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ATM जा रहे हैं तो हो जाएं सावधान, मदद का बहाना कर लुटेरे अकाउंट कर रहे खाली, नोएडा में पकड़ा गया सरगना

नोएडा में एटीएम कार्ड बदलकर ठगने वाला आरोपी गिरफ्तार. ATM बूथ में मदद की बात कहकर बदल लेते थे कार्ड, फिर अकाउंट करते थे खाली.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 2 hours ago

ATM जा रहे हैं तो हो जाएं सावधान
ATM जा रहे हैं तो हो जाएं सावधान (SOURCE: ETV BHARAT)

नई दिल्ली/नोएडा: बूथ के अंदर लोगों का एटीएम कार्ड बदलकर अकाउंट से पैसे निकालने वाले गिरोह के सरगना को सेक्टर-63 थाने की पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. वारदात में इस्तेमाल होने वाली किराये पर ली गई कार और अलग-अलग बैंकों के 96 एटीएम कार्ड भी बरामद हुए हैं. गिरोह में शामिल तीन अन्य आरोपियों के बारे में पुलिस को जानकारी मिली है. तीनों को वांछित मानकर उनकी गिरफ्तारी के लिए एक टीम गठित कर दी गई है.

सरगना के तीन अन्य साथियों की तलाश में दबिश दे रही पुलिस
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बीते 7 अक्टूबर 2024 को चोटपुर कॉलोनी निवासी व्यक्ति छिजारसी स्थित एक बैंक के एटीएम से पैसे निकालने के लिए गया था. पैसे निकालने के दौरान मदद के बहाने दो लोग बूथ के अंदर आए और बातों में उलझाकर पिन चुपके से देख लिया. योजना के मुताबिक महज कुछ सेकेंड में आरोपियों ने शिकायतकर्ता का कार्ड भी बदल लिय. एटीएम मशीन से पैसे जब नहीं निकले तो शिकायतकर्ता घर लौट आया.

थोड़ी ही देर बाद पता चला कि किसी से उसके खाते से 15 हजार 800 रुपये निकाल लिए हैं. शिकायत मिलने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दो टीमें गठित की गईं. सर्विलांस की टीम ने जब घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली तो वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों के बारे में अहम सुराग मिला. वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह का सरगना गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर निवासी खुर्शीद आलम निकला. खुर्शीद जब थाना क्षेत्र स्थित एक निजी बैंक के एटीएम के पास पहुंचा तभी पुलिस ने घेरेबंदी कर उसे शुक्रवार को दबोच लिया उसके तीन साथी आरिफ, उमर उर्फ मोहमद्दीन और जुबैर उर्फ जब्बर की तलाश की जा रही है.

बरामद कार के बारे में आरोपी ने बताया कि कार उसने दो हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से किराए पर ली है. बरामद कार पर नंबर प्लेट भी नहीं थी. गिरफ्त में आए सरगना खुर्शीद पर गाजियाबाद, मेरठ और नोएडा के अलग-अलग थानों में सात केस दर्ज हैं. उसके साथियों का भी आपराधिक इतिहास पता किया जा रहा है. आरोपी के पास से पांच हजार 150 रुपये की नकदी भी बरामद हुई है. खुर्शीद 2017 से अपराध में संलिप्त है और उसने गिरोह में कई सदस्यों को भी इस दौरान जोड़ा है.

पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी
बीते महीने ही सेक्टर-24 पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को दबोचा था. उनके पास से भी सौ के करीब एटीएम कार्ड बरामद हुए थे. यहीं नहीं कुछ महीने पहले सेक्टर-49 थाने की टीम ने इस तरह के गिरोह का पर्दाफाश किया था. पुलिस को इनपुट मिला है कि हरियाणा के रेवाड़ी का भी एक गिरोह इस समय जनपद में सक्रिय है. गिरोह के सदस्य रोजाना रेवाड़ी से आते हैं और वारदात को अंजाम देने के बाद शाम को वापस लौट जाते हैं. गिरोह पर पुलिस की नजर बनी हुई थी.

इन लोगों को बनाते थे निशाना
एडिशनल डीसीपी हृदेश कठेरिया ने बताया कि गिरोह के सदस्य अधिकतर फैक्ट्री क्षेत्र में लगे एटीएम मशीनों पर नजर रखते थे. सबसे ज्यादा सक्रिय आरोपी महीने की एक से सात तारीख के बीच होते हैं. इसी दौरान फैक्ट्रियों और कंपनियों में काम करने वालों की सैलरी आती है. कामगारों की सैलरी आने पर वो इन्हीं एटीएम से कैश निकालने के लिए आते थे. कम पढ़े लिखे होने के चलते मदद करने के बहाने बदमाश एटीएम बदल लेते हैं. चुपचाप उनका पिन नंबर देख लेते हैं और दूसरे एटीएम से जाकर पैसे भी निकाल लेते हैं. आरोपी पकड़े न जाए इसलिए जब किसी का एटीएम बदलते हैं तो उसे उसी बैंक का दूसरा एटीएम पकड़ा देते हैं. जिससे सामने वाले को शक न हो.

