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अमित शाह देने वाले हैं बिग सरप्राइज़, हरियाणा को महिला डिप्टी सीएम समेत मिल सकते हैं 2 डिप्टी CM - HARAYA NEW GOVERNMENT OATH CEREMONY

Haryana get Big Surprise in New Government : क्या हरियाणा को नई सरकार में सरप्राइज़ मिलने जा रहा है, जानिए क्या हो सकता है.

Will Haryana get any surprise in the new government Amit Shah Mohan Yadav Nayab Singh Saini
अमित शाह देने वाले हैं बिग सरप्राइज़ ! (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 14, 2024, 10:32 PM IST

चंडीगढ़ : हरियाणा में नई सरकार के गठन की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही है. पार्टी के दिग्गज नेता लगातार तैयारियों का जायजा ले रहे हैं. बीजेपी जहां इस मौके पर पीएम, केंद्रीय मंत्रियों, बीजेपी शासित और सहयोगी राज्यों के सीएम को इस मौके पर बुलाकर अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन करेगी, वहीं बीजेपी की तरफ से गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है, जो सभी को सरप्राइज़ कर रहा है.

अमित शाह के पर्यवेक्षक बनने के मायने? : अमित शाह के पर्यवेक्षक बनने के बाद उम्मीद की जा रही है कि विधायक दल के नेता चुनने के अलावा नई सरकार में कई सरप्राइज भी देखने को मिल सकते हैं. वहीं राजनीतिक गलियारों में इसके मायने कई तरह के निकले जा रहे हैं कि विधायक दल के नेता चुनने में कोई गतिरोध न हो, उस स्थिति को अमित शाह से बेहतर कोई संभाल नहीं सकता है. इसलिए भी शायद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पर्यवेक्षक बनाया गया है. आने वाले महीनों में तीन अन्य राज्यों के चुनाव भी आ रहे हैं. वहां तक हरियाणा में मिली ऐतिहासिक सरकार बनने का संदेश भी पहुंचे, पार्टी की ये कोशिश रहेगी.

दो डिप्टी सीएम बन सकते हैं : राजनीतिक मामलों के जानकर धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पर्यवेक्षक बनाना एक तो ये बताता है कि पार्टी को कहीं न कहीं अंदेशा है कि विधायक दल के नेता के चुनाव में विरोध हो सकता है. इसी को देखते हुए पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी पार्टी ने राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह को दी है. वहीं अन्य राज्यों के चुनाव से पहले पार्टी हरियाणा में बिना किसी विरोध के सरकार बनाकर बड़ा संदेश देना चाहेगी, जिसकी वजह से भी अमित शाह को ये जिम्मेदारी दी गई है. इसके साथ ही वे कहते हैं कि इसके पीछे की दूसरी वजह कोई सरप्राइजिंग फैक्टर भी हो सकता है. यानी पार्टी हरियाणा की नई सरकार के गठन को लेकर कोई अहम निर्णय भी ले सकती है. उसमें दो डिप्टी सीएम भी बन सकते हैं, और हो सकता है कोई महिला डिप्टी सीएम बने. इसके साथ ही कैबिनेट में दो से तीन महिलाओं को भी शामिल कर पार्टी देश की आधी आबादी को बड़ा संदेश देना चाहेगी.

बाकी राज्यों को संदेश : इधर वरिष्ठ पत्रकार राजेश मोदगिल भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का हरियाणा का पर्यवेक्षक बनने के पीछे की वजह बताते हुए कहते हैं कि पार्टी बिना किसी व्यवधान के विधायक दल का नेता चुनना चाह रही है, जिससे पार्टी देश के अन्य राज्यों को भी संदेश देगी कि बीजेपी में सबकी सहमति से काम होता है. इसके जरिए पार्टी आने वाले अन्य राज्यों के चुनावों के लिए भी बड़ा संदेश देने की कोशिश कर सकती है. इसके साथ ही नई कैबिनेट में भी अमित शाह की राजनीतिक क्षमता का असर देखने को मिल सकता है. यानी पार्टी सभी वर्गों को साधकर बड़ा संदेश दे सकती है.

