पटना: राजधानी पटना के दानापुर थाना क्षेत्र के नासरीगंज घाट पर बीपीएससी शिक्षक अविनाश कुमार के डूबने के 24 घंटे बाद भी अभी तक शव नहीं मिला है. ऐसे में शिक्षकों ने नासरीगंज गंगा घाट पर पहुंचकर शव की बरामदगी नहीं किए जाने को लेकर नाराजगी जतायी है. वहीं दियारा में पढ़ाने जाने वाले शिक्षकों के बीच आक्रोश बना हुआ है.
पटना के शिक्षक की शव बरामदगी के लिए गुहार: शिक्षक, प्रशासन से जल्द से जल्द अविनाश का शव गंगा से बरामद करने की मांग कर रहे हैं. दियारा में पढ़ाने जाने वाले सभी शिक्षक दानापुर नासरीगंज घाट पहुंचे, वहां से सभी पैदल मौन यात्रा करते हुए दानापुर प्रखंड कार्यालय पहुंचे. एक तरफ एसडीआरएफ की टीम गंगा में अविनाश की शव को खोजने में जुटी हुई है. वहीं दूसरी तरफ परिजन भी चार नावों से फतुहा के केवला तल घाट से सवार होकर अविनाश के शव की खोजबीन में जुट गए हैं.
शिक्षकों ने बीडीओ को सौंपा ज्ञापन: गंगा में डूबे शिक्षक के फतुहा स्थित आवास पर गमगीन माहौल है. ग्रामीणों के बीच गहरी नाराजगी है. वहीं परिजनों के आखों के आंसू थमने नाम नहीं ले रहे. नासरीगंज फक्कड़ महतो घाट से पैदल मौन यात्रा कर प्रखंड कार्यालय पहुंचे शिक्षक तेज प्रताप सिंह ने कहा कि हमारे साथी अविनाश कुमार गंगा ने डूब गए हैं. हमारी मांग है कि प्रशासन उनके शव को जल्द से जल्द गंगा से बरामद करे.
"गंगा में डूबे शिक्षक अविनाश के आश्रित को सरकार उचित मुआवजा दे. इसके साथ ही उसके एक परिजन को सरकारी नौकरी दे. जब तक उनका कार्यकाल है तब तक उनके परिजनों को वेतन दिया जाए. दियारा क्षेत्र में 250 से 300 शिक्षक कार्यरत हैं जिसमें लगभग 60 प्रतिशत शिक्षिकाएं हैं. जिन्हे बाढ़ के दौरान उफनती गंगा में नाव से पार कर पढ़ाने जाना पड़ता है. ऐसे में सरकार सभी की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए."- तेज प्रताप सिंह,शिक्षक
15 अगस्त से सितंबर तक स्कूल बंद रखने की मांग: उन्होंंने आगे कहा कि जब से ऑनलाइन अटेंडेंस प्रणाली लागू की गई है तबसे शिक्षक स्कूल जल्द पहुंचने लिए बेचैन रहते हैं. जिससे आए दिन कहीं न कहीं घटनाएं हो रही हैं. सरकार की तरफ से पूर्व से दियारा के शिक्षको के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. पहले जो दियारा क्षेत्र के शिक्षकों के लिए नियम बनाए गए थे, वह फिर से लागू की जाए. 15 अगस्त से सितंबर माह तक स्कूल को बंद रखा जाए.
'सरकार की कथनी करनी में अंतर'- शिक्षक: वहीं शिक्षक का कहना है कि कल मुख्य सचिव के तरफ से पत्र निकाला गया है कि दियारा में पढ़ाने जाने वाले शिक्षको के लिए सरकारी नाव, लाइफ जैकेट, नावों पर गोताखोर रहेंगे. ये सुविधाएं जल्द से जल्द दिया जाए और इसका जो खर्च होगा वह जिला शिक्षा पदाधिकारी वहन करेंगे. अभी तक ये बातें केवल सुनने को मिली है, लेकिन अभी तक हमलोगों को कुछ नहीं मिला है. सरकार के कथनी और करनी में बहुत अंतर है.
'शिक्षकों के लिए 12 नाव उपलब्ध': वहीं दानापुर प्रखंड विकास पदाधिकारी विभेष आनंद ने बताया कि शिक्षा विभाग से पत्र निर्गत किया है. जिसके आलोक में दियारा में पढ़ाने जाने वाले लोगों के लिए 12 नावों को चिह्नित किया गया है. सभी शिक्षकों के लिए लाइफ जैकेट मुहैया की जा रही है, जिससे शिक्षकों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो.
"दानापुर अंतर्गत अभी तक 24 नावों को लाइसेंस निर्गत किया हुआ है. अन्य नावों के नाविकों से रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कहा गया है. गंगा में चला रहे नावों के नाविकों को बुला कर आपदा प्रबंधन के नियम के अवगत कराया है."- विभेष आनंद, बीडीओ दानापुर
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