पंचकूला: देश भर में लोकसभा चुनाव की सरगर्मी बनी हुई है. हरियाणा की भी 10 लोकसभा सीटों पर छठे चरण में 25 मई को मतदान होना है. बीजेपी के बाद अब कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. जिसके बाद अंबाला लोकसभा सीट पर चुनाव दिलचस्प हो गया है. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने इस सीट पर नए चेहरों को उतारा है.
अंबाला लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला! अंबाला लोकसभा सीट से बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रतनलाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया को टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने मुलाना से विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष फूलचंद मुलाना के बेटे वरुण मुलाना पर दांव खेला है. एक तरफ बीजेपी उम्मीदवार बंतो कटारिया को पार्टी की मजबूती और पति रतन लाल कटारिया के नाम की सहानुभूति मिलने की उम्मीद है. दूसरी तरफ कांग्रेस उम्मीदवार वरुण मुलाना से विधायक हैं. उन्हें भी पार्टी के नाम समेत पिता के राजनीतिक अनुभव का लाभ मिलने की उम्मीद है. हालांकि इनके अलावा इनेलो ने भी सिख उम्मीदवार एडवोकेट सरदार गुरप्रीत सिंह सहोटा को टिकट दिया है.
विधानसभा क्षेत्रों की अहम भूमिका: अंबाला लोकसभा सीट के अंतर्गत अधिकांश विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक हैं, लेकिन कई ऐसे विधानसभा क्षेत्र भी हैं, जहां कांग्रेसी विधायक हैं. जैसे कालका, नारायणगढ़, सढौरा व मुलाना विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. कांग्रेस यहां और अन्य क्षेत्र में मतदाताओं को साथ जोड़ने के प्रयास में हैं. जबकि भाजपा अपने 10 साल के कार्यों व उपलब्धियां के आधार पर मोदी की गारंटी के साथ मतदाताओं का समर्थन मांग रही है.
क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ? हरियाणा के राजनीतिक मामलों के विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ पत्रकार अवतार भांवरा ने बताया कि दोनों उम्मीदवार राजनीतिक तौर पर परिपक्व हैं. दोनों ही जीत के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. जहां कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रही है, वहीं भाजपा मोदी की गारंटियों पर जोर दे रही है. लेकिन देखना होगा कि लोग मोदी की गारंटी पर भरोसा करते हैं या फिर कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विजय पताका फहरा पाती है.
'जनता का विश्वास जीतना चुनौती': राजनीतिक मामलों के विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ पत्रकार कमल जोशी ने कहा कि चुनावी मैदान में उतरे सभी नए प्रत्याशी अपने-अपने तरीकों से जनसंपर्क कर रहे हैं. सभी प्रत्याशी विभिन्न दावे करने समेत सरकार के कामकाज, उपलब्धियां, कमियां-खामियां गिना रहे हैं. लेकिन उनके लिए सबसे जरूरी लोगों में खुद के लिए विश्वास पैदा करना है. लोगों से निकटता कायम रख उनका भरोसा जीतने पर ही मतदाता को अपने पक्ष में खड़ा किया जा सकता है. क्योंकि सभी प्रत्याशी पहली बार लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में हैं.