कौन कौन मंत्री बनने की दौड़ में शामिल ? : वैसे तो पार्टी ने पहले ही सीएम फेस घोषित कर चुनाव लड़ा है. ऐसे में ये तो तय माना जा रहा है कि विधायक दल के नेता कार्यवाहक सीएम नायब सैनी ही होंगे. वहीं उनकी कैबिनेट में पिछली सरकार में मंत्री रहे मूलचंद शर्मा और महिपाल ढांडा फिर से मंत्री बन सकते हैं. इसके साथ ही इस बार मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे भी शामिल होंगे. पूर्व गृह मंत्री अनिल विज मंत्री बन सकते हैं. चर्चा ये भी है कि उनको पार्टी विधानसभा अध्यक्ष भी बना सकती हैं. इसके साथ ही निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल, 2014 की मनोहर सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे राव नरबीर सिंह और विपुल गोयल भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं. वहीं कृष्ण लाल पंवार और कृष्ण बेदी भी 2014 में बीजेपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं, उनको फिर से मंत्री बनाया जा सकता है. जबकि पूर्व डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा को फिर से मौका मिल सकता है.

अहीरवाल क्षेत्र को मिलेगी तरजीह : वहीं इस बार अहिरवाल क्षेत्र को मंत्रिमंडल में तरजीह मिल सकती है. दो मंत्री इस इलाके से बन सकते हैं, जिसमें आरती राव और लक्ष्मण यादव या फिर ओपी यादव मंत्री बन सकते हैं. वहीं दो महिला विधायक कृष्णा गहलावत और श्रुति चौधरी को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. वहीं श्याम सिंह राणा का भी नाम मंत्रिमंडल में आ सकता है. वहीं कुछ विधायकों ने मंत्री बनने के लिए दिल्ली में डेरा डाला हुआ है. हालांकि बीजेपी मंत्रिमंडल में सभी को हैरान करने वाला फैसला भी कर सकती है, जिसकी संभावनाओं से इनकार करना भी मुश्किल है.

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ये भी पढ़ें : हरियाणा में 17 अक्टूबर को क्यों होने वाला है नए CM का शपथग्रहण, सामने आई ये बड़ी वजह

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ये भी पढ़ें : हरियाणा की नई सरकार में कौन बनेगा कैबिनेट मंत्री, क्या कहते हैं जातीय समीकरण?

चंडीगढ़ : हरियाणा में नई सरकार के गठन की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही है. पार्टी के दिग्गज नेता लगातार तैयारियों का जायजा ले रहे हैं. बीजेपी जहां इस मौके पर पीएम, केंद्रीय मंत्रियों, बीजेपी शासित और सहयोगी राज्यों के सीएम को इस मौके पर बुलाकर अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन करेगी, वहीं बीजेपी की तरफ से गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है, जो सभी को सरप्राइज़ कर रहा है.

अमित शाह के पर्यवेक्षक बनने के मायने? : अमित शाह के पर्यवेक्षक बनने के बाद उम्मीद की जा रही है कि विधायक दल के नेता चुनने के अलावा नई सरकार में कई सरप्राइज भी देखने को मिल सकते हैं. वहीं राजनीतिक गलियारों में इसके मायने कई तरह के निकले जा रहे हैं कि विधायक दल के नेता चुनने में कोई गतिरोध न हो, उस स्थिति को अमित शाह से बेहतर कोई संभाल नहीं सकता है. इसलिए भी शायद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पर्यवेक्षक बनाया गया है. आने वाले महीनों में तीन अन्य राज्यों के चुनाव भी आ रहे हैं. वहां तक हरियाणा में मिली ऐतिहासिक सरकार बनने का संदेश भी पहुंचे, पार्टी की ये कोशिश रहेगी.

