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आंवले की खेती आपको बनाएगा अमीर, अगर रखेंगे इन बातों का ख्याल - Amla Farming in Chhattisgarh

अगर आप भी आंवले की खेती से मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो कुछ खास बातों का ध्यान रखकर आप भी बंपर मुनाफा कमा सकते हैं.

Amla Farming
आंवला की खेती (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 30, 2024, 3:47 PM IST

आंवले की खेती के समय रखें इन बातों का ध्यान (ETV BHARAT)

रायपुर: छत्तीसगढ़ के किसानों को आंवला की खेती करते समय कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. साथ ही कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए. आंवले की किस्मों में कृष्णा और कंचन शामिल हैं. ये नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय फैजाबाद से निकली हुई किस्में हैं. आंवले की खेती करते समय किसानों को इस बात का ध्यान रखना जरूरी होता है. आंवले की फसल को पानी की कम आवश्यकता होती है. सबसे अनुपयोगी जमीन, जिसे परत भूमि के नाम से जाना जाता है, वहां पर आंवला की खेती की जा सकती हैं.

आंवले की खेती में रखें ध्यान: आंवले की खेती को लेकर ईटीवी भारत ने अधिक जानकारी के लिए रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ घनश्याम साहू से बातचीत की. कृषि वैज्ञानिक डॉ. घनश्याम साहू ने बताया कि, "उपरोक्त 4 किस्मों को लगाकर प्रदेश के किसान आंवला की खेती अच्छे से कर सकते हैं. छत्तीसगढ़ के किसानों को खेतों की मेड़ पर खासतौर पर आंवला के पौधे का रोपण किया जाना चाहिए. खेतों के मेड़ पर आंवले का पौधा लगाने से खेत का इको सिस्टम भी अच्छा रहेगा. पांचवें वर्ष से आंवला पेड़ फल देना शुरू कर देगा. इससे प्रदेश के किसानों को अतिरिक्त आय होगी. आंवले की खेती करते समय किसानों को इस बात का भी विशेष ध्यान रखना होगा कि आंवले की खेती करने के लिए कतार से कतार की दूरी 6 मीटर और पौधे से पौधे की दूरी 6 मीटर होनी चाहिए. आंवला बहूवर्षीय फसल है."

आंवले की खेती करने के समय गड्ढे की खुदाई करते समय लाल मिट्टी में दीमक का प्रकोप रहता है. ऐसे में दीमक से बचाव के लिए दीमक रोधी कीटनाशक दवा का प्रयोग करना चाहिए. गड्ढे की मिट्टी में 2 ग्राम दीमक रोधी कीटनाशक दवा का प्रयोग करना चाहिए. आंवला में इंडरबेला कीट का प्रकोप देखने को मिलता है, जिस पर नियंत्रण पाने के लिए किसानों को समय समय पर कीटनाशक दवा का छिड़काव करते रहना चाहिए. -डॉ घनश्याम साहू, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर

ऐसे में अगर आप आंवलें की खेती करने जा रहे हो, तो इन विशेष बातों का ध्यान रखकर आप आंवले की खेती कर मुनाफा कमा सकते हैं.

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आंवले की खेती के समय रखें इन बातों का ध्यान (ETV BHARAT)

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आंवले की खेती में रखें ध्यान: आंवले की खेती को लेकर ईटीवी भारत ने अधिक जानकारी के लिए रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ घनश्याम साहू से बातचीत की. कृषि वैज्ञानिक डॉ. घनश्याम साहू ने बताया कि, "उपरोक्त 4 किस्मों को लगाकर प्रदेश के किसान आंवला की खेती अच्छे से कर सकते हैं. छत्तीसगढ़ के किसानों को खेतों की मेड़ पर खासतौर पर आंवला के पौधे का रोपण किया जाना चाहिए. खेतों के मेड़ पर आंवले का पौधा लगाने से खेत का इको सिस्टम भी अच्छा रहेगा. पांचवें वर्ष से आंवला पेड़ फल देना शुरू कर देगा. इससे प्रदेश के किसानों को अतिरिक्त आय होगी. आंवले की खेती करते समय किसानों को इस बात का भी विशेष ध्यान रखना होगा कि आंवले की खेती करने के लिए कतार से कतार की दूरी 6 मीटर और पौधे से पौधे की दूरी 6 मीटर होनी चाहिए. आंवला बहूवर्षीय फसल है."

आंवले की खेती करने के समय गड्ढे की खुदाई करते समय लाल मिट्टी में दीमक का प्रकोप रहता है. ऐसे में दीमक से बचाव के लिए दीमक रोधी कीटनाशक दवा का प्रयोग करना चाहिए. गड्ढे की मिट्टी में 2 ग्राम दीमक रोधी कीटनाशक दवा का प्रयोग करना चाहिए. आंवला में इंडरबेला कीट का प्रकोप देखने को मिलता है, जिस पर नियंत्रण पाने के लिए किसानों को समय समय पर कीटनाशक दवा का छिड़काव करते रहना चाहिए. -डॉ घनश्याम साहू, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर

ऐसे में अगर आप आंवलें की खेती करने जा रहे हो, तो इन विशेष बातों का ध्यान रखकर आप आंवले की खेती कर मुनाफा कमा सकते हैं.

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