देहरादून: शहरी विकास मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने गुरुवार को विधान सभा में 'अमृत योजना' 1 की प्रगति और “अमृत योजना“ 2 के संबंध में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक ही बाद उन्होंने इन योजनाओं के स्टेट्स को लेकर जानकारी दी. उन्होंने बताया अमृत 2 योजना के तहत प्रदेश के 27 शहरों का चयन किया गया है. इन शहरों में कार्य गतिमान है. उन्होंने कहा पहले फेज में तकरीबन 233 करोड़ के विकास कार्य किये जायेंगे.
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सभी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा राज्यों के तमाम शहरों में पेयजल समस्या के निजात के लिए फंडिंग की जाती है, इसलिए हमारा कर्त्तव्य है कि हम इसमें पूरी तत्परता से कार्य करें. उन्होंने कहा अमृत योजना का उद्देश्य प्रदेश के शहरों में जलापूर्ति, सीवरेज, जल निकासी, शहरी परिवहन तथा शहरों में अत्याधुनिक सुविधाओं का निर्माण करना है. इन सभी मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति कराना विभाग की जिम्मेदारी है.
शहरी विकास मंत्री ने कहा प्रदेश के शहरों में अमृत योजना-1 के तहत 151 योजनाएं कार्यरत हैं. जिनमें से 143 योजनाएं पूर्ण हो चुकीं हैं. शेष 8 योजनाओं को दिसम्बर 2024 तक पूर्ण करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. इसके अलावा उन्होंने अमृत योजना-2 पर भी जानकारी दी. उन्होंने बताया वर्ष 2021 से 2026 तक की समयावधि की ये योजना है. इसके अंतर्गत आने वाली योजनाओं पर विभाग तेजी से कार्य कर रहा है.
अमृत योजना-2 के बारे में जानकारी देते हुए मंत्री अग्रवाल ने बताया अमृत 2 योजना के तहत प्रदेश के 27 शहरों का चयन किया गया है. इन शहरों में कार्य गतिमान है. उन्होंने कहा पहले फेज में तकरीबन 233 करोड़ के विकास कार्य किये जायेंगे. दूसरे फेज के विकास कार्यों को धरातल पर उतरने के लिए लगभग 356 करोड़ की स्वीकृति के लिए भारत सरकार को भेज दिया गया है. शहरी विकास मंत्री ने कहा विभाग की पहली कोशिश है कि जनता को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाये. उन्होंने कहा यदि सभी कार्य ससमय पूर्ण हो जाते हैं तो प्रदेश के 27 शहरों को लगभग मार्च 2026 तक शत-प्रतिशत पेयजल सुविधाओं से आच्छादित किया जा सकेगा.