दो डिप्टी सीएम बन सकते हैं : राजनीतिक मामलों के जानकर धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पर्यवेक्षक बनाना एक तो ये बताता है कि पार्टी को कहीं न कहीं अंदेशा है कि विधायक दल के नेता के चुनाव में विरोध हो सकता है. इसी को देखते हुए पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी पार्टी ने राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह को दी है. वहीं अन्य राज्यों के चुनाव से पहले पार्टी हरियाणा में बिना किसी विरोध के सरकार बनाकर बड़ा संदेश देना चाहेगी, जिसकी वजह से भी अमित शाह को ये जिम्मेदारी दी गई है. इसके साथ ही वे कहते हैं कि इसके पीछे की दूसरी वजह कोई सरप्राइजिंग फैक्टर भी हो सकता है. यानी पार्टी हरियाणा की नई सरकार के गठन को लेकर कोई अहम निर्णय भी ले सकती है. उसमें दो डिप्टी सीएम भी बन सकते हैं, और हो सकता है कोई महिला डिप्टी सीएम बने. इसके साथ ही कैबिनेट में दो से तीन महिलाओं को भी शामिल कर पार्टी देश की आधी आबादी को बड़ा संदेश देना चाहेगी.

बाकी राज्यों को संदेश : इधर वरिष्ठ पत्रकार राजेश मोदगिल भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का हरियाणा का पर्यवेक्षक बनने के पीछे की वजह बताते हुए कहते हैं कि पार्टी बिना किसी व्यवधान के विधायक दल का नेता चुनना चाह रही है, जिससे पार्टी देश के अन्य राज्यों को भी संदेश देगी कि बीजेपी में सबकी सहमति से काम होता है. इसके जरिए पार्टी आने वाले अन्य राज्यों के चुनावों के लिए भी बड़ा संदेश देने की कोशिश कर सकती है. इसके साथ ही नई कैबिनेट में भी अमित शाह की राजनीतिक क्षमता का असर देखने को मिल सकता है. यानी पार्टी सभी वर्गों को साधकर बड़ा संदेश दे सकती है.

कौन कौन मंत्री बनने की दौड़ में शामिल ? : वैसे तो पार्टी ने पहले ही सीएम फेस घोषित कर चुनाव लड़ा है. ऐसे में ये तो तय माना जा रहा है कि विधायक दल के नेता कार्यवाहक सीएम नायब सैनी ही होंगे. वहीं उनकी कैबिनेट में पिछली सरकार में मंत्री रहे मूलचंद शर्मा और महिपाल ढांडा फिर से मंत्री बन सकते हैं. इसके साथ ही इस बार मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे भी शामिल होंगे. पूर्व गृह मंत्री अनिल विज मंत्री बन सकते हैं. चर्चा ये भी है कि उनको पार्टी विधानसभा अध्यक्ष भी बना सकती हैं. इसके साथ ही निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल, 2014 की मनोहर सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे राव नरबीर सिंह और विपुल गोयल भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं. वहीं कृष्ण लाल पंवार और कृष्ण बेदी भी 2014 में बीजेपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं, उनको फिर से मंत्री बनाया जा सकता है. जबकि पूर्व डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा को फिर से मौका मिल सकता है.

अहीरवाल क्षेत्र को मिलेगी तरजीह : वहीं इस बार अहिरवाल क्षेत्र को मंत्रिमंडल में तरजीह मिल सकती है. दो मंत्री इस इलाके से बन सकते हैं, जिसमें आरती राव और लक्ष्मण यादव या फिर ओपी यादव मंत्री बन सकते हैं. वहीं दो महिला विधायक कृष्णा गहलावत और श्रुति चौधरी को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. वहीं श्याम सिंह राणा का भी नाम मंत्रिमंडल में आ सकता है. वहीं कुछ विधायकों ने मंत्री बनने के लिए दिल्ली में डेरा डाला हुआ है. हालांकि बीजेपी मंत्रिमंडल में सभी को हैरान करने वाला फैसला भी कर सकती है, जिसकी संभावनाओं से इनकार करना भी मुश्किल है.

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