गढ़वाः एक एसीबी अधिकारी के कॉल के बाद अनुबंध पर सेवा दे रहे सरकारी अमीन ने इस्तीफा दे दिया है. अमीन ने पूरे मामले में एसीबी के टॉप अधिकारियों को भी पत्र लिखा है.
कॉल कर मिलने के लिए बुलाया था डाल्टनगंज
अमीन का नाम कृष्णा मिस्त्री है. उन्होंने बताया कि 27 जून को एक मिस कॉल आया था. कॉल बैक करने पर एक व्यक्ति ने खुद को एसीबी का अधिकारी बताया और मुलाकात करने को कहा. कृष्णा मिस्त्री एसीबी अधिकारी से मुलाकात करने डालटनगंज गया था. डाल्टनगंज में उक्त व्यक्ति ने खुद को एसीबी का अधिकारी बता कर कृष्णा से मुलाकात की और कहा कि उनके खिलाफ बहुत शिकायत मिली है.
सरकारी अमीन से की गई थी 90 हजार रुपये की डिमांड
कृष्णा मिस्त्री का आरोप है कि तथाकथित एसीबी अधिकारी ने उससे एक लाख रुपये की मांग की. जब उसने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई तो बाद में मुलाकात करने वाले व्यक्ति ने कृष्ण मिस्त्री से 90 हजार रुपये की मांग की.
पैसा नहीं देने पर जेल भेजने की दी गई थी धमकी
इस दौरान कृष्णा मिस्त्री को बताया गया कि चिनिया नावा लातेहार में बहुत से लोगों को ट्रैप कर जेल भेजा गया है. जेल भेजने से पहले उन लोगों को भी फोन किया गया था, लेकिन उन्होंने फोन का रिस्पांस नहीं दिया था. कृष्ण मिस्त्री का कहना है कि सोमवार तक उनसे 90 हजार रुपए की मांग की गई थी और रुपए नहीं देने पर जेल भेज देने की बात कही गई थी.
मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर चार जुलाई को नौकरी से दिया इस्तीफा
सरकारी अमीन कृष्णा मिस्त्री ने बताया कि उनके मोबाइल पर एक से चार जुलाई तक कई बार कॉल आया था. मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर उन्होंने चार जुलाई को नौकरी से इस्तीफा दे दिया.
एसीबी प्रमुख को लिखा पत्र
कृष्ण मिस्त्री ने पूरे मामले में रजिस्ट्री के माध्यम से एसीबी के प्रमुख पत्र लिखा है. साथ ही पत्र की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, डीआईजी एसीबी, गढ़वा डीसी, गढ़वा एसपी और एसीबी के एसपी को पत्र भेजा है.
मामले की जांच की मांग
कृष्णा मिस्त्री का कहना है कि एसीबी के अधिकारी बनकर उन्हें प्रताड़ित किया गया है. पूरे मामले में जांच होनी चाहिए. उन्हें प्रताड़ित करने वाला कौन है इसकी भी जांच होनी चाहिए.
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