ये भी पढ़ें- नोएडा: श्रमिकों को अपने जाल में फंसाकर एटीएम कार्ड बदलकर ठगी करने वाला आरोपी गिरफ्तार

ये भी पढ़ें- क्या ATM से कैश निकालने पर कटता है पैसा?

नई दिल्ली/नोएडा: बूथ के अंदर लोगों का एटीएम कार्ड बदलकर अकाउंट से पैसे निकालने वाले गिरोह के सरगना को सेक्टर-63 थाने की पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. वारदात में इस्तेमाल होने वाली किराये पर ली गई कार और अलग-अलग बैंकों के 96 एटीएम कार्ड भी बरामद हुए हैं. गिरोह में शामिल तीन अन्य आरोपियों के बारे में पुलिस को जानकारी मिली है. तीनों को वांछित मानकर उनकी गिरफ्तारी के लिए एक टीम गठित कर दी गई है.

सरगना के तीन अन्य साथियों की तलाश में दबिश दे रही पुलिस
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बीते 7 अक्टूबर 2024 को चोटपुर कॉलोनी निवासी व्यक्ति छिजारसी स्थित एक बैंक के एटीएम से पैसे निकालने के लिए गया था. पैसे निकालने के दौरान मदद के बहाने दो लोग बूथ के अंदर आए और बातों में उलझाकर पिन चुपके से देख लिया. योजना के मुताबिक महज कुछ सेकेंड में आरोपियों ने शिकायतकर्ता का कार्ड भी बदल लिय. एटीएम मशीन से पैसे जब नहीं निकले तो शिकायतकर्ता घर लौट आया.

थोड़ी ही देर बाद पता चला कि किसी से उसके खाते से 15 हजार 800 रुपये निकाल लिए हैं. शिकायत मिलने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दो टीमें गठित की गईं. सर्विलांस की टीम ने जब घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली तो वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों के बारे में अहम सुराग मिला. वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह का सरगना गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर निवासी खुर्शीद आलम निकला. खुर्शीद जब थाना क्षेत्र स्थित एक निजी बैंक के एटीएम के पास पहुंचा तभी पुलिस ने घेरेबंदी कर उसे शुक्रवार को दबोच लिया उसके तीन साथी आरिफ, उमर उर्फ मोहमद्दीन और जुबैर उर्फ जब्बर की तलाश की जा रही है.

बरामद कार के बारे में आरोपी ने बताया कि कार उसने दो हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से किराए पर ली है. बरामद कार पर नंबर प्लेट भी नहीं थी. गिरफ्त में आए सरगना खुर्शीद पर गाजियाबाद, मेरठ और नोएडा के अलग-अलग थानों में सात केस दर्ज हैं. उसके साथियों का भी आपराधिक इतिहास पता किया जा रहा है. आरोपी के पास से पांच हजार 150 रुपये की नकदी भी बरामद हुई है. खुर्शीद 2017 से अपराध में संलिप्त है और उसने गिरोह में कई सदस्यों को भी इस दौरान जोड़ा है.

पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी
बीते महीने ही सेक्टर-24 पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को दबोचा था. उनके पास से भी सौ के करीब एटीएम कार्ड बरामद हुए थे. यहीं नहीं कुछ महीने पहले सेक्टर-49 थाने की टीम ने इस तरह के गिरोह का पर्दाफाश किया था. पुलिस को इनपुट मिला है कि हरियाणा के रेवाड़ी का भी एक गिरोह इस समय जनपद में सक्रिय है. गिरोह के सदस्य रोजाना रेवाड़ी से आते हैं और वारदात को अंजाम देने के बाद शाम को वापस लौट जाते हैं. गिरोह पर पुलिस की नजर बनी हुई थी.

इन लोगों को बनाते थे निशाना
एडिशनल डीसीपी हृदेश कठेरिया ने बताया कि गिरोह के सदस्य अधिकतर फैक्ट्री क्षेत्र में लगे एटीएम मशीनों पर नजर रखते थे. सबसे ज्यादा सक्रिय आरोपी महीने की एक से सात तारीख के बीच होते हैं. इसी दौरान फैक्ट्रियों और कंपनियों में काम करने वालों की सैलरी आती है. कामगारों की सैलरी आने पर वो इन्हीं एटीएम से कैश निकालने के लिए आते थे. कम पढ़े लिखे होने के चलते मदद करने के बहाने बदमाश एटीएम बदल लेते हैं. चुपचाप उनका पिन नंबर देख लेते हैं और दूसरे एटीएम से जाकर पैसे भी निकाल लेते हैं. आरोपी पकड़े न जाए इसलिए जब किसी का एटीएम बदलते हैं तो उसे उसी बैंक का दूसरा एटीएम पकड़ा देते हैं. जिससे सामने वाले को शक न हो.

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