जयपुर : जयपुर में वक्फ बोर्ड के नाम पर जमीनों पर अतिक्रमण और मिनी पाकिस्तान बसाने के डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के आरोपों पर कांग्रेस विधायक अमीन कागजी ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा किरोड़ीलाल मीणा ने किन तथ्यों के आधार पर यह बात कही है. सरकार को इसकी जांच करवानी चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले 15-20 साल में कितनी जमीन ट्रांसफर हुई और कितनी जमीनों पर कब्जा हुआ, इसकी सरकार को जांच करवानी चाहिए. यह सरकार के क्षेत्राधिकार का मामला है, लेकिन झूठे आरोप लगाकर भ्रमित नहीं करना चाहिए.
मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में अमीन कागजी ने कहा कि किरोड़ीलाल मीणा का यह टार्गेटेड बयान है. सरकार के पास सारे अधिकार हैं. किरोड़ीलाल मीणा जो कह रहे हैं, वे जिस तरह ईडी और सीबीआई की बात कर रहे हैं, जांच करवाएं ना, लेकिन लोगों को झूठे आरोप लगाकर भ्रमित नहीं करें.
20 साल में कितनी जमीन ट्रांसफर हुई, जांच हो : अमीन कागजी ने कहा कि अगर वो आदमी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से जुड़े हुए हैं. इसका यह मतलब नहीं है कि पूरी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का इसमें इन्वॉल्वमेंट है. एक आदमी का इन्वॉल्वमेंट है. जांच करवाएं कि पिछले 15-20 साल में कौन सी जमीनें ट्रांसफर हुई हैं. कौनसी जमीनों पर अतिक्रमण हुए. यह सरकार के अधिकार क्षेत्र में है और सरकार को काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि झूठे आरोप लगाने से लोग बहुत भ्रमित हो चुके हैं. झूठे आरोपों की वजह से ही आज हरियाणा में इनका यह हश्र होने जा रहा है. दस दिन बाद सबको पता चल जाएगा. भाजपा उल्टे मुंह गिरेगी.
दस महीने में सरकार काम नहीं कर पाई : अमीन कागजी ने कहा कि दस महीने में सरकार फ्लाइंग मोड में आई ही नहीं. आठ महीने बाद आईएएस-आईपीएस की तबादला सूची आई है. हमारी योजनाओं को बंद करने के अलावा इन्होंने कोई काम नहीं किया. जयपुर में बरसात में क्या हाल हुआ.? पिछले साल हमने कन्टीनजेन्सी प्लान बनाकर चार महीने पहले ही टेंडर करवा दिए थे, जैसे ही बारिश खत्म हुई. दीपावली तक हमने पूरे शहर की सड़कों को दुरुस्त करवा दिया था.
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ये न बिजली दे पा रहे, न ही पानी : कागजी ने कहा कि बरसात खत्म हुए एक सप्ताह हो गया है. कोई सुध नहीं ली गई. दीपावली आने वाली है. फेस्टिवल सीजन है. दुनियाभर के पर्यटक आ रहे हैं. जयपुर शहर में रोजाना 200 करोड़ रुपए का व्यापार होता है, जिससे जीएसटी के रूप में ही 36 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता है. जयपुर में सरकार इतनी उदासीन है कि कोई काम नहीं हो पा रहा है. इन्वेस्टमेंट हो, उद्योग नीति हो या रिप्स-2024. हमारी ही योजनाओं में हमारी ही प्लानिंग को नए तरीके से पेश किया जा रहा है. हमने जयपुर में 36 किलोमीटर की नई पाइपलाइन बिछाई थी, जो आज भी सूखी पड़ी है. ये न बिजली दे पा रहे हैं और ना ही पानी.