. पिछली बार जब वह परिवहन निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन करने आए थे तो परिवहन मंत्री ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही उनका समायोजन होगा. इसके बाद सभी मृतक आश्रित घर वापस चले गए, लेकिन मंत्री की तरफ से दी गई मियाद पूरी हुई, पर वह वादा पूरा न हुआ. आखिरकार एक बार फिर प्रदेश भर के मृतक आश्रित सोमवार को परिवहन निगम मुख्यालय पर पहुंच गए और घेराव कर लिया. इसके बाद उन्हें गेट के बाहर खदेड़ दिया गया. गेट के बाहर उनका प्रदर्शन जारी रहा.

यूपीएसआरटीसी हेडक्वार्टर पर सोमवार को प्रदेश भर से आए मृतक आश्रितों ने गेट पर प्रदर्शन किया. इस दौरान मुख्यालय के गेट को बंद कर दिया गया. मृतक आश्रितों ने निगम प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. सड़क जाम करने की धमकी के बाद गार्ड ने इसकी सूचना मुख्यालय के प्रबंधन को दी. मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने शासन में नियुक्ति को लेकर कार्रवाई तेज होने का आश्वासन दिया. दरअसल, परिवहन निगम में वर्ष 2018 से मृतक आश्रितों की नियुक्त नहीं हुई है. इस बीच कोविड के दौरान काफी संख्या में कर्मचारियों की मृत्यु हो गई. इसके बाद भी मृतक आश्रितों की भर्ती नहीं हुई. इस दौरान मृतक आश्रितों की संख्या 1100 से ज्यादा हो गई. परिवहन निगम मुख्यालय से कई बार शासन को पत्र भेजकर अवगत कराया गया. मृतक आश्रित मनीष शर्मा ने बताया कि 31 जुलाई तक समय दिया गया था. बावजूद इसके नियुक्ति के आदेश जारी नहीं हुए. अब हम सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर अपनी पीड़ा जाहिर करेंगे.

मृतक आश्रितों की भर्ती से दूर होगी बस कंडक्टर की कमी : मृतक आश्रित कोटे में कंडक्टर के पद पर नियुक्ति मिलेगी. रोडवेज में वर्तमान में तीन हजार से ज्यादा खाली बस कंडक्टर के पद इनकी नियुक्ति होने से सीधे तौर पर भर जाएंगे. इससे बस कंडक्टरों की कमी से डिपो में खड़ी बसें सड़क पर संचालित होने लगेंगी. यात्रियों को बसों के लिए देर तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

प्रधान प्रबंधक ने दिया आश्वासन : परिवहन निगम मुख्यालय के प्रधान प्रबंधक (कार्मिक) अशोक कुमार मृतक आश्रितों के प्रदर्शन के बाद वार्ता करने पहुंचे. उन्होंने मृतक आश्रितों को आश्वासन दिया कि मृतक आश्रित कोटे के अंतर्गत नियुक्ति के संबंध में कार्रवाई जारी है, जिसका बेहतर परिणाम जल्द आएगा.

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