मुजफ्फरपुर: पूर्व सांसद आनंद मोहन को 28 साल पुराने मामले में कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. मुजफ्फरपुर कोर्ट ने 28 साल पुराने मामला में सुनवाई करते हुए शुक्रवार को आनंद मोहन को बरी कर दिया है. जिसके बाद से आनंद मोहन काफी खुश नजर आ रहे है.
1996 में दर्ज हुआ था मामला: मिली जानकारी के अनुसार, 28 साल पहले शहर के मिठनपुरा थाना में 1996 में एक मामला दर्ज हुआ था. इसमें सेंट्रल जेल के एक कैदी अशोक मिश्रा ने यह आरोप लगाया था कि आनंद मोहन, मुन्ना शुक्ला, रामू ठाकुर सहित कई अन्य लोगों ने जेल के अंदर ही उनके साथ मारपीट की थी. जिसके बाद से इस मामले को लेकर मिठनपुरा थाना में केस दर्ज कराया गया था.
मुन्ना शुक्ला पहले ही हो चुके थे बरी: मामले की सुनवाई के दौरान कुछ आरोपियों की मौत हो गई और पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला को बरी कर दिया गया था. जबकि, आनंद मोहन पर मामला लंबित था. जिसको लेकर शुक्रवार को सुनवाई की गई थी. कोर्ट ने आखिरकार इस मामले में सुनवाई करते हुए 28 साल बाद आनंद मोहन को बरी कर दिया.
कैदी से मारपीट का लगा था आरोप: वहीं, शुक्रवार को आनंद मोहन न्यायालय में उपस्थित हुए. जहां उन्हें बरी कर दिया गया. इसके बाद आनंद मोहन ने कोर्ट को धन्यवाद दिया. उन्होंने अपने समर्थकों के साथ लड्डू बाटकर खुशी जाहिर की. पूरे मामले की जानकारी देते हुए आनंद मोहन के अधिवक्ता मुकेश कुमार सिंह ने बताया की मिठनपुरा थाना केस संख्या 40 / 96 एक मामला था. जेल में रहते हुए ही जेल के एक कैदी अशोक मिश्रा ने एक आरोप लगाया था जिसमे कथित रूप से मारपीट का आरोप लगाया गया था. आज साक्ष्य के अभाव में आनंद मोहन को रिहा कर दिया गया है.
"शिवहर की जनता ने मुझे दो बार सांसद बनाने का आशीर्वाद दिया. वर्तमान लोकसभा चुनाव में अब लवली शिवहर से संभावित उम्मीदवार हैं. आशा है कि शिवहर की जनता लवली को निश्चित रूप से जीत दिलवाएगी. मैं खुद अभी क्षेत्र में ही जा रहा हूं." - आनंद मोहन, पूर्व सांसद
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